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मध्यप्रदेश के जबलपुर में एक हैरान कर देने वाली घटना सामने आई है। इस घटना ने न केवल पुलिस बल को, बल्कि एक पूरे परिवार को भी हिला दिया। यहां 13 साल की एक मासूम बच्ची का अपहरण हो गया। किडनैपर ने परिजन से 15 लाख रुपए की फिरौती की मांग की। इस घटना में किडनैपर ने पुलिस को पांच घंटे तक गुमराह किया। जानें किडनैपिंग की पूरी कहानी...
बच्ची चाहिए तो 15 लाख लेकर आ जाना...
रविवार सुबह जब प्रियदर्शनी कॉलोनी में बच्ची घर से गायब मिली, तो उसकी मां और नानी ने ढूंढना शुरू किया। तभी उसके कमरे में एक नोट मिला, इसमें लिखा था—
तुम लोगों की बच्ची हमारे पास है। अगर उसे बचाना है तो अगले महीने की 10 तारीख को 15 लाख रुपए लेकर बड़ी खेरमाई मंदिर (Badi Khermai Temple) आ जाना... वरना बच्ची के चिथड़े तोहफे में मिलेंगे...
इस मैसेज ने घरवालों के होश उड़ा दिए। घबराई मां ने तुरंत खमरिया थाना पुलिस (Khamaria Police Station) को इसकी सूचना दी।
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पुलिस ने 5 घंटे में अपहरणकर्ता का किया खुलासा
अपहरण और फिरौती की खबर मिलते ही खमरिया थाना पुलिस सतर्क हो गई। थाना प्रभारी सरोजनी चौकसे और सीएसपी सतीष साहू ने तुरंत कार्रवाई शुरू की। आसपास के CCTV कैमरे खंगाले गए, ऑटो चालकों से पूछताछ हुई। लम्बे समय तक पुछताछ के बाद पुलिस को एक ड्राइवर मिला। ड्राइवर ने बताया कि उसने बच्ची को सदर इलाके (Sadar Area) में छोड़ा था। पुलिस ने उस क्षेत्र में सर्च ऑपरेशन चलाया और 5 घंटे में बच्ची को सदर की गली नंबर 7 से बरामद कर लिया।
हैंडराइटिंग ने खोली पूरी पोल
सीएसपी सतीश साहू ने बताया कि बच्ची को वापस लाने के बाद पुलिस ने फिरौती नोट की हैंडराइटिंग का मिलान स्कूल की कॉपी से किया। नतीजा साफ था-नोट उसी ने लिखा था। पूछताछ में बच्ची ने बताया कि वह घर के डांट-फटकार से परेशान थी। उसे मोबाइल पर दोस्तों से बात और लिपस्टिक लगाने से मना किया जाता था। वह चाहती थी कि उसे एक महीना शांति से रहने को मिले। इसलिए उसने खुद ही अपहरण की पूरी कहानी रच डाली।
पिता से अलग मां और बच्ची नानी के साथ रहती है
बच्ची के माता-पिता के बीच 12 साल पहले विवाद हुआ था। तब से बच्ची अपनी मां और नानी के साथ रहती है। मां नौकरी करती हैं। बच्ची को यह अहसास था कि बाहर रहने के लिए पैसे चाहिए होंगे, इसलिए उसने अपनी गुल्लक भी फोड़ दी थी।
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किशोरावस्था में बच्चों को समझने की जरूरत
यह घटना माता-पिता और समाज को आईना दिखाती है। छोटी सी बात को लेकर बच्ची इतना बड़ा कदम उठा सकती है, यह बताता है कि किशोरावस्था (Adolescence) में भावनाओं को समझना कितना जरूरी है। बच्चों पर सिर्फ नियंत्रण नहीं, संवाद और सहानुभूति की जरूरत होती है।
सामाजिक समाधान (Social Impact and Solutions)
- पैरेंटिंग में संवाद (Communication in Parenting): बच्चों की बात सुनना और उनके विचारों को समझना बेहद जरूरी है।
- इमोशनल एजुकेशन (Emotional Education): स्कूलों और घरों में बच्चों को भावनात्मक संतुलन सिखाया जाए।
- साइकोलॉजिकल सपोर्ट (Psychological Support): किशोरों के लिए परामर्शदाताओं (Counsellors) की उपलब्धता बढ़ाई जाए।
- सोशल मीडिया & डिजिटल अनुशासन: बच्चों की स्क्रीन टाइम और डिजिटल आदतों पर नजर रखना जरूरी है।
- समाज में संवेदनशीलता: इस तरह की घटनाएं हमें बच्चों को केवल 'नाबालिग' नहीं, 'नाजुक मन' समझने की जरूरत बताती हैं।
संक्षेप में समझे पूरी घटना
- 13 साल की बच्ची ने खुद का अपहरण दिखाकर मां से 15 लाख की फिरौती मांगी।
- वजह थी-मोबाइल और लिपस्टिक को लेकर मां की डांट।
- पुलिस ने 5 घंटे में उसे सदर इलाके से खोज निकाला।
- फिरौती नोट उसी की हैंडराइटिंग में मिला; बच्ची ने साजिश कबूल की।
- मामला भावनात्मक अनदेखी और संवाद की कमी को उजागर करता है।
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