मध्यप्रदेश के गुना जिले में पुलिस ने एक ऐसे गिरोह का पर्दाफाश किया है, जो YouTube से नकली नोट बनाने का तरीका सीखकर 6 महीने तक 100 और 200 रुपए के नकली नोट (Fake Currency) बाजार में चला रहा था। इस गिरोह के दो मुख्य आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। उनके पास से नकली नोट छापने के लिए इस्तेमाल किए गए प्रिंटर, इंक, और अन्य उपकरण भी जब्त किए गए हैं। यह मामला न सिर्फ स्थानीय पुलिस बल्कि एसपी को भी चौंका देने वाला है।
YouTube से सीखकर बना नकली नोट
गुना पुलिस ने कोतवाली थाना प्रभारी चंद्रप्रकाश चौहान और उनकी टीम के नेतृत्व में आरोपियों अविनाश कलायत और नितेश रघुवंशी को गिरफ्तार किया। एसपी अंकित सोनी ने प्रेस कांफ्रेंस में बताया कि मुखबिर की सूचना पर हरिपुर रोड ओवरब्रिज के नीचे दोनों संदिग्धों को नकली नोट खपाते हुए पकड़ा गया। तलाशी के दौरान उनके पास से नकली नोट के साथ प्रिंटर, इंक और अन्य सामग्री बरामद हुई।
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6 महीने से चल रहा था अवैध कारोबार
आरोपियों ने पूछताछ में स्वीकार किया कि वे पिछले छह महीनों से नकली नोट बना रहे थे। वे 200 रुपए के नकली नोट लेकर बाजार में 20-25 रुपए के सामान खरीदते थे। जब असली नोट वापस मिलता, तो नकली नोट सुरक्षित रख लिया जाता था। पुलिस का कहना है कि इस तरीके से हजारों नकली नोट बाजार में चलाए गए हैं।
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साइबर अपराध के 100 से अधिक मामले
कोतवाली थाना प्रभारी चंद्रप्रकाश चौहान ने बताया कि अविनाश कलायत के खिलाफ भारतीय साइबर पोर्टल पर 100 से अधिक ऑनलाइन ठगी के मामले दर्ज हैं। पुलिस ने अवैध बैंक खाते और मोबाइल फोन में लाखों रुपये के लेनदेन भी बरामद किए हैं। इस मामले की जांच चल रही है।
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आर्थिक व्यवस्था को नुकसान
नकली नोट का बाजार में चलना आर्थिक प्रणाली के लिए बड़ा खतरा है। इससे न केवल गरीब और व्यापारी प्रभावित होते हैं, बल्कि देश की आर्थिक व्यवस्था भी कमजोर पड़ती है। पुलिस की यह कार्रवाई ऐसे अपराधों के खिलाफ एक मजबूत संदेश है।
गुना पुलिस की यह कार्रवाई नकली नोट (Fake Currency) बनाने और चलाने वाले गिरोहों के खिलाफ एक कड़ा संदेश है। YouTube जैसे प्लेटफॉर्म का गलत उपयोग कर नकली नोट बनाना और छिपाना एक गंभीर अपराध है, जो देश की आर्थिक व्यवस्था को नुकसान पहुंचाता है। समाज और सरकार को मिलकर ऐसे अपराधों पर नियंत्रण रखना जरूरी है।