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जबलपुर में पुलिस ने 5 लाख रुपए के नकली नोटों के साथ दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है। इन आरोपियों में एक मास्टरमाइंड ऋतुराज विश्वकर्मा है। इसने 8 महीने तक रिसर्च करने के बाद नकली नोट बनाने की योजना बनाई थी। उसने लैपटॉप और प्रिंटर का उपयोग करके 500-500 रुपए के नोट बनाए थे। इन्हें असली नोट की तरह दिखने की कोशिश की गई थी।
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नोटों की छपाई का शातिर तरीका
ऋतुराज ने नकली नोट बनाने के लिए अलग-अलग तकनीकों का इस्तेमाल किया। उसने 8 महीने तक यूट्यूब और गूगल पर रिसर्च करने के बाद नकली नोट बनाने की योजना बनाई थी। ऋतुराज ने असली नोट जैसे दिखने वाले 500 रुपए के नोट की डिजाइन बनाने के लिए पेंट सॉफ़्टवेयर का उपयोग किया। इसके बाद, प्रिंटर की मदद से उन डिजाइन को व्हाइट पेपर पर प्रिंट किया। हालांकि, असली नोट में जो सुरक्षा फीचर्स होते हैं, जैसे चांदी की तार, वह इन नकली नोटों में नहीं थे। इसके बावजूद, ये नोट असली जैसे दिखते थे। इससे इन्हें बाजार में खपाने में मदद मिल सकती थी।
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जल्दी अमीर बनना चाहता था ऋतुराज
ऋतुराज ने बताया कि वह बहुत जल्दी अमीर बनना चाहता था, लेकिन प्राइवेट नौकरी से यह संभव नहीं था। उसने कई फिल्मों और वेब सीरीज देखकर नकली नोट बनाने का विचार किया। 8 महीने की रिसर्च के बाद उसे यह तरीका समझ में आया। उसने अपने शातिर प्लान को अंजाम देना शुरू किया।
पुलिस नें की गिरफ्तारियां
ऋतुराज ने अपने साथी रवि दाहिया को 500 रुपए के नकली नोट खपाने के लिए इस्तेमाल किया था। रवि ने इन नोटों को मंडी मदार-टेकरी के पास बाजार में घुमाने की कोशिश की थी। पुलिस ने रवि को पकड़ा और उसके पास से 2 लाख 94 हजार रुपए के नकली नोट बरामद किए। इसके बाद, पुलिस ने ऋतुराज को भी गिरफ्तार किया। उसके घर से करीब 4 लाख 88 हजार रुपए के नकली नोट, लैपटॉप, प्रिंटर और अन्य सामग्री बरामद की।
नकली नोटों खपाने की डील
पूछताछ के दौरान, ऋतुराज ने बताया कि उसने और उसके साथी रवि ने नकली नोटों को बाजार में खपाने के लिए एक डील की थी। इसमें 70% फायदा ऋतुराज को और 30% रवि को मिलता। इसके अलावा, यदि कोई व्यक्ति बड़ी मात्रा में नकली नोट लेता, तो उसके बदले असली नोट दिए जाने का भी प्लान था। पुलिस ने अब गिरोह के अन्य सदस्यों को पकड़ने के लिए छानबीन शुरू कर दी है।
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दिन में प्राइवेट नौकरी, रात में नकली नोट की छपाई
ऋतुराज एक कंप्यूटर फ्रेंडली व्यक्ति है और उसने बीबीए और बैंकिंग कोर्स किया है। वह दिन में प्राइवेट नौकरी करता था और रात में घर के एक कमरे में नकली नोट बनाता था। उसकी पत्नी और बच्चा इस अपराध से पूरी तरह अनजान थे। उसने नकली नोट बनाने के लिए महंगे रंग का इस्तेमाल किया था और व्हाइट पेपर भी ऑनलाइन मंगाए थे।
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