हाई कोर्ट में EVM के खिलाफ याचिका दायर करने जबलपुर पहुंचे पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह

सुप्रीम कोर्ट के द्वारा EVM पर एक फैसले दिया गया था। दिग्विजय सिंह ने कहा इस फैसले को निर्वाचन आयोग ने सही ढंग से लागू नहीं किया। इसके लिए वह टेक्निकल ग्राउंड हाई कोर्ट में याचिका दायर करने जा रहे हैं।

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Neel Tiwari
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जबलपुर के सर्किट हाउस में पत्रकार वार्ता आयोजित कर दिग्विजय सिंह ने भाजपा सरकार पर आरोपों की बौछार कर दी। उन्होंने बताया कि वह ईवीएम पर हाई कोर्ट में एक पिटीशन दायर करने जा रहे हैं। इसके साथ ही पूर्व मुख्यमंत्री ने नर्सिंग घोटाले से लेकर पौधारोपण अभियान तक सरकार पर कई आरोप लगाए।

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EVM पर अविश्वास

पूर्व मुख्यमंत्री ने यह आरोप लगाए कि EVM को लेकर जो अविश्वास है उसका जवाब न तो सरकार दे रही है ना ही निर्वाचन आयोग। वहीं सुप्रीम कोर्ट द्वारा अप्रैल में दिए गए फैसले का भी निर्वाचन आयोग के द्वारा पूरी तरह पालन न करने का भी दिग्विजय सिंह ने आरोप लगाया।

क्या था सुप्रीम कोर्ट का फैसला 

इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन ( ईवीएम ) के वोटों का वोटर वेरिफिएबल पेपर ऑडिट ट्रेल ( वीवीपीएटी ) पर्चियों से 100 फीसदी सत्यापन की मांग वाली सभी याचिकाएं सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दी थी। जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस दीपांकर दत्ता की दो जजों की पीठ ने सर्वसम्मति से फैसला सुनाते हुए कोर्ट ने बैलेट पेपर से चुनाव कराने की मांग भी खारिज कर दी थी।

मामले की सुनवाई करते हुए कोर्ट ने कहा था कि उम्मीदवार चाहे तो चुनाव परिणाम घोषित होने के सात दिन के भीतर रिजल्ट की दोबारा जांच की मांग कर सकता है। ऐसी स्थिति में माइक्रो कंटोलर की मेमोरी की जांच इंजीनियर के द्वारा की जाएगी।

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सुप्रीम कोर्ट ने दिया था निर्वाचन आयोग को सुझाव

मामले में जस्टिस दीपांकर दत्ता ने कहा था कि किसी सिस्टम पर आंख मूंदकर संदेह करना सही नहीं है। 

किसी सिस्टम पर आंख मूंदकर संदेह करना सही नहीं है। इसलिए हमारे अनुसार सार्थक आलोचना की आवश्यकता है, चाहे वह न्यायपालिका हो, विधायिका हो। लोकतंत्र का अर्थ सभी स्तंभों के बीच सद्भाव और विश्वास बनाए रखना है। विश्वास और सहयोग को बढ़ावा देकर हम अपने लोकतंत्र की आवाज को मजबूत कर सकते हैं। - जस्टिस दीपांकर दत्ता सुप्रीम कोर्ट

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सरकारी योजनाओं को बताया कमाई- भ्रष्टाचार का तरीका

पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने शासकीय योजनाओं में हो रहे भ्रष्टाचार और उनकी जांच पर भी सवाल खड़े किए। उन्होंने बताया कि आजीविका मिशन में प्रधानमंत्री को जिस रिटायर्ड अधिकारी के खिलाफ शिकायत मिली थी उसको ही उस जांच का प्रमुख बना दिया गया।

यहां दिग्विजय सिंह आईएफएस अधिकारी ललित बेलवाल की बात कर रहे थे। सेवानिवृत्ति के बाद बेलवाल को एमपी राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन ( एसआरएलएम ) में सीईओ के प्रभार के साथ ओएसडी के पद पर संविदा नियुक्ति दी गई है। बेलवाल के खिलाफ मिली ज्यादातर शिकायतें भर्ती में अनियामित्तता की थी।

इसके साथ ही दिग्विजय सिंह पौधा रोपण कार्यक्रम पर भी सवाल खड़ा किया। उन्होंने कहा कि लाखों गड्ढे पौधरोपण के लिए खोदे जा रहे हैं पर वह गड्ढे कौन खोद रहा है और इतनी संख्या में पौधारोपण हो भी रहा है या नहीं और पौधे खरीदने का कॉन्ट्रैक्ट किसे मिल रहा है इसकी जांच कौन करेगा।

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