अपने भाई की हत्या की FIR दर्ज करवाने दूसरे भाई को 2 साल तक भटकना पड़ा। देवास जिले के मनासा गांव निवासी सुभाष शर्मा पिछले 2 सालों से अपने भाई के हत्यारों को सजा दिलाने की कोशिश कर रहे हैं। उनकी इस कोशिश में सबसे बड़ा रोड़ा प्रशासन साबित हो रहा था जो लगातार आरोपियों को बचाने की कोशिश कर रहा था। अब 2 साल बाद FIR दर्ज कर आरोपी भारत सिंह चावड़ा और उसके साथियों को गिरफ्तार किया गया है।
2022 में हुई थी हत्या
4 सितंबर 2022 को महेश उर्फ सतीश शर्मा समय पर घर नहीं लौटे तो परिवार वालों को चिंता होने लगी। फोन भी न लगने पर परिवार ने गांव वालों के साथ महेश की तलाश शुरु करी। इस दौरान सतीश को नाले के पास देखे जाने की बात पता चली। लेकिन गांव के ही जीतेंद्र चावड़ा ने नाले में गंदगी बताकर सभी को उस ओर जाने से रोक दिया। ऐसे में परिवार वालों ने सोनकच्छ पुलिस के पास गुमशुदगी की रिपोर्ट लिखवाई।
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आरोपियों ने ही ढूंढी लाश
गुमशुदगी की रिपोर्ट लिखवाने के बाद महेश के बचपन के दोस्त और मर्डर के चार्ज में गिरफ्तार हुए भारत सिंह चावड़ा ने नाले की ओर महेश को ढूंढने के लिए सभी को मनाया। तलाश में इस नाले से महेश की लाश बरामद हुई। इस दौरान महेश का मोबाइल बरामद नहीं हुआ। हालांकि तीन दिन बाद भारत सिंह को इसी नाले से मृतक का मोबाइल भी मिल गया।
लाश पर चोट के निशान
महेश शर्मा की लाश गांव के 4 फीट गहरे नाले में मिली थी। इस नाले में सिर्फ 1 फीट पानी था। औंधे मुंह पड़ी लाश के गले में शर्ट लिपटी हुई थी। शर्ट में गांठ लगी थी जिसके पास महेश के दोनों हाथ थे। इसके अलावा सिर पर गहरा घाव था। पूरे शरीर पर मारपीट के निशान साफ दिखाई दे रहे थे।
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हत्या को हादसा बनाने की कोशिश
मृतक के भाई सुभाष शर्मा के मुताबिक आरोपियों को बचाने पुलिस और डॉक्टरों ने हत्या को हादसा बताने की कोशिश की। आरोपी भारत सिंह चावड़ा ने पीएम करने वाले डॉक्टर रामराज से सुभाष बनकर मुलाकात की। सुभाष का दावा है कि उन्हें हत्या को हादसा बताने के लिए मजबूर किया गया।
पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में डॉक्टर ने शरीर की चोट मारपीट या गिरने के कारण आने की संभावना जताई। जबकि सिर पर लगी चोट पर नाले के जीव-जंतुओं द्वारा काटे जाने की आशंका जताई। इस रिपोर्ट के बाद सोनकच्छ टीआई ने मामले को हादसा बताकर रफा दफा कर दिया।
जब सुभाष को भारत सिंह चावड़ा के पीएम करने वाले डॉक्टर से मुलाकात की बात पता चली तो उसे शक हुआ। लाश और मोबाइल भी चावड़ा को ही मिलने से उसका शक और गहरा गया। उसने पुलिस में शक के आधार पर शिकायत दर्ज करानी चाही लेकिन टीआई नीता देअरवाल ने मामला दर्ज नहीं किया।
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क्यों की हत्या ?
सुभाष के मुताबिक महेश शर्मा और भारत सिंह चावड़ा बचपन के दोस्त थे। वे दोनों पड़ोसी भी थे। गांव में पंचायत चुनाव के समय दोनों में विवाद हुआ था। पहले दोनों ने एक दूसरे के खिलाफ ही चुनाव लड़ने का फॉर्म भरा। हालांकि यह चुनाव रद्द हो गए थे।
इसके बाद 2022 में हुए पंचायत चुनावों में सुभाष ने भारत के गुट के व्यक्ति का चुनाव में समर्थन नहीं किया। उसकी हार हो गई। इससे रंजिश बढ़ गई। बाद में सुभाष और महेश में बटवारा हो गया। सुभाष का कहना है कि आरोपियों ने इसी बात का फायदा उठाया। आरोपी महेश को मरवाकर इसका आरोप सुभाष पर डालना चाहते थे जिससे दोनों भाइयों से बदला ले सकें।
कोर्ट से गुहार
जब पुलिस ने महेश की हत्या का मामला दर्ज नहीं किया तो पहले सुभाष ने खुद ही सारे सबूत जुटाना शुरु किए। मामले की शिकायत सुभाष ने कोर्ट और वरिष्ठ अधिकारियों से की। कुछ समय बाद देवास के एसपी और सोनकच्छ टीआई बदल गए तो मामले को गंभीरता से लिया गया।
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जांच के आदेश
एसपी के आदेशों के बाद महेश शर्मा की हत्या की जांच शुरू हुई। इस दौरान घटनास्थल की जांच, आरोपियों और मृतक की मोबाइल डिटेल, टावर कनेक्शन सभी चीजें जांची गई। गांव वालों के बयान भी हुए। जांच करने वाले अधिकारियों को घटना वाले दिन के वीडियो और फोटो भी मिले। फॉरेंसिक रिपोर्ट भी मंगवाई गई।
फॉरेंसिक रिपोर्ट में मौत का कारण मारपीट के कारण हार्ट अटैक आना बताया गया। घटना के वीडियो के आधार पर यह भी पाया गया कि नाले में इतना कम पानी था कि महेश डूब नहीं सकता था। जांच रिपोर्ट में भारत सिंह चावड़ा, अरविंद सिंह राजपूत, जीतेंद्र चावड़ा हत्या के मामले में संदिग्ध पाया गया। लगभग दो साल बाद 30 जून को मामले में FIR लिखी गई और आरोपियों को गिरफ्तार किया गया।
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