नहीं थम रहा अंबेडकर विवाद: अधिवक्ता अनिल मिश्रा का विवादित बयान, बीएन राव को बताया संविधान निर्माता

ग्वालियर के वकील अनिल मिश्रा ने संविधान निर्माता डॉ. बीआर अंबेडकर के खिलाफ विवादित बयान दिया। मिश्रा ने संविधान का असली निर्माता बीएन राव को बताया। कांग्रेस और सपा ने उनके बयान पर तीखी प्रतिक्रिया दी।

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Sanjay Dhiman
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Ambedkar essue in  gwalior

Photograph: (the sootr)

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GWALIOR. ग्वालियर के अधिवक्ता अनिल मिश्रा ने फिर एक बार विवादित बयान दिया है। उन्होंने डॉ. भीमराव अंबेडकर को संविधान निर्माता मानने से इंकार कर दिया। वकील अनिल मिश्रा ने संविधान का असली निर्माता बीएन राव को बताया। वीडियो में मिश्रा ने कहा कि 30 नवंबर को बीएन राव की जयंती है। उन्होंने सभी से अपील की कि वे अपने घरों में राव की जयंती मनाएं।

मिश्रा के इस बयान पर मध्यप्रदेश कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष जीतू पटवारी ने X पर पलटवार किया। वहीं, समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने भी X के माध्यम से वकील अनिल मिश्रा से वकालत छोड़ने की सलाह दी है। यह विवाद लगातार बढ़ता जा रहा है और राजनीति में एक नई बहस छेड़ रहा है।

वीडियो में यह बोल गए वकील मिश्रा

अपने बयान में अधिवक्ता मिश्रा ने कहा कि संविधान का निर्माण अंबेडकर ने नहीं किया है, संविधान बनाने वाले बीएन राव हैं।

अधिवक्ता ने अपने बयान में अंबेडकर के लिए "झूठा" जैसा शब्द भी उपयोग किया। इस 31 सेकंड के वीडियो में वकील मिश्रा यह कहते हैं कि अंबेडकर का अस्तित्व खत्म करो, जैसे ही उनका अस्तित्व खत्म होगा, नीले कबूतरों के पर कतर जाएंगे।  

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पटवारी का पलटवार, बोले बाबा साहब देश की नींव

अधिवक्ता अनिल मिश्रा के बयान पर पलटवार करते हुए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने X पर ट्वीट किया। उन्होंने अपने ट्वीट में कहा कि भाजपा और उसके सहयोगी संविधान खत्म करने की साजिशें रच रहे हैं। कांग्रेस संविधान की रक्षा के लिए अटल है।

उन्होंने यह भी लिखा कि बाबा साहब इस देश की नींव हैं, यह नींव हमेशा मजबूत रहेगी। उन्होंने कहा कि संविधान ही हमारी ढाल है, हमारी ताकत है, हमारी संजीवनी है।

संविधान इतना ही बुरा है तो वकालत छोड़ दो: अखिलेश

उत्तरप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने भी इस मामले में ट्वीट किया। उन्होंने X पोस्ट में कहा कि भाजपा और उनके संगी-साथी संविधान मिटाने-हटाने की कोशिश कर रहे हैं। पीडीए संविधान की रक्षा के लिए वचनबद्ध है।

उन्होंने अधिवक्ता अनिल मिश्रा से पूछा कि यदि संविधान इतना ही बुरा है तो वकालत छोड़ दें। इस संविधान की वकालत से मिलने वाले रुपए भी त्याग दें। अखिलेश यादव ने भी संविधान को ढाल और संजीवनी बताया। 

बाबा साहब के खिलाफ बोलना संविधान का अपमान

अधिवक्ता विश्वजीत रतौनिया ने कहा की भीमराव अंबेडकर केवल एक व्यक्ति नहीं, बल्कि भारत की राष्ट्रीय धरोहर हैे। वे संविधान निर्माता और वंचित, पिछड़े, गरीब, मजदूर, किसान एवं आदिवासी वर्गों के अधिकारों के प्रतीक हैं। बाबा साहब के खिलाफ बोलना दरअसल देश के संविधान और उसके मूल आदर्शों के खिलाफ बोलना है।

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HC परिसर में अंबेडकर प्रतिमा को लेकर विवाद

यह पूरा मामला ग्वालियर हाईकोर्ट परिसर में डॉ. भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा स्थापित ( अंबेडकर प्रतिमा विवाद ) करने को लेकर चल रहे विवाद से जुड़ा हुआ है। ग्वालियर अंबेडकर प्रतिमा के इस मुद्दे पर जूनियर और सीनियर अधिवक्ताओं के बीच पहले भी तनाव और झड़पें हो चुकी हैं।

इसी विवाद (अंबेडकर मूर्ति विवाद) के बीच, पूर्व अध्यक्ष अनिल मिश्रा ने अपनी विवादित टिप्पणी सोशल मीडिया पर की थी। इसने स्थिति को और तूल दे दिया। इस मामले में बीते महीने से लगातार बयानबाजी हो रही है। 

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