लैंड पुलिंग एक्ट: सिंहस्थ मेला क्षेत्र की जमीनें लेने का विरोध कर रहे किसानों को आधी रात को उठाया, 28 अप्रैल को फिर घेरेंगे सरकार को

उज्जैन में किसान संगठनों के समर्थन में आंदोलन करने गए जनहित पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अभय जैन और राष्ट्रीय महामंत्री मनीष काले को उनके दो साथियों सहित उज्जैन पुलिस ने हिरासत में ले लिया था।

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Vishwanath Singh
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उज्जैन सिंहस्थ मेला क्षेत्र में आ रही जमीनों को मध्यप्रदेश सरकार द्वारा लाए गए लैंड पुलिंग एक्ट में छीने जाने का विरोध बड़ता ही जा रहा है। पिछले दिनाें हुए धरना आंदोलन में तो पुलिस ने किसान नेताओं को प्रदर्शन करने जाने से पहले ही रास्ते व घरों से उठा लिया था और प्रदर्शन के अगले दिन छोड़ा था। इससे नाराज किसान एक बार फिर 28 अप्रैल को उज्जैन में कलेक्टर कार्यालय के बाहर प्रदर्शन करेंगे। इसके लिए वे उज्जैन के आसपास के गांव–गांव जाकर किसानों को लैंड पुलिंग एक्ट की बारीकियों को समझा रहे हैं। इसी कड़ी में शुक्रवार को किसानों ने कोर्ट में पर्चे बांटकर भी किसानों को जागरुक करने का प्रयास किया। वहीं, किसान नेताओं का कहना है कि अभी तक धरने की अनुमति प्रशासन की तरफ से नहीं मिली है, लेकिन वे अपना प्रयास जारी रखेंगे।

यह हुआ था पूरा घटनाक्रम

उज्जैन में 23 अप्रैल को किसान संगठनों के द्वारा सरकार के लैंड पुलिंग एक्ट के विरोध में प्रदर्शन किया जाना था। उसके समर्थन में आंदोलन करने गए जनहित पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अभय जैन और राष्ट्रीय महामंत्री मनीष काले को उनके दो साथियों सहित उज्जैन पुलिस ने हिरासत में ले लिया था। इसके बाद उन्हें धरना स्थल से 28 किलोमीटर दूर इंगोरिया थाना तहसील बड़नगर में रखा गया था। इसके बाद अगले दिन 24 अप्रैल को दोपहर 1 बजे महाकाल थाने से उन्हें छोड़ दिया गया। किसान संगठनों ने आरोप लगाया कि सभी के मोबाइल छीन लिए गए और गाड़ी भी जप्त कर ली गई। चारों के संबंध में बाकी के किसान संगठनों को कोई जानकारी नहीं दी ई। बिना मुआवजा और बिना सहमित के किसानों की जमीन छीनने के मामले में जनहित पार्टी उज्जैन में विरोध प्रदर्शन कर लगातार किसानों से संवाद कर रही थी।

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किसानों ने फिर मांगी धरना देने के लिए अनुमति

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घर कर दरवाजा तोड़, आधी रात को किसानों को उठाया

जनहित पार्टी के राष्ट्रीय महामंत्री मनीष काले ने बताया कि किसानों के इस धरना प्रदर्शन की जानकारी जैसे ही प्रशासन को लगी तो उन्होंने रातों–रात पुलिस को सक्रिय कर दिया। इसके बाद पुलिस की अलग–अलग टीमों ने किसानाें के घरों पर पहुंचना शुरू कर दिया। उन्होंने आरोप लगाया कि धरना प्रदर्शन एक दिन पहले पुलिस आधी रात को किसानों के घर पहुंची। यहां पर उन्होंने एक किसान के घर का गेट तोड़कर उसे बाहर निकाला और अपने साथ लेकर चली गई। वहीं, कई अन्य किसानों को भी आधी रात को दरवाजे पर दस्तक देकर बाहर बुलाया और अपने साथ लेकर चली गई। ताकि वे अगले दिन महाकाल मंदिर पर होने वाले धरना प्रदर्शन में शामिल ना हो सकें।

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इस तरह के पर्चे बांट रही सरकार

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इंदौर में भी दे चुके हैं धरना

पार्टी के डॉ. सुभाष बारोड़ ने बताया कि उज्जैन के पूर्व इंदौर के कलेक्टर कार्यालय पर भी लैंड पुलिंग एक्ट के विरोध में धरना प्रदर्शन हो चुका है। उन्होंने बताया कि बिना सहमति - बिना मुआवजा... खेती की जमीन छीनने के विरोध में जनहित पार्टी द्वारा 17 अप्रैल को सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अभय जैन व नगर अध्यक्ष स्वप्निल जोशी के नेतृत्व में कलेक्टर कार्यालय के बाहर धरना देकर ज्ञापन सौंपा गया थाl

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इस तरह से गांव गांव जाकर समझा रहे किसान नेता

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यह है किसानों की मांग

किसानों ने मांग की है कि मध्य प्रदेश सरकार के लैंड पूलिंग एक्ट 2025 के अनुसार अब अधिग्रहण के पहले किसानों की सहमति नहीं ली जाएगीl अधिग्रहित भूमि का आधा हिस्सा विकसित करके कब और कहां दिया जाएगा ? यह स्पष्ट नहीं l जब तक परियोजना पूरी नहीं हो जाती तब तक किसान अपनी आजीविका की पूर्ति कैसे करेगा ? विकसित भूमि का कीमती हिस्सा किसे मिलेगा ? मध्य प्रदेश सरकार किसान की जमीन छीन रही हैl जनहित पार्टी की मांग है इस किसान विरोधी काले कानून को तुरंत रद्द किया जाएl जनहित पार्टी की मांग है किसी भी स्थिति में किसानों की उपजाऊ भूमि का अधिग्रहण नहीं किया जाना चाहिएl उद्योगों के लिए केवल ऐसी भूमि उपयोग की जाना चाहिए जो खेती के लिए उपयुक्त नहीं हैl 

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