पूर्व महापौर और विधायक मालिनी गौड़ के पुत्र एकलव्य को घेरने महापौर गुट आया सामने, संगठन मंत्री से शिकायत

इंदौर विधानसभा क्षेत्र के पूर्व महापौर मालिनी गौड़ के पुत्र एकलव्य गौड़ को घेरने के लिए महापौर गुट और संगठन मंत्री से शिकायतें की गईं। वहीं इससे राजनीतिक हलचल तेज हो गई है।

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Sanjay Gupta
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इंदौर विधानसभा चार में विधायक और पूर्व महापौर मालिनी गौड़ के पुत्र एकलव्य गौड़ को घेरने के लिए फिर से लॉबिंग शुरू हो गई है। क्षेत्रीय संगठन मंत्री अजय जामवाल शनिवार (27 जुलाई) को इंदौर में थे और विधायकों के साथ ही अन्य पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं से मेल-मुलाकात का दौर किया। इस दौरान वर्तमान महापौर पुष्यमित्र भार्गव के करीबी लोग जामवाल के पास एकलव्य की शिकायतें लेकर पहुंच गए।

यह पहुंचे जामवाल के पास

बीजेपी के क्षेत्रीय संगठन मंत्री अजय जामवाल ने शनिवार को बीजेपी दफ्तर में विविध विधानसभा के लिए अलग-अलग मुलाकात का समय रखा। इसमें पहले विधायक मालिनी गौड़ ने मुलाकात की। इसके बाद उनके विरोधी और वर्तमान महापौर भार्गव के करीबी भरत पारिख, घनश्याम शेर, वैभव शुक्ला व अन्य जामवाल के पास पहुंच गए। उन्होंने विधायक पुत्र एकलव्य के खिलाफ शिकायतें की और खासकर मारपीट करने के आरोप लगाए। कहा गया कि पार्टी का ही काम करने वाले लोगों के साथ एकलव्य के जरिए गलत व्यवहार किया जाता है और मारपीट की जाती है।

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जमकर घेरा था विधानसभा टिकट के समय

साल 2023 के विधानसभा चुनाव के समय जब टिकट की बात चल रही थी, तब भी एकलव्य के घेरने के लिए जमकर शिकवा-शिकायतों का दौर चला था। मालिनी गौड़ चाहती थी कि स्वास्थ्य कारणों से वह मैदान से हट जाएं और एकलव्य को टिकट मिल जाए, लेकिन विरोधी गुट ने पार्टी में विद्रोह कर दिया। वह तो गौड़ परिवार में ही टिकट वापस दिए जाने के खिलाफ थे। लेकिन भले ही एकलव्य को टिकट नहीं मिला, लेकिन तत्कालीन सीएम शिवराज सिंह चौहान की गुड लिस्ट के कारण फिर मालिनी को टिकट मिला। उस दौर में एकलव्य को रोकने के लिए जमकर शिकायतें हुई थीं।

एकलव्य गौड़ के खिलाफ शिकायत मामले पर एक नजर...

  • बीजेपी के क्षेत्रीय संगठन मंत्री अजय जामवाल से मुलाकात के दौरान वर्तमान महापौर पुष्यमित्र भार्गव के करीबी लोगों ने विधायक मालिनी गौड़ के बेटे एकलव्य गौड़ के खिलाफ मारपीट और गलत व्यवहार की शिकायतें की।

  • विधानसभा टिकट के दौरान एकलव्य को टिकट मिलने का विरोध हुआ था। इसके बावजूद, तत्कालीन सीएम शिवराज सिंह चौहान की मदद से मालिनी गौड़ को टिकट मिला।

  • हेमंत खंडेलवाल के प्रदेशाध्यक्ष बनने के बाद इंदौर में पूर्व नगराध्यक्ष गौरव रणदिवे, सावन सोनकर, और एकलव्य गौड़ के बीच राजनीतिक गठबंधन बन रहा है।

  • महापौर पुष्यमित्र भार्गव का कार्यकाल 2027 में खत्म होगा, और वह 2028 में विधानसभा चुनाव में भाग लेने के लिए तैयार हैं, खासकर विधानसभा चार पर उनकी नजरें हैं।

  • गौड़ परिवार ने 1993 से इंदौर विधानसभा चार में लगातार जीत हासिल की है, और अब पार्टी के अन्य लोग इस परिवार के टिकट वितरण का विरोध कर रहे हैं।

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अब नई राजनीतिक तिकड़ी बन रही है इंदौर में

वहीं प्रदेशाध्यक्ष पद पर हेमंत खंडेलवाल की ताजपोशी के बाद इंदौर में राजनीति की नई तिकड़ी बन रही है। इसमें पूर्व नगराध्यक्ष गौरव रणदिवे, सावन सोनकर के साथ ही एकलव्य गौड़ हैं। यह लगातार एक-दूसरे को सपोर्ट कर रहे हैं। इसमें तीनों अपनी नई भूमिकाएं तलाश रहे हैं। सोनकर को आगे जाकर सांवेर से टिकट चाहिए तो अभी किसी आयोग में जगह, गौरव भी प्रदेश कार्यकारिणी नहीं तो आयोग में जगह ढूंढ रहे हैं, तो उधर एकलव्य भी नई भूमिका तलाश रहे हैं और लक्ष्य 2028 में विधानसभा टिकट है।

महापौर की भी नजरें विधानसभा टिकट पर

साल 2027 में महापौर के पद पर भार्गव का कार्यकाल खत्म हो जाएगा। इसके बाद 2028 में विधानसभा चुनाव है। वह भी इसी विधानसभा चार से और राउ पर नजरें रखे हुए हैं। खासकर चार पर ही उनकी भी नजरें हैं, कि गौड़ परिवार से टिकट हटे तो फिर वही प्रबल दावेदार होंगे।

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साल 1993 से गौड़ परिवार सत्ता में

साल 1990 में कैलाश विजयवर्गीय ने विधानसभा चार में बीजेपी को सीट दिलाई थी और वह पहला विधानसभा चुनाव यहीं से जीते थे। इसके बाद वह 1993 में विधानसभा दो में चले गए और यहां से लक्ष्मण सिंह गौड़ को टिकट मिला, उन्होंने इसे बीजेपी का गढ़ बना लिया और इसे अयोध्यता कहा जाने लगा।

वह लगातार 1993, 1998, 2003 में चुनाव जीते। उनके आकस्मिक निधन के बाद पत्नी मालिनी गौड़ ने 2008, 2013, 2018 और फिर 2023 में भारी मतों से जीत हासिल की। यानी 30 साल से लगातार गौड़ परिवार ही यहां से सत्ता में हैं। ऐसे में अब पार्टी के अन्य लगातार इस परिवार को टिकट देने का विरोध कर रहे हैं और वहीं नहीं चाहते हैं कि एकलव्य को टिकट मिले। इसी को लेकर 2023 में भी विरोध हुआ था।

जामवाल ने सभी से की मुलाकात

वहीं पार्टी दफ्तर में जामवाल ने पार्टी के नेताओं से मुलाकात की। इस दौरान नगराध्यक्ष सुमित मिश्रा की उपस्थिति रही। वहीं मंत्री तुलसीराम सिलावट, सांसद शंकर लालवानी, महापौर भार्गव, प्रदेश उपाध्यक्ष जीतू जिराती, विधायक रमेश मेंदोला, गोलू शुक्ला, मालिनी गौड़, महेंद्र हार्डिया, मधु वर्मा व अन्य ने भी मुलाकात की।

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