1.50 करोड़ के fraud में संघ के पूर्व पदाधिकारी दुबे को जेल फिर बेल, महावीर जैन के खिलाफ आए दूसरे डायरेक्टर

सुनय जैन ने पलासिया थाने में शिकायत दर्ज कराई कि कंपनी से अलग होने के बाद भी दुबे ने 50-50 लाख रुपए के तीन चेक से कंपनी के आईसीआईसीआई बैंक खाते से राशि निकाली और अपने निजी खाते में शिफ्ट कर डेढ़ करोड़ रुपए की धोखाधड़ी की... 

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Jitendra Shrivastava
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संजय गुप्ता, INDORE. इंदौर में दो साल पुराने 1 करोड़ 50 लाख रुपए की धोखाधड़ी ( fraud ) में संघ के दो पूर्व पदाधिकारियों की लड़ाई अब खुलकर सामने आ चुकी है। मेरू इन्फ्रा प्रोजेक्ट डेवलपर्स कंपनी के डायरेक्टर सुनय जैन ने संघ से पूर्व में जुड़े रहे सदस्य महावीर जैन के साथ मिलकर इंदौर विभाग के पूर्व संपर्क प्रमुख राकेश दुबे को जेल कराई, लेकिन जैन ने फिर पलटी मारी और वह महावीर जैन के खिलाफ मैदान में उतरे और दुबे के साथ हो गए। उनकी अनापत्ति के बाद दुबे को बेल (जमानत) हो गई।  

क्या है 1.50 करोड़ रुपए का पूरा विवाद

मेरू इन्फ्रा कंपनी में सुनय जैन, नवीन जैन, राकेश दुबे और अन्य पार्टनर थे। सितंबर 2020 में दुबे पार्टनरशिप से अपना हिस्सा सात करोड़ रुपए लेकर अलग हो गए। लेकिन उन पर सुनय जैन ने पलासिया थाने में दिसंबर 2020 में शिकायत दर्ज कराई कि कंपनी से अलग होने के बाद भी दुबे ने 50-50 लाख रुपए के तीन चेक से कंपनी के आईसीआईसीआई बैंक खाते से राशि निकाली और अपने निजी खाते में शिफ्ट कर डेढ़ करोड़ रुपए की धोखाधड़ी की। बाद में दुबे ने महावीर जैन को सड़क पर रोककर जान से मारने की धमकी दी। इस मामले में दुबे पर 420 व 406 धारा में केस दर्ज हुआ, वहीं बीजेपी के पिछड़ा वर्ग प्रकोष्ठ के प्रदेश उपाध्यक्ष नानुराम कुमावत का भी नाम आया, उन्होंने भी शिकायत की थी लेकिन उनका समझौता हो गया।  

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पुलिस जांच में पहले धारा बढ़ी और फिर घटी

इस मामले में पुलिस ने प्रांरभिक जांच के बाद इसमें शिकायत सही पाते हुए दुबे के खिलाफ 467, 468, 471 की धारा और बढ़ा दी। लेकिन बाद में और जांच की तो पाया कि कंपनी के अनुबंध में ही लिखा है कि जब तक कंपनी का नया खाता नहीं खुलता है, पुराना खाता चलता रहेगा और दुबे इसे संचालित करते रहेंगे। दुबे के कंपनी डायरेक्टर पद से हटने पर उनकी जगह पर ही महावीर जैन डायरेक्टर बने थे। अनुबंध सामने आने के बाद पुलिस ने 467. 468 और 471 की धारा हटा दी और वर्तमान में 420 व 406 धारा में केस चल रहा है। इसी के तहत 10 अप्रैल को पुलिस ने गिरफ्तार किया और कोर्ट ने उन्हें जेल भेजने के आदेश दे दिए। 

