दमोह के कन्या छात्रावास में चल रही किराना दुकान,राष्ट्रीय ध्वज डस्टबिन में

दमोह जिले के टौरी गांव के बालिका छात्रावास में सोमवार शाम मध्य प्रदेश बाल संरक्षण आयोग टीम ने निरीक्षण किया। यहां चपरासी के कमरे से कई आपत्तिजनक किताबें टीम को मिली हैं.

author-image
Ravi Awasthi
New Update
damoh hostel
Listen to this article
0.75x1x1.5x
00:00/ 00:00

दमोह।

मध्य प्रदेश के दमोह जिले के टौरी गांव स्थित बालिका छात्रावास में सोमवार शाम जो दृश्य सामने आया, उसने पूरे क्षेत्र को हिलाकर रख दिया। राज्य बाल संरक्षण आयोग की टीम ने जब छात्रावास का औचक निरीक्षण किया, तो वहां का माहौल किसी गुप्त साजिश की ओर इशारा करता नजर आया।

सबसे बड़ा झटका तब लगा जब राष्ट्रीय ध्वज कचरे के डिब्बे में पड़ा मिला, और भारत माता की तस्वीर उल्टी अवस्था में देखी गई। यही नहीं, छात्रावास की छात्राओं ने सनसनीखेज आरोप लगाया कि वार्डन उन्हें पूजा-पाठ करने से रोकती हैं।

टीम को छपरासी के कमरे से मिलीं आपत्तिजनक धार्मिक किताबें, जिनमें मुस्लिम, ईसाई और बौद्ध धर्म से जुड़ी सामग्री थी। सवाल ये उठता है – आखिर बालिका छात्रावास में इन किताबों की क्या आवश्यकता थी?

यह भी पढ़ें.. गुना में बाल संरक्षण आयोग के अध्यक्ष का दौरा, क्राइस्ट स्कूल के प्राचार्य पर FIR दर्ज करने के निर्देश, छात्र से अभद्रता का मामला

वार्डन की भूमिका संदेह के दायरे में

छात्रावास के भीतर किराने की दुकान का संचालन, जिससे बच्चियों को सामान खरीदने के लिए मजबूर किया जाता था।

छात्राओं को हर दिन सिर्फ मुनगा की पत्तियों की सब्ज़ी खिलाई जाती थी, जिससे पोषण के नाम पर केवल दिखावा किया जा रहा था।

वार्डन मौके से गायब थीं और छुट्टी का कोई आवेदन नहीं मिला, जबकि पूरा छात्रावास एक प्यून के भरोसे चल रहा था।

यह भी पढ़ें..  आदिवासी गर्ल्स होस्टल में गैर मर्द को बुलाने वाली वार्डन को हटाया, होस्टल में जाने और शराब पीने वाले नारायण पर कार्रवाई बाकी

"संविधान और संस्कृति पर है सीधा प्रहार "

डॉ. निवेदिता शर्मा और ओंकार सिंह सहित आयोग की टीम ने इन खामियों पर तीखी प्रतिक्रिया दी। उनका कहना है कि यह सिर्फ प्रशासनिक लापरवाही नहीं, बल्कि संविधान और संस्कृति पर सीधा प्रहार है।

पूरे मामले की रिपोर्ट शीघ्र उच्च अधिकारियों को भेजी जाएगी और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की सिफारिश की जाएगी। फिलहाल, सवालों के घेरे में वार्डन और पूरी प्रशासनिक व्यवस्था है।

क्या बालिका छात्रावास बच्चों की सुरक्षा और संस्कृति के केंद्र हैं या धीरे-धीरे किसी छुपे एजेंडे की प्रयोगशाला बनते जा रहे हैं?

यह भी पढ़ें.. बाल संरक्षण आयोग के निर्देश पर भी कार्रवाई नहीं, नोटिस देकर भूले CMHO

यह भी पढ़ें.. रायसेन में एक बार फिर धर्म परिवर्तन का मामला, बाल संरक्षण आयोग के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो ने पकड़ा 

Advertisment