इंदौर नगर निगम बिल घोटाले की जांच करेंगे PS अमित राठौर की कमेटी, GAD ने की गठित

इंदौर नगर निगम बिल घोटाले की जांच के लिए जांच कमेटी गठित की गई है। वाणिज्यिक कर विभाग के प्रमुख सचिव अमित राठौर को कमेटी का अध्यक्ष बनाया गया है। यह कमेटी 15 दिन में मामले में जांच करेगी।

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Vikram Jain
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GDA formed committee to investigate Indore Municipal Corporation bill scam
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संजय गुप्ता, INDORE. इंदौर नगर निगम (Indore Municipal Corporation) के बिल घोटाले की जांच के लिए आखिरकार सीएम डॉ. मोहन यादव ने उच्चस्तरीय जांच कमेटी का गठन (Formation of inquiry committee) कर दिया है। वाणिज्यिक कर विभाग के प्रमुख सचिव अमित राठौर (Principal Secretary Amit Rathore) इस कमेटी के अध्यक्ष है। साथ ही सचिव वित्त विभाग अजीत कुमार और लोक निर्माण विभाग के मुख्य अभियंता को सदस्य के रूप में शामिल किया गया है। यह कमेटी मामले में 15 दिन में जांच करेगी।

महापौर की मांग पर सीएम और मंत्री विजयवर्गीय का फैसला

मेयर पुष्यमित्र भार्गव (Mayor Pushyamitra Bhargava) इस घोटाले में एफआईआर होने के बाद से ही उच्चस्तरीय जांच की मांग उठा रहे थे और इसके लिए औपचारिक पत्र भी लिखा था। महापौर का मानना है कि इस मामले में कई और बड़े लोग है, और जांच निगम स्तर पर नहीं हो सकती है। इसके बाद नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय (Minister Kailash Vijayvargiya) ने भी कहा था कि सीएम से बात हुई है, जल्द सख्त कार्रवाई होगी। सोमवार को जब सीएम इंदौर में थे, तब फिर बात हुई। इसके बाद सीएम ने अब कमेटी बना दी है।

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कमेटी प्रमुख राठौर वित्त के बड़े जानकार

इस कमेटी को वित्तीय घोटाला देखते हुए विशेषज्ञ अधिकारियों से ही बनाया गया है। अमित राठौर की अधिकांश नौकरी वित्त मामलों को ही देखते हुए निकली है और वह इसके मप्र शासन स्तर पर बड़े जानकार माने जाते हैं। इंदौर में वाणिज्यिक कर आयुक्त भी रह चुके हैं। वहीं साथ में इंजीनियरिंग कामों को देखते हुए पीडब्ल्यूडी के चीफ इंजीनियर को रखा गया है और राठौर के सहयोगी के तौर वित्त के ही जानकार सचिव अजीत कुमार इसमें शामिल है। इससे सामने आ सकेगा कि कहां और कितने गड़बड़ की है और आखिर कितनी बड़ी गड़बड़ी है।

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निगम की जांच अभी चल ही रही, पुलिस जांच भी जारी

मामला सामने आने के बाद निगमायुक्त शिवम वर्मा ने जहां 16 अप्रैल को ही पुलिस में केस दर्ज करा दिया, जिसमें अभी तक पुलिस पांच ठेकेदार के साथ ही निगम की तीन अधिकारी, कर्मचारियों को गिरफ्तार कर चुकी है। वहीं निगमायुक्त ने अपर आयुक्त सिद्दार्थ जैन की अध्यक्षता में भी कमेटी बना दी, जो दस सालों के 188 केस की जांच कर रही है। समिति की प्राथमिक विवेचना में दोषी पाए गए 2 कर्मचारियों भूपेन्द्र पुरोहित और सुनील भंवर को कारण बताओ नोटिस जारी कर हाजरी मुक्त कर दिया गया है।

यह सभी हो चुके गिरफ्तार

पुलिस द्वारा जहान्वी इंटरप्राइजेस के राहुल बडेरा, मैसर्स क्षितिज इंटरप्राइज की रेणु बडेरा, मैसर्स किंग कंस्ट्रक्शन के मो. जाकिर और मैसर्स न्यू कंस्ट्रक्शन के मो. साजिद, लेखा विभाग नगर निगम के पूर्व विनियमित क्लर्क राजकुमार साल्वी, उपयंत्री उदय भदौरिया और कम्प्यूटर ऑपरेटर चेतन भदौरिया को हिरासत में लिया गया है। इनमें से उक्त नगर निगम में कार्यरत कर्मियों की सेवाएँ समाप्त कर दी गई हैं। सहायक यंत्री अभय राठौर को निलंबित किया गया है।

लापरवाही को लेकर अनुशासनात्मक कार्रवाई

आयुक्त नगरीय प्रशासन एवं विकास के पत्र के आधार पर वित्त विभाग द्वारा नगर निगम में वित्त विभाग के पदस्थ लोकल फण्ड के समर सिंह परमार, उप संचालक जगदीश ओहरिया और रामेश्वर परमार को शासकीय कार्य में लापरवाही बरतने पर उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जा रही है।

 

 

 

 

 

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