मध्य प्रदेश के शहडोल जिले से धोखाधड़ी का मामला सामने आया है। यह ठगी मध्य प्रदेश सरकार की महत्वाकांक्षी लाड़ली बहना योजना के नाम पर हुआ है। जहां जालसाजों ने खुद को बैगा विकास विभाग का अधिकारी बताया। इसके बाद उन्होंने सास-बहू से KYC के लिए दस्तावेज मांगे। इस पर दोनों ने अपने बैंक खाते उन्हें दे दिए। इसके बाद ठगों ने दोनों के खातों से हजारों रुपये निकाल लिए और फरार हो गए। पीड़ित सास-बहू की शिकायत पर पुलिस ने अज्ञात जालसाजों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है।
ऐसे ठगों ने ठगा
दरअसल, यह मामला जिले के सिंहपुर थाना क्षेत्र का है। बताया जा रहा है कि 26 वर्षीय मीनू बैगा का नाम पीएम आवास का निर्माण पूरा होने के बाद उनके घर के बाहर लिखा हुआ था, जिसके चलते ठगी के मकसद से आए दो लोगों ने पहले महिला को उसका नाम पुकारकर बाहर बुलाया। फिर खुद को बैगा विकास विभाग का अधिकारी बताकर लाड़ली बहना योजना का लाभ दिलाने के नाम पर सास-बहू से उनका आधार कार्ड और राशन कार्ड जैसे जरूरी दस्तावेज मांगे। इसके बाद केवाईसी कराने के नाम पर अंगूठे के निशान ले लिए और खाते से 10 हजार 500 रुपये निकाल लिए।
इस दौरान सास-बहू के मोबाइल पर पैसे के ट्रांजेक्शन का मैसेज आया, जिसे जालसाजों ने फर्जी मैसेज बताकर तुरंत डिलीट करवा दिया और फिर वहां से गायब हो गए। जब सास-बहू को शक हुआ तो उन्होंने बैंक जाकर स्टेटमेंट निकलवाया। तब उन्हें ठगी का पता चला कि उनके खाते से पैसे निकल चुके हैं।
इसके बाद दोनों ने थाने पहुंचकर रिपोर्ट दर्ज कराई। शिकायत के आधार पर पुलिस ने अज्ञात जालसाजों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है। इस मामले में एडिशनल एसपी का कहना है कि अज्ञात जालसाजों ने सास-बहू को किसी योजना का लाभ दिलाने के नाम पर ठगी की और फरार हो गए। एफआईआर दर्ज कर ली गई है और आरोपियों की तलाश की जा रही है।
FAQ
क्या मामला सामने आया है?
शहडोल जिले में धोखाधड़ी का मामला सामने आया है, जिसमें जालसाजों ने खुद को बैगा विकास विभाग का अधिकारी बताकर लाड़ली बहना योजना के नाम पर सास-बहू से उनके बैंक खाते की जानकारी ली और हजारों रुपये निकाल लिए।
ठगी कैसे की गई?
जालसाजों ने सास-बहू से केवाईसी के लिए जरूरी दस्तावेज जैसे आधार कार्ड और राशन कार्ड मांगे और फिर अंगूठे के निशान लेकर उनके खाते से 10 हजार 500 रुपये निकाल लिए।
ठगी का पता कैसे चला और क्या कार्रवाई हुई?
सास-बहू को मोबाइल पर ट्रांजेक्शन का मैसेज आया, जिसे जालसाजों ने फर्जी बताकर डिलीट करवा दिया। बाद में बैंक स्टेटमेंट देखकर उन्हें ठगी का पता चला। पुलिस ने मामले में FIR दर्ज कर आरोपियों की तलाश शुरू कर दी है।