मध्यप्रदेश के गुना जिले की करोंद पंचायत में 28 नवंबर 2022 को एक विवादित एग्रीमेंट हुआ था। महिला सरपंच लक्ष्मीबाई ने पंचायत के सारे काम पंच रणवीर सिंह कुशवाह को ठेके पर सौंप दिए। इसका लिखित एग्रीमेंट 100 रुपए के स्टाम्प पेपर पर हुआ था, जिसकी नोटरी भी कराई गई।
यह एग्रीमेंट पंचायत के कामकाज के लिए पंच को प्रतिनिधि नियुक्त करने की रूपरेखा तय करता है। लेकिन जांच में पता चला कि यह सौदा चुनावी कर्ज चुकाने के लिए किया गया था।
चुनाव लड़ने लिया था 20 लाख का कर्ज
सरपंच लक्ष्मीबाई और उनके पति ने चुनाव लड़ने के लिए गांव के हेमराज सिंह धाकड़ से 20 लाख रुपए का कर्ज लिया था। इस कर्ज की गारंटी के तौर पर उनके और उनके पति के बैंक खाते के चेक हेमराज सिंह के पास गए। इसके बदले में पंचायत का काम पंच रणवीर को सौंपा गया।
एग्रीमेंट के अनुसार, पंचायत निर्माण कार्यों की 5% राशि पंच को मिलेगी। साथ ही पंचायत के काम सुचारू रूप से चलाने की जिम्मेदारी पंच की थी।
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मामले की जांच के बाद की FIR
अप्रैल 2025 में यह शिकायत जनपद पंचायत गुना तक पहुंची। जांच के बाद CEO जिला पंचायत ने FIR दर्ज करने के आदेश दिए। 17 मई 2025 को कैंट थाना में पंच रणवीर सिंह कुशवाह के खिलाफ फ्रॉड की धाराओं में केस दर्ज हुआ।
इस पूरे मामले में सरपंच लक्ष्मीबाई के खिलाफ अभी तक कोई कानूनी कार्रवाई नहीं हुई है।
पंच और सरपंच के बीच ऐसे हुआ एग्रीमेंट...
- पंच को पंचायत प्रतिनिधि नियुक्त करना
- पंचायत के निर्माण कार्यों की 5% राशि पंच को मिलना
- पंचायत के काम सुचारू रूप से चलाने की जिम्मेदारी
- चुनावी कर्ज चुकाने के लिए 20 लाख रुपए की राशि का एग्रीमेंट
- गारंटी के तौर पर बैंक खाते के चेक रखना
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घटना का प्रभाव और महत्व
यह मामला पंचायत चुनावों में आर्थिक लेन-देन और भ्रष्टाचार की गंभीर समस्या को उजागर करता है। चुनावी कर्ज चुकाने के लिए पंचायत के कामकाज को ठेके पर देना स्थानीय प्रशासनिक व्यवस्था पर नकारात्मक असर डालता है।