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BHOPAL. मध्य प्रदेश और गुजरात के बीच सरदार सरोवर बांध के डूब प्रभावितों के हिस्से की देनदारी का मामला एक दशक बाद सुलझता नजर आ रहा है। मध्य प्रदेश और गुजरात के मुख्य सचिवों के बीच शनिवार को हुई उच्च स्तरीय बैठक में सहमति बनी है। इस बैठक में पहली बार 10 हजार करोड़ की देनदारी चुकाने पर गुजरात का नरम रुख सामने आया है।
हालांकि गुजरात ने भी मध्य प्रदेश पर कुछ देनदारी निकाली हैं, लेकिन प्रदेश के अधिकारियों ने इस पर असहमति जताई है। इसके बावजूद गुजरात के मुख्य सचिवसहित सरदार सरोवर नर्मदा निगम लिमिटेड के अफसरों का रवैया सकारात्मक रहा है। इससे एक दशक से देनदारियों की वसूली को लेकर जारी खींचतान और विवाद सुलझता दिख रहा है।
डूब प्रभावितों के पुनर्वास में आएगी तेजी
मध्य प्रदेश मंत्रालय वल्लभ भवन में शनिवार शाम गुजरात और मध्य प्रदेश के मुख्य सचिवों की अध्यक्षता में उच्च स्तरीय बैठक हुई। बैठक में लंबे समय से सरदार सरोवर बांध के डूब प्रभावितों के हिस्से के मुआवजे की राशि पर अधिकारियों ने चर्चा की। मध्य प्रदेश के अधिकारियों ने डूब प्रभावितों के विस्थापन से संबंधित 10 हजार करोड़ की देनदारी का मुद्दा उठाया।
यह राशि डूब प्रभावितों के अलावा वन भूमि और पुनर्वास के लिए गुजरात से ली जानी है। मध्य प्रदेश के मुख्य सचिव अनुराग जैन और गुजरात के मुख्य सचिव पंकज जोशी की सहमति से दोनों प्रदेशों के अधिकारियों द्वारा एक- दूसरे की देनदारियों से संबंधित दावों के परीक्षण पर सहमति बनी है।
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पंप स्टोरेज प्रोजेक्ट पर भी बनी सहमति
मध्य प्रदेश ने सरदार सरोवर बांध के डूब प्रभावितों सहित अन्य पुनर्वास गतिविधियों के लिए 10 हजार करोड़ का दावा किया है। हालांकि गुजरात के अधिकारियों ने इसे अधिक बताते हुए मध्य प्रदेश पर भी देनदारी निकाली है।
दोनों राज्यों के अधिकारियों द्वारा इन दावों के परीक्षण के बाद प्रदेश के 10 हजार करोड़ रुपए के दावे से कुछ राशि कम हो सकती है। हालांकि एक दशक से ज्यादा समय से दोनों राज्यों के बीच फंसे इस मसले का हल निकलने का रास्ता खुलता दिख रहा है।
उच्च स्तरीय बैठक में देनदारियां चुकाने के मसले के अलावा दोनों राज्यों के बीच सरदार सरोवर बांध पर गरुडेश्वर में पंप स्टोरेज प्रोजेक्ट पर चर्चा हुई। प्रोजेक्ट पर दोनों राज्यों में सहमति बनी है। मध्य प्रदेश इस परियोजना में सशर्त शामिल होगा। प्रोजेक्ट में मध्य प्रदेश की हिस्सेदारी 57 फीसदी होगी।
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गुजरात की नरमी से प्रभावितों को लाभ
गुजरात जहां अब तक मध्य प्रदेश के दावों को खारिज करता आ रहा था अब उसका रवैया नरम हुआ है। इस मसले को सुलझाने के लिए ही गुजरात के मुख्य सचिव पंकज जोशी, सरदार सरोवर नर्मदा निगम लिमिटेड के सीएमडी मुकेश पुरी के साथ भोपाल पहुंचे थे।
मंत्रालय में मुख्य सचिव अनुराग जैन के अलावा एसीएस डॉ. राजेश राजौरा, सचिव जॉन किंग्सली के साथ बैठक में दोनों पक्षों में कई विषयों पर चर्चा हुई। अब तक देनदारी पर दोनों पक्षों में असहमति के कारण मामला नर्मदा वॉटर डिस्प्यूट ट्रिब्यूनल में उलझा हुआ है। गुजरात की नरमी के बाद मामला सुलझने से डूब प्रभावितों को उनके हिस्से का मुआवजा मिल पाएगा वहीं बांध प्रभावित क्षेत्र में अटके काम भी कराए जा सकेंगे।