एमपी में SIR की बैठक में उठे कई सवाल, लोग बोले- परिवार एक, पर वोटिंग बूथ अलग-अलग, क्या इसे भी सुधरेगी

भोपाल में वोटर लिस्ट सुधार को लेकर एसआईआर की बैठक की गई। इस बैठक में मतदाता सूची की गड़बड़ियों पर गंभीर सवाल उठाए गए। इसमें अहम मुद्दा परिवार के सदस्यों के अलग-अलग बूथ में नाम जुड़ने को लेकर था।

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Amresh Kushwaha
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मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में वोटर लिस्ट में सुधार और एसआईआर को लेकर मंगलवार, 28 अक्टूबर को एक बैठक आयोजित की गई थी। इस बैठक में आम नागरिकों और राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों ने कई गंभीर सवाल उठाए।

बैठक में सबसे बड़ा मुद्दा यही रहाकिएक ही परिवार के सदस्यों के नाम अलग-अलग पोलिंग बूथ पर क्यों दर्ज हैं? लोगों ने यह भी पूछा कि क्या यह तकनीकी गलती है या जानबूझकर की गई गड़बड़ी? क्या इसे भी सही किया जाएगा।

हर वोटर को मिलेगा सही बूथ- कलेक्टर

बैठक की अध्यक्षता कर रहे कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह ने भरोसा दिलाया कि यह प्रक्रिया पूरी तरह पारदर्शी और निष्पक्ष है। उन्होंने कहा, SIR प्रक्रिया के तहत यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि एक ही परिवार के सभी योग्य वोटर एक ही मतदान केंद्र में दर्ज हों। वहीं इसको लेकर बीएलओ (BLO) पूरी ईमानदारी से काम कर रहे हैं।

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राजनीतिक हस्तक्षेप पर उठे सवाल

लोगों ने यह आशंका भी जताई कि कहीं कुछ नाम राजनीतिक कारणों से तो नहीं हटाए जा रहे? कलेक्टर ने इसको भी लेकर स्पष्ट किया किबीएलओ पूरी तरह सरकारी कर्मचारी हैं। मतदाता सूची बनाने की प्रक्रिया भारत निर्वाचन आयोग (Election Commission of India) के नियमों के अनुसार होती है। इसमें किसी राजनीतिक हस्तक्षेप की कोई गुंजाइश नहीं।

भोपल में एसआईआर की बैठक पर एक नजर...

  • परिवार के नाम अलग-अलग बूथ पर दर्ज होने पर सवाल: बैठक में नागरिकों ने पूछा कि एक ही परिवार के सदस्यों के नाम अलग-अलग मतदान केंद्रों पर क्यों हैं और क्या यह गलती सुधारी जाएगी।

  • कलेक्टर का आश्वासन: कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह ने कहा कि SIR प्रक्रिया पारदर्शी है और हर परिवार के सभी सदस्य एक ही बूथ में दर्ज किए जाएंगे।

  • राजनीतिक हस्तक्षेप से इंकार: कलेक्टर ने स्पष्ट किया कि बीएलओ सरकारी कर्मचारी हैं और मतदाता सूची निर्माण में किसी राजनीतिक हस्तक्षेप की गुंजाइश नहीं है।

  • शिक्षकों की ड्यूटी पर विचार: परीक्षा अवधि में शिक्षकों की ड्यूटी न्यूनतम रखने का आश्वासन दिया गया ताकि पढ़ाई प्रभावित न हो।

  • नए वोटरों के लिए अवसर: 18 वर्ष पूरी करने वाले नागरिक पात्र दस्तावेजों के साथ नाम जुड़वा सकते हैं; 7 विधानसभा क्षेत्रों के 2029 मतदान केंद्रों पर सुधार कार्य जारी है।

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परीक्षा के समय शिक्षकों की ड्यूटी पर भी हुआ विचार

बैठक में शिक्षकों की ड्यूटी (Duty) को लेकर भी सवाल उठा गया। लोगो ने कहा कि परीक्षा समय में यदि शिक्षकों की ड्यूटी लगाई गई तो छात्रों की पढ़ाई प्रभावित होगी। इस पर प्रशासन ने भरोसा दिलाया कि शिक्षकों की ड्यूटी न्यूनतम रखी जाएगी और उनका शैक्षणिक कार्य बाधित नहीं होगा।

फ्रीज पीरियड में भी नाम जुड़वाना संभव

बैठक में यह भी स्पष्ट किया गया कि यदि वोटर लिस्ट फ्रीज (Freeze) हो गई है, तो भी पात्र नागरिक अपने दस्तावेजों के साथ आवेदन देकर नाम जुड़वा सकते हैं। 18 वर्ष की आयु पूरी करने वाले और क्षेत्र में सामान्य रूप से निवास करने वाले भारतीय नागरिकों को यह अधिकार है।

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बीएलओ की निगरानी के लिए 250 सुपरवाइजर तैनात

SIR बैठक में बीएलओ के काम की निगरानी पर भी चर्चा हुई। उपजिला निर्वाचन अधिकारी भुवन गुप्ता ने बताया कि 250 सुपरवाइजर तैनात किए गए हैं, जो यह सुनिश्चित करेंगे कि बीएलओ सटीक सर्वे और सत्यापन करें। किसी भी लापरवाही पर तत्काल कार्रवाई होगी।

7 विधानसभा क्षेत्रों में 2029 केंद्रों पर काम जारी

SIR के अंतर्गत भोपाल के 7 विधानसभा क्षेत्रों में कुल 2029 मतदान केंद्रों (Polling Centres) पर मतदाता सूची सुधार का कार्य किया जा रहा है। इस दौरान बीएलओ कुल 21 लाख 18 हजार 364 वोटरों तक पहुंचेंगे।

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नए वोटर भी जुड़ेंगे

18 वर्ष पूरे कर चुके नए वोटरों को सूची में नाम जोड़ने का अवसर मिलेगा। इसके लिए उन्हें निर्वाचन आयोग (Election Commission) के जरिए तय फॉर्म और दस्तावेज जमा करने होंगे।

FAQ

वोटर लिस्ट में सुधार क्यों जरूरी है?
वोटर लिस्ट में किसी भी प्रकार की त्रुटि लोकतांत्रिक प्रक्रिया को प्रभावित कर सकती है। गलत बूथ या गलत नाम के कारण कई मतदाता अपने मताधिकार से वंचित रह जाते हैं। SIR प्रक्रिया का उद्देश्य इस गड़बड़ी को दूर कर प्रत्येक नागरिक को उनके सही मतदान केंद्र से जोड़ना है।
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