गुटखा किंग किशोर वाधवानी पर हाईकोर्ट की 20 हजार की कास्ट, किया लॉ का मिसयूज
गुटखा किंग और दबंग दुनिया प्रालि अखबार के मालिक किशोर वाधवानी को हाईकोर्ट डबल बैंच से एक बड़ा झटका लगा है। हाईकोर्ट ने वाधवानी पर 20 हजार रुपये का जुर्माना लगाया और उनकी रिव्यू पिटीशन भी खारिज कर दी।
MP News : गुटखा किंग और दबंग दुनिया प्रालि अखबार के कर्ताधर्ता किशोर वाधवानी को हाईकोर्ट डबल बैंच से एक तगड़ा झटका लगा है। वाधवानी पर हाईकोर्ट ने 20 हजार की कास्ट लगाई है और साथ ही रिव्यू पिटीशन भी खारिज कर दी है। वहीं पुलिस ने हाईकोर्ट को यह भी बताया कि वह तय समय में अपनी जांच पूरी कर लेंगे जो हाईकोर्ट ने उन्हें दिया था। हाईकोर्ट ने 13 मार्च को अपने आदेश में पुलिस को तुकोगंज थाने में दर्ज केस में दो माह में जांच पूरी करने के आदेश दिए थे।
डीजीजीआई (डायरेक्टर जनरल ऑफ जीएसटी इंटेलीजेंस) भोपाल की इंदौर यूनिट के आवेदन पर इंदौर तुकोगंज थाने में वाधवानी और उनके भतीजे नीतेश वाधवानी के खिलाफ 10 फरवरी 2021 में चार सौ बीसी व अन्य गंभीर धाराओं में एफआईआर हुई थी। इसे निरस्त लगाने के लिए हाईकोर्ट में आवेदन लगाया था जो मार्च 2025 को खारिज हो गया। इस आदेश के खिलाफ वाधवानी ने रिव्यू पिटीशन लगाई थी। हाईकोर्ट जस्टिस विनोद रूसिया और जस्टिस गजेंद्र सिंह ने फैसले में लिखा कि ऐसे कोई भी नए तथ्य याचिकाकर्ता नहीं बता सकें कि क्यों रिव्यू किया जाए। यह प्रोसेस ऑफ ला का मिसयूज है और इसके लिए उन पर 20 हजार की कास्ट लगाते हुए याचिका खारिज की जाती है।
वाधवानी एलोरा टोबेको कंपनी (ETCL) के प्रोपराइटर हैं। इस कंपनी पर डीजीजीआई की इंदौर यूनिट ने जून 2020 में छापे मारे। छापे में भारी मात्रा में पान मसाला, गुटखे के कारोबार में जीएसटी चोरी सामने आई। इसके बाद इनके खिलाफ दो हजार करोड़ के टैक्स डिमांड नोटिस जारी हुए। यह चोरी उन्होंने जुलाई 2017 से जून 2020 की अवधि में की थी। इस पर विभाग ने उन्हें 15 जून 2020 को गिरफ्तार किया, बाद में उनकी जमानत हुई। इस जांच के दौरान सामने आया कि वाधवानी जो दबंग दुनिया अखबार में भी डायरेक्टर है, उन्होंने अपने अखबार की सेल 60 हजार से एक लाख दिखाई जबकि 6 से 8 हजार मात्र थी। इस दौरान उन्होंन फर्जी इनवाइस जनरेट किए और जीएसटी चोरी का 500 करोड़ रुपए और अन्य बिजनेस से कमाई को इस अखबार में इन फर्जी इनवाइस के जरिए खपाया और जमकर टैक्स चोरी की। अखबार की जांच में 904 फर्जी इनवाइस जारी हुए। डीजीजीआई ने इस मामले में किशोर वाधवानी और उनके भतीजे नीतेश वाधवानी पर 10 फरवरी 2021 में आईपीसी धारा 420, 467, 468, 471, 120 बी के तहत केस दर्ज करा दिया।
वाधवानी ने इस मामले में एफआईआर क्वैस के लिए रिट अपील दायर की। इसमें कहा गया कि एक ही मामले में दो एफआईआर नहीं हो सकती है, जीएसटी विभाग ने उन पर जीएसटी चोरी पर पहले ही अपराध दर्ज किया है, जिसमें उन्हें जेल भेजा गया और बाद में बेल हुई। लेकिन फिर पुलिस में भी धोखाधड़ी का केस दर्ज कराया। इसलिए थाने में दर्ज हुई एफआईआर को क्वैश किया जाए।
सुनवाई के बाद हाईकोट डबल बेंच जस्टिस विवेक रूसिया और जस्टिस गजेंद्र सिंह ने आदेश दिए कि इस मामले में जांच चल रही है और दो एफआईआर होने के मामले में दखल देने का कोई कारण नहीं बनता है। अभी तक पुलिस ने जांच क्यों नहीं की, यह भी हाईकोर्ट ने पूछा, इस पर बताया गया कि काफी इनवाइस है और कई लोगों से पूछताछ होना है इसलिए इसमें दिक्कत आ रही है। इस पर हाईकोर्ट ने दो माह में पुलिस को जांच पूरी करने के आदेश दिए।