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Photograph: (The Sootr)
INDORE. नवरात्रि पर्व से जीएसटी 2.0 लागू हुआ है, जिसमें कई जरूरी वस्तुओं से टैक्स की दरों को काफी कम किया गया है, साथ ही टैक्स स्लैब भी कम की गई है। लेकिन अभी भी इन सुधारों से सभी कारोबारी, उद्योगपति खुश नहीं है। इसमें कई संगठन अलग-अलग मांग कर रहे हैं।
इंदौर में उठी बात GST 3.0 भी लाया जाए
इंदौर में सोमवार को केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी के साथ विविध व्यापारिक, औद्योगिक संगठनों के साथ बैठक हुई। इसमें जीएसटी के फायदे बताने के लिए आयोजन था लेकिन इसमें संगठनों ने इसमें रह गई खामियों को गिना दिया। इस पर आखिर में वित्त राज्यमंत्री चौधरी ने कहा कि सभी शिकायतों पर काम होगा, यह बातें हमारे संज्ञान में आई है और जरूरत होने पर जीएसटी 3.0 भी आएगा।
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इंदौर में जीएसटी सुधार पर मंत्री से चर्चा को 4 पॉइंट्स में समझें...जीएसटी 2.0 के बाद व्यापारियों की निराशाः नवरात्रि पर्व से लागू हुए जीएसटी 2.0 में कई जरूरी वस्तुओं पर टैक्स दरें घटाई गई हैं और टैक्स स्लैब कम किए गए हैं, लेकिन इसके बावजूद कारोबारी और उद्योगपति पूरी तरह संतुष्ट नहीं हैं। कई व्यापारिक संगठनों ने अपनी शिकायतें और सुधार की मांग उठाई है। इंदौर में जीएसटी 3.0 पर चर्चाः केंद्रीय वित्त राज्यमंत्री पंकज चौधरी ने इंदौर में मध्यप्रदेश के व्यापारिक और औद्योगिक संगठनों से बैठक की। इस बैठक में व्यापारियों ने जीएसटी 2.0 के विभिन्न खामियों के बारे में बताया और जीएसटी 3.0 की आवश्यकता की बात की। मंत्री ने इन समस्याओं पर विचार करने और सुधारों पर काम करने का आश्वासन दिया। व्यापारियों की समस्याएंः व्यापारियों ने कई मुद्दों पर चिंता जताई। उदाहरण के लिए, होटल एसोसिएशन ने बताया कि 7500 रुपये से कम रूम रेंट पर 5% जीएसटी से आईटीसी की समस्या होगी, वहीं दवा उद्योग ने कच्चे माल पर 18% जीएसटी का मुद्दा उठाया। अन्य व्यापारियों ने भी कच्चे माल पर अधिक टैक्स और फर्जी बिलिंग की समस्याएं साझा कीं। वित्त राज्य मंत्री का आश्वासनः मंत्री पंकज चौधरी ने कहा कि सभी शिकायतों पर विचार किया जाएगा और कोई भी सुझाव हल्के में नहीं लिया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि जीएसटी 2.0 के सुधारों से राजस्व में 8-9% बढ़ोतरी का अनुमान है, लेकिन ज्यादा खरीदारी होने पर यह प्रभाव कम हो सकता है। |
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यह बताई गई समस्याएं
होटल एसोसिएशन की ओर से सुमित सूरी ने कहा कि 7500 से कम रूम रेंट वाले में जीएसटी 5 फीसदी कर दिया है, लेकिन इनपुट टैक्स क्रेडिट का नुकसान होगा।
दिनेश गुप्ता ने कहा कि नोटबुक पर जीएसटी जीरो कर दिया है लेकिन कागज पर 18 फीसदी जीएसटी है। ऐसे में आईटीसी की समस्या आएगी।
कनफेक्शनरी कारोबारी दीपा मेहता ने कहा कि उत्पाद पर जीएसटी घटा दिया है लेकिन कच्चे माल पर अधिक है। ऐसे में उपभोक्ता को लाभ मिलना मुश्किल है।
ऑटोमोबाइल सेक्टर को लेकर अमित कासलीवाल ने कहा कि इसमें टैक्स कम होने से काफी लाभ होगा लेकिन सेस के साढ़े चार हजार करोड़ रुपए सरकार के पास अटके हैं, वह रिलीज नहीं हुए।
एसोसिएशन आफ इंडस्ट्री मप्र के योगेश मेहता ने कहा कि स्क्रैप मैटल उद्योगों का कच्चा माल है, लेकिन इसमें फर्जी बिलिंग से काफी परेशानी है।
दवा उद्योग ने भी चिंता जताई और हिमांशु शाह ने कहा कि दवा पर जीएसटी कम किया लेकिन कच्चे माल पर टैक्स 18 फीसदी है।
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मंत्री बोले हर बता पर होगा विचार
आयोजन में मंत्री के साथ ही सांसद शंकर लालवानी, सीमा शुल्क बोर्ड के सुरजीत भुजबल, चीफ कमिशनर सीजीएसटी संदीप पुरी, कमिशनर प्रतुल तिवारी व अन्य मौजूद थे। मंत्री चौधरी ने कहा कि इंदौर की सभी बातों पर विचार होगा। किसी भी सुझाव को हल्के में नहीं लिया जाएगा और इस पर काम किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि नए सुधार से राजस्व में 8-9 फीसदी का असर होगा, लेकिन खरीदारी बढ़ने से यह पूरा हो सकेगा। सांसद ने कहा कि पहले सरकार तक पहुंचने में लोगों की एड़िया घिस जाती थी लेकिन अब सरकार,मंत्री खुद जनता के पास आ रहे हैं और उनकी बात सुनकर काम भी कर रहे हैं।
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