ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट (GIS) से अभी तक क्या मिला, निवेश और रोजगार दावों का क्या हुआ?

भोपाल समिट को लेकर नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय का दावा है कि इससे 20 लाख को रोजगार मिलेंगे। यह अन्य समिट जो इवेंट जैसी रह जाती हैं, वैसे नहीं होगी। अब मप्र शासन की बेरोजगारी का आंकड़ा देखिए...

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Sanjay Gupta
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Indore. ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट (GIS), भोपाल 24-25 फरवरी को भोपाल होने जा रही है। इस बार क्या उम्मीदें हैं और क्या दावे हैं, बीती समिट में क्या हुआ है। सरकार के आंकड़े और केंद्र के आंकड़े क्या बोल रहे हैं। इन सभी पर द सूत्र कर रहा पूरी इंडैप्थ रिपोर्ट।

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सबसे चौंकाने वाली बात तो यह है

मप्र में जनवरी 2023 में तत्कालीन सीएम शिवराज सिंह चौहान के समय इंदौर में हुई ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के दौरान 15.42 लाख करोड़ के करार हुए। इससे 29 लाख रोजगार की बात कही गई। लेकिन मजे की बात यह है कि इतने तो मप्र में बेरोजगार ही नहीं हैं। भोपाल समिट को लेकर नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय का दावा है कि इससे 20 लाख को रोजगार मिलेंगे। यह अन्य समिट जो इवेंट जैसी रह जाती हैं, वैसे नहीं होगी। अब मप्र शासन की बेरोजगारी का आंकड़ा देखिए, शासन द्वारा विधानसभा में बताए आंकड़ों के अनुसार मप्र में 26 लाख 17 हजार बेरोजगार हैं। यानी 20 लाख को रोजगार मिल गया तो मप्र में गिनती के बेरोजगार बचेंगे।

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अभी तक सबसे बड़ा निवेश करार का रिकॉर्ड यह है

11-12 जनवरी 2023 में तत्कालीन सीएम शिवराज सिंह चौहान के समय इंदौर में हुई समिट के दौरान सर्वाधिक 15 लाख 42 हजार 550 करोड़ रुपए के निवेश आए थे। इससे दावा था कि 29 लाख से अधिक रोजगार के द्वार खुलेंगे। इसमें 84 देशों के पांच हजार से अधिक प्रतिनिधि शामिल हुए थे। इन निवेश करार का क्या हुआ अभी तक इसकी रिपोर्ट नहीं आई है। अधिकारी कुछ बोलने को तैयार नहीं और ना ही कोई आंकड़ा देने को तैयार नहीं। द सूत्र ने इसके लिए कई अधिकारियों से बात की और जानकारी मांगी थी।

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और इसके पहले के समिट के रिकॉर्ड और असल हाल...

साल 2019- तत्कालीन सीएम कमलनाथ के समय- 74 हजार करोड़ के निवेश करार हुए
(असल में क्या हुआ यह आंकड़े नहीं आए, खैर दावे भी भारी भरकम नहीं थे)
साल 2016- तत्कालीन सीएम चौहान के समय- 5.63 लाख करोड़ के निवेश करार
(धरातल पर 32597 करोड़ रुपए का निवेश जमीन पर उतरा, 92 हजार को रोजगार)
साल 2014 में- कुल 4.35 लाख करोड़ के निवेश करार
(धरातल पर 49272 करोड़ रुपए के करार आए, 39 हजार को रोजगार)
साल 2012- कुल 3.50 लाख करोड़ के निवेश करार
(धरातल पर 26 हजार करोड़ के करार आए, 32 हजार को रोजगार)
साल 2010 में- कुल 2.35 लाख करोड़ के निवेश करार
(धरातल पर 26879 करोड़ के करार आए, 25 हजार को रोजगार)
साल 2007- कुल 1.20 लाख करोड़ के निवेश करार
(कुल 17311 करोड़ के कारण धरातल पर आए करीब 50 हजार को रोजगार)

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2007 से 2016 तक समिट के करार का असल हाल

साल 2007 से 2016 तक कुल पांच ग्लोबल इन्वेस्टर समिट के दौरान 6431 करार के जरिए 17.03 लाख करोड़ के करार हुए लेकिन इनमें से मात्र 1 लाख 52 हजार 113 करोड़ के करार ही धरातल पर उतरे इससे दो लाख 37 हजार को रोजगार के अवसर मिले। साल 2023 के 15.42 लाख करोड़ के करार का क्या हाल हुआ, इसका रिकॉर्ड फिलहाल शासन ने जारी नहीं किया है। संभव है कि भोपाल समिट में इसकी जानकारी साझा की जाए।

