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गुजरात के बनासकांठा जिले के डीसा में हुए एक दर्दनाक हादसे ने एक ही परिवार के 11 सदस्यों की जान ले ली। यह हादसा तब हुआ जब परिवार के सदस्य बेटे सत्यनारायण की तेरहवीं के लिए पैसे जुटाने गुजरात गए थे। होली पर बेटे का निधन हुआ था, और परिवार के पास तेरहवीं करने के लिए जरूरी पैसे नहीं थे। इस कारण परिवार के सभी सदस्य मजदूरी करने गुजरात गए थे, ताकि वे काम करके पैसे जुटा सकें, लेकिन इससे पहले ही उनका परिवार बर्बाद हो गया। बता दें कि इस हादसे में 21 मजदूरों की मौत हो गई। मामले में पुलिस ने फैक्ट्री के मालिक को गिरफ्तार कर लिया है।
गुजरात में हुआ भयानक हादसा
गुजरात के डीसा स्थित एक पटाखा फैक्ट्री में मंगलवार सुबह 8 बजे एक भयानक विस्फोट हुआ। इस विस्फोट में परिवार के तीन पोते समेत 11 लोग मारे गए। इनमें विष्णु (22), राजेश (25), और बिट्टू (15) तीन सगे भाई थे। यह सब मजदूरी करने के लिए गुजरात गए थे, जहां एक बॉयलर में विस्फोट होने के कारण उनकी जान चली गई। इस हादसे में देवास जिले के संदलपुर के रहने वाले 9 मजदूरों की भी मौत हो गई और 3 की हालत गंभीर बनी हुई है। पांच मजदूर मामूली रूप से घायल हैं।
विस्फोट में बिखर गए शवों के टुकड़े
पटाखा फैक्ट्री में हुआ विस्फोट इतना भीषण था कि मजदूरों के शरीर के टुकड़े 50 मीटर दूर तक बिखर गए। फैक्ट्री के पीछे खेतों में भी मानव अंग पाए गए। आग को काबू करने में फायर ब्रिगेड को 5 से 6 घंटे का समय लग गया। इस घटना ने न सिर्फ फैक्ट्री के कर्मचारियों को बल्कि पूरे क्षेत्र को हिलाकर रख दिया।
मुख्यमंत्री और अन्य नेताओं ने की आर्थिक सहायता की घोषणा
इस दर्दनाक हादसे पर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने दुख व्यक्त किया और मृतकों के परिवारों के लिए 2-2 लाख रुपए और घायलों के लिए 50-50 हजार रुपए की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की। गुजरात सरकार ने भी समान राशि देने का वादा किया है। इसके अलावा, हरदा के विधायक डॉ. आरके दोगने ने मृतकों के परिवारों को 20-20 हजार रुपए देने की घोषणा की।
गुजरात जाने का कारण
हादसे में घायल विजय के भाई वीरेंद्र काजवे ने बताया कि परिवार के सभी सदस्य लक्ष्मीबाई के बुलावे पर गुजरात गए थे, जिन्होंने उन्हें वहां अच्छे वेतन की पेशकश की थी। पहले भी यह परिवार हरदा में पटाखा फैक्ट्री में काम कर चुका था, लेकिन हरदा में फैक्ट्री में ब्लास्ट के बाद सभी फैक्ट्रियां बंद हो गई थीं। कुछ दिनों पहले ही लक्ष्मीबाई ने उन्हें गुजरात में अच्छी मजदूरी मिलने की बात कही थी और इस कारण वे वहां काम करने के लिए गए थे। अब उनका भाई गंभीर रूप से घायल है और इलाज गुजरात के अस्पताल में चल रहा है।
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सरकार की ओर से सहायता
घटना के बाद मध्य प्रदेश सरकार ने इस दुर्घटना की गंभीरता को समझते हुए अफसरों की टीम गुजरात भेजी है। इस टीम में अनुसूचित जाति कल्याण मंत्री नागर सिंह चौहान और हरदा कलेक्टर आदित्य सिंह शामिल हैं। इन अधिकारियों को मृतकों की शिनाख्त और घायलों की सहायता के लिए भेजा गया है।
घायलों का इलाज
डीसा के सिविल अस्पताल के अधीक्षक सुनील जोशी ने बताया कि इस हादसे में घायल तीन व्यक्तियों को अस्पताल में भर्ती किया गया है। इनमें से एक व्यक्ति की हालत बेहद गंभीर है, क्योंकि उसे 60 प्रतिशत जलने के बाद अस्पताल लाया गया है। दूसरे घायलों की हालत स्थिर है।
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सिंघार ने लगाए गंभीर आरोप
नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने मध्यप्रदेश सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि रोज़गार के मुद्दे पर सरकार लगातार बड़े-बड़े दावे करती आई है, लेकिन अब यह सवाल उठता है कि सरकार इतनी अक्षम क्यों हो गई है कि मजदूरों को अपने घरों से पलायन करने की आवश्यकता पड़ रही है। यहां तक कि उन्हें अपनी जान तक गंवानी पड़ रही है। सिंघार ने यह भी कहा कि इस मामले की उच्चस्तरीय जांच होनी चाहिए और लापरवाही के दोषियों को चिह्नित कर उन्हें सजा दी जानी चाहिए। उन्होंने यह भी मांग की कि पीड़ित परिवारों को मध्यप्रदेश सरकार से समुचित मुआवजा मिलना चाहिए और घायलों का इलाज भी बेहतर तरीके से किया जाना चाहिए।
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