जेल नहीं गए, एमवाय में एडमिट हुए, बाहर आ गए

दुबे को भेल ही जेल भेजने के आदेश हुए थे, लेकिन मेडिकल कारणों से उन्हें जेल नहीं भेजा जा सका। वह एमवाय में भर्ती हुए। इसी बीच क्योंकि दोनों ही धाराओं में सात साल से कम की सजा के प्रावधान है, कोर्ट में बेल आवेदन लगा और 12 अप्रैल को 15 हजार के मुचलके पर बेल के आदेश हो गए। इस मामले में अहम सुनय जैन व नवीन जैन के बयान रहे जिन्होंने जमानत पर किसी तरह की आपत्ति नहीं ली, लेकिन महावीर जैन के अधिवक्ता ने जमानत पर आपत्ति ली थी और आरोप लगाए कि वह बाहर आकर फिर से जान से मारने की कोशिश करेंगे, कंपनी में भी धोखाधड़ी कर सकते हैं। लेकिन कोर्ट ने उनकी आपत्ति खारिज कर दी। 

इसी बीच सुनय व नवीन जैन ने महावीर जैन के खिलाफ दी जाहिर सूचना

उधर इसी मामले में दुबे की गिरफ्तारी के बाद कंपनी के डायरेक्टर सुनय जैन व नवीन जैन ने महावीर जैन के खिलाफ जाहिर सूचना जारी कर दी। इसमें कहा गया कि कंपनी मेरू इन्फ्रा प्रोजेक्ट के पार्टनर राकेश दुबे के ऊपर हमारे पार्टनर महावीर जैन द्वारा बिना अपने दूसरे पार्टनरों को बताए गलत तरीके से राकेश को अपने द्वेष भावना के उन पर गलत इल्जाम लगाकर न्यायिक हिरासत में भेजा गया। महावीर खुद इस कंपनी में पार्टनर सुनय व नवीन जैन को करोड़ों रुपए का चूना लगा रहे हैं। वह राकेश दुबे व पार्टनरों को राजनीतिक व प्रशासन में अपने अनैचिक संबंधों को उपयोग कर रहे हैं। महावीर जैन पर अमानत में खयानत व भागीदरों के साथ धोखाधड़ी का केस मल्हारगंज व कनाड़िया थाने पर चल रहा है। महावीर जैन द्वारा राकेश दुबे के बेगमखेड़ी स्थित कावेरी कुंज कॉलोनी के राकेशजी के स्वामित्व के प्लॉट महावीर द्वारा खुद के बताकर बेचे गए हैं और इसका सारा पैसा खुद रखा गया। मेरू इन्फ्रा के नाम से किसी भी प्रकार का लेन-देन महावीर जैन से नहीं करें। कावेरी कुंज कॉलोनी के प्लाट का क्रय-विक्रय महावीर जैन से ना करें। इसमें मेरू इन्फ्रा प्रोजेक्ट हमार कंपनी का कोई लेना-देना नहीं है।

सीएम शिवराज कार्यक्रम से बढ़ा महावीर जैन का रूतबा

महावीर जैन का प्रॉपर्टी में खासा दखल है। विवादित संपत्तियों को लेना, फायनेंस करना और नहीं चुकाने पर संपत्तियां लेना यह सभी उनके काम में शामिल है। कुछ समय पहले तत्कालीन सीएम शिवराज सिंह चौहान का अकेले कार्यक्रम कराने से अपना रूतबा बढ़ाया था। उनके आयोजनों में पार्ट के कई नेता शिरकत कर चुके हैं। इसी रसूख के चलते पुलिस ने भी उनके खिलाफ चल रहे कई मामलों को ठंडे बस्ते में डालने मे ही भलाई समझी। कहा जा रहा है कि दबाव डालकर उसी ने दुबे की गिरफ्तारी करवाई है, जबकि मामला पहले से ही जमानत योग्य था। 

  • जैन के खिलाफ कई तरह की शिकायतें हैं, एक शिकायत है कि फर्म में सेटलमेंट के लिए कंपनी से 47 लाख लिए, लेकिन सीए को केवल 17 लाख दिए।
  • हरिजन थाने में एक जमीन को लेकर केस आया, सेटलमेंट के नाम से कंपनी से फिर 20 लाख लिए।
  • कनाड़िया थाने में राकेश दुबे ने जैन के खिलाफ शिकायत की, लेकिन मामले को दबा दिया। बाद में दुबे कोर्ट में गए और फिर वहां से कनाड़िया थाने को मामले में जांच के आदेश हुए।
fraud मेरू इन्फ्रा प्रोजेक्ट डेवलपर्स