इंदौर में 13 अक्टूबर को हुई हैलोवीन पार्टी के 'भूतों' पर केस दर्ज करने का मामला पुलिस में दब गया है। लेकिन देश के साथ ही विदेशों में भी एमजीएम मेडिकल कॉलेज से पास हुए पूर्व छात्रों को अभी तक इसके लिए पीड़ा है। सीएम डॉ. मोहन यादव प्रदेश में निवेश को लेकर यूके दौरे पर थे, तभी यह मुद्दा फिर उठाया गया। कांग्रेस से बीजेपी में आए नेता अक्षय कांति बम इस आयोजन में सबसे अहम भूमिका में थे और दबाव बनाकर उन्हीं के द्वारा डीन से यह मंजूरी दिलाने की बात खबरों में हैं। डॉक्टर एसोसिएशन ने इसे लेकर पुलिस के सामने ज्ञापन भी दिए, रैली भी निकाली लेकिन पुलिस ने हैलोवीन के 'भूत' पकड़ने में कोई रुचि नहीं दिखाई। मामले को दबा दिया गया, क्योंकि इसमें जैन समाज के कई बड़े घरों के लोग शामिल हैं।
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इन्होंने उठाया यह मुद्दा
यह मुद्दा यूके के प्रसिद्ध प्लास्टिक सर्जन व 1973 बैच के एमजीएम के पूर्व छात्र डॉ. अनिल त्रिपाठी ने सीएम के सामने उठाया। उन्होंने केईएम बिल्डिंग में हुई हैलोवीन पार्टी पर आश्चर्य जताया। साथ ही इस तरह से इसके दुरुपयोग होने और प्रतिष्ठा धूमिल होने से रोकने के लिए कार्रवाई की भी मांग की। उन्होंने साथ ही सीएम से मांग की है कि वह इसे प्रदेश के पहले मेडिकल म्यूजियम में तब्दील कर दें। 150 साल पुराने इस भवन को ऐतिहासिक विरासत भवन घोषित किया जाए। उन्होंने कहा कि प्रवासी भारतीय दिवस के दौरान भी इंदौर में उन्होंने इसे लेकर मांग की थी।
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सीएम ने दिया आश्वासन
सीएम डॉ. मोहन यादव ने उनकी बात को संजीदगी से सुना और इस मामले में उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया। साथ ही समीक्षा करने की बात कही। वहीं डॉक्टर त्रिपाठी ने कहा कि एलुमनाई मिलकर इसे कर सकते हैं और वह इसकी जिम्मेदारी उठाने के लिए तैयार हैं। साथ ही हैलोवीन पार्टी को अपमानजनक बताया।
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बम की गिरफ्तारी की मांग भी हो चुकी
कांग्रेस के कार्यवाहक अध्यक्ष देवेंद्र सिंह यादव, अरविंद बागड़ी व अन्य नेताओं ने पुलिस को ज्ञापन देकर इसके लिए बीजेपी नेता अक्षय बम और अन्य को जिम्मेदार बताया था। साथ ही कहा था कि डीन डॉ. संजय दीक्षित ने पुलिस को पत्र दिया लेकिन इसमें किसी का नाम नहीं दिया। दोषियों को बचाने का काम कर रहे हैं, उन्हें सभी के नाम चेहरे पता हैं। बीजेपी नेता अक्षय बम को गिरफ्तार किया जाए, पुलिस इनसे पूछताछ करें, तो पूरा मामला उजागर होगा।