केंद्र के आंकड़े बता रहे हैं कितना है निवेश

केंद्र के उद्योग संवर्धन और आंतरिक व्यापार विभाग (डीपीआईआईटी) की प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) और आईईएम (इंडस्ट्रियल इंटरप्रेन्योर मेमोरेंडम) रिपोर्ट बताती है कि अभी भी देश में सर्वाधिक निवेश गुजरात, महाराष्ट्र जैसे राज्यों की ओर जा रहा है। आईईएम लार्ज इंडस्ट्री को केंद्र से लेना होता है इसमें पार्ट ए निवेश करार के लिए और पार्ट भी एक्चुअल निवेश के समय जारी होता है। इन आंकड़ों में देखिए मप्र कहां है

मप्र में साल 2022 में 53 लार्ज इंडस्ट्री से 7337 करोड़ का निवेश आया

मप्र में साल 2023 में 72 लार्ज इंडस्ट्री से एक्चुअल 13806 करोड़ का निवेश आया
मप्र में जनवरी से जुलाई 2024 के बीच में 74 लार्ज इंडस्ट्री प्रोजेक्ट से 15924 करोड़ का निवेश आया
उधर एफडीआई की बात करें तो मप्र में देश में आए कुल विदेशी निवेश का मात्र 0.23 फीसदी आता है। मप्र में 4492 करोड़ का विदेश निवेश आया।

इस बार 20 लाख करोड़ के करार की उम्मीद

समिट में इस बार 31 हजार उद्योगपतियों के पंजीकरण हुए हैं। सीएम डॉ. मोहन यादव काफी उत्साहित हैं और कह रहे हैं कि पंजीकरण ही बता रहे हैं कि इस बार क्या होने वाला है और समिट में सभी पुराने रिकॉर्ड टूटने वाले हैं। अभी तक का निवेश करार का सबसे बड़ा रिकॉर्ड 15.42 लाख करोड़ रुपए का था जो जनवरी 2023 में इंदौर में हुई ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट का था।

इस बार इतना रिकॉर्ड निवेश करार संभावित

इस बार भोपाल की समिट में निवेश करार 20 लाख करोड़ और इससे अधिक रहने की पूरी संभावना है। सीएम डॉ. मोहन यादव शनिवार (15 फरवरी) को उज्जैन में साफ कह चुके हैं कि इस बार निवेश के सारे रिकॉर्ड टूटेंगे। यह उनका विश्वास इसलिए है क्योंकि पहले निवेश का 70 फीसदी हिस्सा इंदौर में आता था लेकिन अब रीजनल इंडस्ट्री कॉनक्लेव के कारण निवेश पूरे मप्र के लिए होने जा रहा है। पीएम नरेंद्र मोदी के चलते देश के सभी बड़े कॉर्पोरेट घरानों की उपस्थिति होने जा रही है। सीएम ने इस निवेश के लिए दिन-रात एक कर दिए हैं और देश-विदेश के दौरे, रोड शो किए। नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय जिनके मंत्री रहते हुए कई समिट हो चुकी हैं, उन्होंने इंदौर में कहा है कि यह समिट ऐतिहासिक होगी और कम से कम 20 लाख के रोजगार की व्यवस्था होगी।

3.90 लाख करोड़ का निवेश तो आ चुका

1. सीएम डॉ. यादव के तीन बड़े कदम से एक साल में ही 3.90 लाख करोड़ के निवेश और 2.16 लाख लोगों को रोजगार की बात तय हो चुकी है।

2. उज्जैन, जबलपुर, ग्वालियर, सागर, रीवा, नर्मदापुरम और शहडोल की 7 रीजनल इंडस्ट्री कॉनक्लेव से 2.46 लाख करोड़ का निवेश और 1.24 लाख रोजगार के करार पहले ही हो चुके।
3. इंटरनेशनल 3 रोड शो जर्मनी, यूके और जापान से 77450 करोड़ रुपए के निवेश करार और 8920 के रोजगार की व्यवस्था सीएम पहले ही कर चुके हैं।
4. देश में 4 रोड शो मुंबई, कोयंबटूर, बेंगलुरू और कोलकाता से कुल 95617 करोड़ के निवेश करार और 48470 के रोजगार की पहले ही व्यवस्था हो चुकी है।

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