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The Sootr
इंदौर के छात्रों को विदेशी यूनिवर्सिटी में पढ़ाने के नाम पर सरकार को करोड़ों रुपए का चूना लगाने वाले भ्रष्टाचार का खुलासा हुआ है। इसको लेकर शहर के एक आरटीआई एक्टिविस्ट ने इस घोटाले की शिकायत ईओडब्ल्यू और एसटीएफ के साथ सीएम और पीएम को भी की है। इसमें छात्रों को फॉरेन यूनिवर्सिटी में पढ़ाने के नाम पर घोटाला किया गया है। असल में उन्हें एक साल का कोर्स करना बताया गया है और उसके एवज में सरकार से दो साल की स्कॉलरशिप ली गई है।
विदेशी यूनिवर्सिटी में करोड़ों का खेल
विदेश अध्ययन स्कॉलरशिप योजना के नाम पर हो रहे करोड़ों रुपए के घपले की शिकायत ईओडब्ल्यू से की गई है। इंदौर के आरटीआई एक्टिविस्ट ने अपनी शिकायत में अफसर, अपात्र स्टूडेंट्स और स्कॉलर माफिया के खिलाफ सबूत सौंपे हैं। कहा है कि विदेशों की यूनिवर्सिटी में चल रहे एक साल के कोर्स को 2 साल का बताकर छात्र-छात्रा के नाम से 26 लाख से अधिक का आर्थिक नुकसान शासन को पहुंचाया है। यहीं नहीं, शिकायत कर्ता ने एसटीएफ भोपाल और इकाई इंदौर, प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री से भी शिकायत की है।
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एससी–एसटी के छात्रों को मिलती है स्कॉलरशिप
आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ (EOW) में इंदौर के अनुराग नगर निवासी अंकुश जैन ने शिकायत दर्ज करवाई है। शिकायत में उन्होंने बताया कि एमपी के पिछड़ा एवं अल्पसंख्यक कल्याण विभाग ने पिछड़ा वर्ग, विदेश अध्ययन छात्रवृति योजना जारी की थी। जिसमें विदेशों में अध्ययन के लिए जाने वाले छात्रों को स्काॅलरशिप दी जाती है।
500 रैंकिंग वाली यूनिवर्सिटी ही पात्र
शिकायत में उन्होंने बताया है कि आवेदन और दस्तावेजों की प्रक्रिया पिछड़ा वर्ग और अल्पसंख्यक कल्याण विभाग कराता है। जिसमें विदेशी यूनिवर्सिटी का ऑफर लेटर, कोर्स की अवधि बताना होती है। इसके बाद छात्र को मात्र एक वर्ष की स्काॅलरशिप दी जाती है। 500 रैंकिंग तक की ही यूनिवर्सिटी को लेकर स्काॅलरशिप दी जाती है।
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छात्र भी शामिल इस घोटाले में
इस शिकायत में यह आरोप लगाए गए हैं कि विदेशी यूनिवर्सिटी के एक वर्ष के कोर्स के बदले छात्र विधि विरुद्ध दो वर्ष के लिए लाखों रुपए की स्काॅलरशिप प्राप्त कर रहे हैं। स्काॅलरशिप देने वाले अधिकारी और स्काॅलरशिप लेने वाले छात्र–छात्रा भी ऐसी आर्थिक अनियमितता शामिल हैं।
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अपात्र छात्रों के नाम पर भी किया घोटाला
शिकायत में यह भी आरोप लगाए गए हैं कि ऐसे ही लंदन, यूके, दुबई, मलेशिया यूनिवर्सिटी को लेकर कुछ अपात्र छात्र-छात्राओं ने स्काॅलरशिप लेकर शासन को करोड़ों रुपए का चूना लगाया है। जिसमें प्रदेश के कई अपात्र छात्र और अफसर भी शामिल हैं। अंकुश ने बताया कि सम्पूर्ण दस्तावेजों को लेकर स्थानीय पुलिस ने शिकायत की थी, लेकिन उन्होंने शिकायत लेने से इंकार कर दिया। मुझसे कहा गया कि आर्थिक गड़बड़ी का मामला है, आप एसपी आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ इंदौर को शिकायत करें।