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रायपुर : आम आदमी के लिए यह खबर कुछ हद तक राहत दे सकती है। क्योंकि यह खबर उसके घर के सपने से जुड़ी हुई है। छत्तीसगढ़ में अब लोगों को सस्ती रेत मिल सकेगी और वो भी घर बैठे। इसके लिए लोगों को भटकने की जरुरत भी नहीं रहेगी। वे ऑनलाइन ऑर्डर करेंगे और रेत का वाहन उनके घर तक रेत लेकर पहुंच जाएगा। यह रेत लोगों को सरकारी रेट पर मिलेगी। सरकार रेत ठेकेदारों और सप्लायरों की मनमानी पर लगाम लगाने जा रही है। इसके लिए खनिज विभाग एक पोर्टल तैयार कर रहा है। इस पोर्टल में रेत की सरकारी दर और उसकी उपलब्धता की जानकारी होगी। इसी पोर्टल पर लोग ऑनलाइन रेत का ऑर्डर कर सकते हैं। सरकार जल्द ही ये व्यवस्था करने जा रही है।
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आम आदमी को नहीं लूट सकेंगे रेत ठेकेदार
आम आदमी के लिए सबसे बड़ा सपना होता है अपना एक घर बनाना। लेकिन घर बनाना उसके लिए बहुत महंगा सौदा होता है। घर बनाने के लिए लोहा,सीमेंट के अलावा सबसे ज्यादा जरुरत का मटेरियल होता है रेत। यह रेत उसको ठेकेदारों और सप्लायर के कारण बहुत महंगे रेट पर मिलती है। इस महंगी रेत के रेट को कुछ हद तक कम करने के लिए और ठेकेदारों और रेत सप्लायरों की मनमानी पर लगाम लगाने के लिए सरकार यह सारी व्यवस्था ऑन लाइन करने जा रही है। खनिज विभाग इसके लिए एक पोर्टल बना रहा है। खनिज विभाग का प्रस्ताव ये है कि रेत समेत अन्य खनिजों का आवंटन ऑनलाइन प्रणाली से किया जाए। अभी यह आवंटन नीलामी के जरिए होता है। इस नीलामी में आवेदनों की संख्या ज्यादा होती है और बोलीदार सस्ती दर भरते हैं। लॉटरी के जरिए खदान का आवंटन किया जाता है। इस प्रक्रिया में गड़बड़ी के आरोप भी लगते हैं। सरकार को लगता है कि यह प्रक्रिया ऑनलाइन होगी तो इसमें पारदर्शिता रहेगी साथ ही सरकार के राजस्व में भी इजाफा होगा।
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दो चरणों में होगी प्रक्रिया लागू
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यह पूरी प्रक्रिया दो चरणों में लागू होगी। पहले चरण में खदानों के ऑनलाइन आवंटन की व्यवस्था की जाएगी। इसके लिए खनिज विभाग ने ऑनलाइन एप्लीकेशन तैयार कर ली है। रेत खदानों के आवेदन ऑनलाइन बुलाए जाएंगे और उनका आवंटन भी ऑनलाइन होगा। दूसरे चरण में लोगों को घर बैठे सरकारी दर पर रेत उपलब्ध कराई जाएगी। लोगों को सस्ती और सुलभता से रेत मिल सके इसके लिए पूरी व्यवस्था ऑनलाइन होगी। इसके लिए पोर्टल तैयार किया जा रहा है। लोग पोर्टल पर जाकर रेत की मात्रा और खदान पर मार्क करेंगे। ऑनलाइन ही रेत मंगाने वाले को रेत की डिलेवरी का स्थान भी भरना होगा। इतना ही नही लोगों को भुगतान भी ऑनलाइन ही करना होगा। इससे लोगों को घर बैठे सरकारी रेट पर रेत मिल जाएगी।
तय होगी रेत सप्लाई की दर
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खनिज विभाग ने हर खदान के लिए एक्स माइन प्राइज निर्धारित किया है। उस पर रॉयल्टी, डीएमएफ,पर्यावरण शुल्क और अधोसंरचना शुल्क देना होगा। प्रदेश में 100-120 रुपए प्रति घन मीटर एक्स माइन प्राइज है। इसमें 60 फीसदी हिस्सा ठेकेदार को और 40 फीसदी हिस्सा सरकार को मिलता है। वहीं रेत परिवहन की दर दूरी के हिसाब से तय होती है क्योंकि ठेकेदार और सप्लायर अलग अलग होते हैँ। सरकार अब रेत परिवहन की दर तय करने पर विचार कर रहा है। यह दर प्रतिकिलोमीटर के हिसाब से तय की जाएगी। यह दर इस तरह से तय की जाएगी ताकि लोगों की जेब पर भारी न पड़े।
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