MP में धड़ल्ले से हो रहा नकली मावे का इस्तेमाल, ऐसे करें असली की पहचान

दिवाली जैसे त्यौहारों पर खाने वाली मिठाई कहीं आपको गंभीर बीमार न कर दे। जिस मावे से मिठाई बन रही है, क्या आपको पता है वह असली है या नकली। प्रदेश में पिछले 10 महीनो में 121 क्विंटल नकली मावा पकड़ा गया है। ऐसे में मावे की शुद्धता की जांच कैसे करें?

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Madhav Singh
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मध्य प्रदेश में त्यौहारों पर नकली मावे की खपत बड़ जाती है। लोगों को पता नहीं चलता कि वह जो मिठाईयां खा रहे हैं वह असली मावे से बनी हैं या नकली मावे से। इसकी पहचान कर पाना भी आसान नहीं है। प्रदेश में पिछले 10 महीनों में 121 क्विंटल नकली मावा पकड़ा गया है। इससे आप अनुमान लगा सकते हैं कि किस तरह प्रदेश में नकली मावे की खपत हो रही है। 

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10 माह में पकड़ा गया 121 क्विंटल नकली मावा

जानकारी के अनुसार राजधानी भोपाल में सबसे ज्यादा नकली मावा ट्रेन और सड़क मार्ग से आता है। ग्वालियर-चंबल संभाग के अलावा आगरा, धौलपुर और झांसी के रूट पर सक्रिय मावा माफिया बाजार में नकली माल खपा रहे हैं। बात करें इस साल की तो पिछले 10 महीनों के अंदर 121 क्विंटल नकली मावा पकड़ा जा चुका है, वहीं दिवाली को बस कुछ ही दिन रह गए हैं। जब त्यौहारों का सीजन नहीं होता है, तब ऐसे आम दिनों में भोपाल में रोजाना मावे की खपत करीब 35 से 40 क्विंटल होती है, जो त्योहारों के समय 65 क्विंटल तक पहुंच जाती है। 

तीन सालों में पकड़ा गया इतना नकली मावा

आंकड़ो की मानें तो वर्ष 2021 में 41 क्विंटल नकली मावा पकड़ा गया था। वहीं साल 2022 में 125 क्विंटल और साल 2023 में 90 क्विंटल नकली मावा प्रदेश में पकड़ा गया है। इससे पता चलता है कि प्रदेश में किस हद तक नकली मावे की खपत हो रही है।

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क्या कहा खाद्य अधिकारी ने 

खाद्य अधिकारी देवेंद्र दुबे ने बताया कि त्यौहारों के समय बड़े पैमाने पर मावा माफिया सक्रिय रहते हैं। यही कारण है कि नकली मावा पकड़ा जा रहा है, इस साल बड़े पैमाने पर अमानक स्तर का मावा पकड़ा गया है, जिसकी जांच चल रही है। 

नकली मावे के साथ नकली नमकीन भी

मध्य प्रदेश में नकली मावे के अलावा नकली नमकीन की भी बड़े पैमाने पर खपत की जा रही है। इस के चलते खाद्य विभाग की टीम मिठाई के कारखानों से लेकर नमकीन के कारखानों तक छापे मारकर कार्रवाई कर रही है।

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क्या हैं नकली मावे के नुकसान ?

बताया गया है कि अगर आप नकली मावे का सेवन करते हैं तो इसका असर आपकी सेहत पर भी पड़ता है, जिसके दुष्परिणाम हो सकते हैं। इनमें स्वास्थ्य समस्याएं, पाचन में परेशानी, एलर्जी और रिएक्शन, कैंसर का खतरा, गर्भवती और बच्चों को नुकसान आदि समस्याएं आ सकती हैं।

ऐसे करें मावे की जांच

खाद्य पदार्थों की शुद्धता जांचने के लिए आयोडीन टिंचर नामक केमिकल का उपयोग किया जाता है। इस केमिकल की 4 बूंद मावे के नमूने पर डालें और टेस्ट ट्यूब में थोड़ा सा मिनरल वॉटर मिलाएं, अगर मावे का रंग बैंगनी हो जाता है तो वह असली है। अगर बूंदें मावे को काला कर दें, तो वह मावा नकली है।

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