राजेंद्र सलूजा नहीं लिख सकेंगे पूर्व विधायक, पेंशन-सरकारी लाभ की भी होगी वसूली, ये रही वजह

गुना के पूर्व विधायक राजेंद्र सिंह सलूजा को सुप्रीम कोर्ट के फैसले से बड़ा झटका लगा है। दरअसल, कोर्ट ने फर्जी जाति प्रमाण पत्र मामले में सलूजा को उनकी पेंशन और सरकारी लाभ वापस लेने का आदेश दिया है।

author-image
Raj Singh
New Update
Rajendra Saluja
Listen to this article
0.75x 1x 1.5x
00:00 / 00:00

मध्य प्रदेश के गुना के पूर्व विधायक राजेंद्र सिंह सलूजा को जोरदार झटका लगा है। बता दें ये झटका सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले से लगा है। कोर्ट ने उनके फर्जी जाति प्रमाण पत्र के मामले में उनके पेंशन और अन्य सरकारी लाभ वापस लेने का आदेश दिया है। इसके साथ ही अब वे खुद को 'पूर्व विधायक' भी नहीं लिख सकेंगे। इस फैसले से उनके राजनीतिक और व्यक्तिगत जीवन में एक नया मोड़ माना जा रहा है।

फर्जी जाति प्रमाण पत्र के आधार पर विधायक बने थे सलूजा

दरअसल,  गुना विधानसभा सीट अनुसूचित जाति (SC) के लिए आरक्षित है। राजेंद्र सिंह सलूजा ने 2008 के विधानसभा चुनाव में गुना सीट से निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ा था। उस समय गुना विधानसभा सीट अनुसूचित जाति (SC) के लिए आरक्षित थी। सलूजा ने सांसी समुदाय का जाति प्रमाण पत्र पेश किया था, और आरक्षण का लाभ उठाकर विधायक बने थे। बाद में कांग्रेस नेताओं ने यह आरोप लगाया कि सलूजा ने फर्जी जाति प्रमाण पत्र का उपयोग किया था।

ये भी खबर पढ़ें... एमपी बीजेपी के कॉल सेंटर ने दिल्ली में किए इतने लाख कॉल कि मिल गई आसान जीत

जांच के बाद खुलासा

सलूजा के जाति प्रमाण पत्र के खिलाफ शिकायत दर्ज होने के बाद 10 अगस्त 2011 को उनका जाति प्रमाण पत्र रद्द कर दिया गया। इसके बाद उन्होंने उच्च न्यायालय में याचिका दायर की, जिसे 2012 में खारिज कर दिया गया। इसके बावजूद, वह पहले ही पांच साल का कार्यकाल पूरा कर चुके थे। फिर 2016 में पार्षद वंदना मांडरे ने एक जनहित याचिका दायर की, जिसमें उन्होंने मांग की कि चूंकि सलूजा ने फर्जी प्रमाण पत्र के आधार पर विधायक पद हासिल किया था, इसलिए उन्हें पेंशन और अन्य सरकारी लाभ नहीं मिलना चाहिए।

ये भी खबर पढ़ें... एमपी बीजेपी संगठन ने जिलाध्यक्षों से मांगा चुनावी खर्च का ब्यौरा, तीन से चार दिन में प्रदेश संगठन को सौंपें रिपोर्ट

सुप्रीम कोर्ट का फैसला

वहीं, सुप्रीम कोर्ट ने इस याचिका को गंभीरता से लिया और सलूजा को पेंशन और अन्य सरकारी लाभ लेने से अयोग्य ठहराया। इसके साथ ही कोर्ट ने आदेश दिया कि सलूजा से अब तक मिली पेंशन और अन्य लाभों की वसूली की जाए।

कोर्ट के फैसले के मुख्य बातें

  • सलूजा अब किसी भी प्रकार की पेंशन के हकदार नहीं होंगे।
  • उनसे अब तक मिली पेंशन और अन्य लाभों की वसूली की जाएगी।
  • वह खुद को 'पूर्व विधायक' भी नहीं लिख सकेंगे।
  • उनके खिलाफ वसूली और कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

यह फैसला राजेंद्र सिंह सलूजा खिलाफ चली लंबी कानूनी लड़ाई का अंतिम मुकाम साबित हुआ है। सलूजा के लिए यह एक ऐतिहासिक घटना है, जो उनके भविष्य को प्रभावित कर सकती है।

हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें! विशेष ऑफ़र और नवीनतम समाचार प्राप्त करने वाले पहले व्यक्ति बनें

फर्जी जाति प्रमाण पत्र मामला फर्जी जाति प्रमाण पत्र सुप्रीम कोर्ट गुना न्यूज राजेंद्र सलूजा MP MP News एमपी न्यूज मध्य प्रदेश समाचार