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BHOPAL. डिप्टी सीएम जगदीश देवड़ा ने माना कि जीएसटी दरों में बदलाव और अन्य कारणों से GST से राजस्व संग्रह में कमी आ सकती है। बावजूद इसके सरकार नवाचारों और लंबित वसूली पर ध्यान देगी। साल के अंत तक अपेक्षित लक्ष्य हासिल कर लिया जाएगा।
साल के बकाया 4 माह से काफी उम्मीद
देवड़ा गुरुवार को अपने विभागों की उपलब्धियां बता रहे थे। सरकार के दो साल पूरे होने पर आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में बड़ी बात कही हैं। उन्होंने यह माना कि वित्तीय साल की पहली छमाही में राजस्व संग्रह में लक्ष्य को हासिल करने में कमी रही। लेकिन बीते दो माह में राजस्व जुटाने में तेजी आई है। उन्होंने कहा कि वित्तीय वर्ष के बकाया चार महीनों में लक्ष्य को हासिल करने के पूरे जतन होंगे।
राजस्व जुटाने नवाचारों पर फोकस
देवड़ा ने कहा कि राजस्व संग्रह का लक्ष्य हासिल करने सभी विभागों को नवाचार पर फोकस करने के लिए कहा गया है। साल की पहली छमाही में जीएसटी राजस्व संग्रह में करीब 13.5 प्रतिशत की कमी थी। समीक्षा के बाद, GST की, GSTN,बोगस पंजीयन व कर चोरी पर सख्ती से रोक,विभागीय गोपनीय एंट्रीज का स्पेरो सॉफ्टवेयर से आनलाइन प्रबंधन, कर संबंधी डेटा एनालिसिस के लिए दिशा पोर्टल का उपयोग शुरू किया गया। नतीजतन,बीते दो माह में ही
जीएसटी राजस्व कलेक्शन में 5557 करोड़ का इजाफा हुआ। इसी तरह,पंजीयन एवं मुद्रांक मामलों में ही कसावट लाकर बीते 8 माह में 7579 करोड़ राजस्व जुटाया गया। जो इसी अवधि तक बीते साल की तुलना में 10.15 प्रतिशत ज्यादा है।
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जीएसटी दरों में बदलाव एक बड़ी वजह
वित्त मंत्री ने कहा कि जीएसटी दरों में बीते माह से हुए बदलाव से इस मद में रेवन्यू कलेक्शन में कमी संभव है। इसकी पूर्ति अन्य कराधानों से करने का प्रयास किया जा रहा है। इसके लिए वृत्ति कर अधिनियम (वैट) में ईज ऑफ डूइंग बिजनेस के तहत करदाताओं को कई सुविधाएं दी गईं।
बता दें कि मौजूदा वित्तीय वर्ष में जीएसटी से 42,140 करोड़ रुपए राजस्व संग्रह का अनुमान बजट में लगाया गया था। मौजूदा साल के गुजरे 8 महीनों में सिर्फ 22,513 करोड़ रुपए जीएसटी से मिले। बकाया 4 महीनों में 19,627 करोड़ रुपए का शेष लक्ष्य हासिल करना आसान नहीं है।
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राज्य की प्रगति के लिए जरूरी है कर्ज
एक सवाल के जवाब में वित्त मंत्री देवड़ा ने कहा कि आमतौर पर कर्ज को लेकर काफी शोर मचाया जाता है। लेकिन राज्य की प्र​गति के लिए कर्ज लेना कोई बुरी बात नहीं है। मध्य प्रदेश उन राज्यों में शामिल है जो लिए गए कर्ज का ब्याज भी अदा कर पा रहा है और मूल भी। उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश की मौजूदा जीएसडीपी करीब 17 लाख करोड़ से अधिक है। लिया गया कर्ज जीएसडीपी व केंद्र सरकार द्वारा तय मानकों के अनुरूप ही है।
महंगी शराब बेचने पर 5 करोड़ की पेनाल्टी
देवड़ा ने कहा कि प्रदेश में एमएसपी से अधिक दाम पर शराब बेचने वालों पर सख्त कार्रवाई की जा रही है। ऐसे मामलों में ठेकेदारों पर पांच करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया गया। उन्होंने कहा कि आबकारी ठेकेदारों से लंबित बकाया रकम की वसूली पर काम हो रहा है। हालांकि, कई मामले कोर्ट में लंबित होने से वसूली में कठिनाई आती है।
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