BJP में जाने के बाद भी Sanjay Shukla और भाई राजेंद्र शुक्ला को अवैध खनन में 140 करोड़ का नोटिस

मध्यप्रदेश में पूर्व विधायक संजय शुक्ला और उनके भाई राजेंद्र शुक्ला व अन्य पर कुल 140 करोड़, 63 लाख 14 हजार 330 रुपए की पेनाल्टी का नोटिस खनिज विभाग ने दिया है। यह पेनाल्टी अभी तक के खनन इतिहास की सबसे बड़ी पेनाल्टी बताई जा रही है।

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Jitendra Shrivastava
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संजय गुप्ता, INDORE. कांग्रेस से बीजेपी में गए पूर्व विधायक संजय शुक्ला ( Sanjay Shukla ) को फिलहाल पार्टी बदलने का कोई लाभ नहीं मिला है। अवैध खनन के मामले में 8 फरवरी 2024 में खनिज विभाग ने उन पर अवैध खनन 140 करोड़ रुपए का करने का हिसाब बनाया था, तब नोटिस जारी करने की तैयारी थी। लेकिन बाद में शुक्ला इसी नोटिस के दबाव में बीजेपी में चले गए। इसके बाद उन्हें लग रहा था और माना जा रहा था कि यह नोटिस की कार्रवाई रुक जाएगी, लेकिन जिला प्रशासन ने औपचारिक तौर पर अवैध खनन का उन पर केस दर्ज कर लिया है और यह नोटिस सोमवार, 1 अप्रैल को जारी कर दिया। नोटिस संजय शुक्ला के साथ ही उनके भाई राजेंद्र शुक्ला व अन्य पर कुल 140 करोड़, 63 लाख 14 हजार 330 रुपए का है। 

इन सभी को मिला है नोटिस

खनिज विभाग द्वारा बनाए गए अवैध उत्खनन के पंचनामे और रिपोर्ट के बाद यह नोटिस अपर कलेक्टर गौरव बैनल की कोर्ट से जारी हो गया है। यह नोटिस संजय और राजेंद्र के अलावा ईडन गार्डन गृह निर्माण सहकारी संस्था तर्फे नीलेश पिता बनवारी लाल पंसारी, निवासी खजराना, मेहरबान सिंह पिता प्रेमसिंह राजपूत निवासी बारोली के भी नाम पर है।

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इतना किया अवैध खनन

जानकारी के अनुसार अभी तक इंदौर में खनन विभाग की सबसे बड़ी पेनल्टी शुक्ला परिवार पर लगी है। इसमें खनन विभाग ने पाया कि ग्राम बारोली के सर्वे नंबर 3/1/2 और 3/1/12 के कुल नौ हेक्टेयर जमीन पर अवैध रूप से मुरम और पत्थर निकाली। अवैध मुरम करीब चार लाख घन मीटर से ज्यादा है तो पत्थर करीब सवा दो लाख घन मीटर है। अवैध खनन के नियमों के तहत इस पर 140 करोड़ से ज्यादा की पेनल्टी बनती है। इस पर अपर कलेक्टर कोर्ट ने सभी पक्षों से जवाब मांगा है। 

अभी तक के इतिहास की सबसे बड़ी पेनाल्टी

यह पेनल्टी को अभी तक के खनन इतिहास की सबसे बड़ी पेनाल्टी बताई जा रही है। साल 2017 में प्रदूषण विभाग ने खदान बंद करने के आदेश दिए, लेकिन इसके बाद भी खुदाई चलती रही। तत्कालीन कलेक्टर डॉ. इलैयाराजा टी के आदेश पर यहां छापा मारकर क्रेश मशीन जब्त कर कमेटी बनाकर जांच कराई गई और खदान को सील किया गया।

नपती के बाद पता चला इतना हुआ अवैध खनन

प्रशासन द्वारा कराई गई नपती के बाद पता चला कि जो खदान आवंटित हुई उससे चार किमी दूर पर यह अवैध खनन चल रहा था। नपती करने के बाद जब राशि का हिसाब निकला तो सभी चौंक पड़े यह 140 करोड़ के ऊपर निकल गई। 

कांग्रेस छोड़ने की एक वजह नोटिस भी था

फरवरी 2024 में जिला प्रशासन ने यह नोटिस का हिसाब बनाया था। इसके कुछ दिन बाद संजय शुक्ला ने विशाल पटेल के साथ बीजेपी ज्वाइन कर ली। इस नोटिस को भी कांग्रेस छोड़ने की एक बड़ी वजह माना गया। शुक्ला को लगा था कि बीजेपी में जाने के बाद सत्ता की छतरी में नोटिस से बचाव होगा, लेकिन प्रशासन ने अपनी कानूनी कार्रवाई जारी रखी और औपचारिक तौर पर नोटिस जारी कर दिया।

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