Digital Arrest: अधिकारी के खिलाफ यौन आरोप लगाकर 3.30 घंटे बनाया बंधक

ग्वालियर के मलेरिया अधिकारी डॉ. विनोद दोनेरिया को ठगों ने डिजिटल अरेस्ट कर करीब साढ़े 3 घंटे तक मानसिक रूप से परेशान किया। हालांकि IPS अधिकारी के हस्तक्षेप के बाद आरोपी ठगी करने में नाकाम साबित हुए...

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Sandeep Kumar
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ग्वालियर के जिला मलेरिया अधिकारी डॉ. विनोद दोनेरिया को शातिर ठगों ने एक अजीबोगरीब तरीके से ठगी का शिकार बनाया। अनजान नंबर से आई कॉल और बाद में वीडियो कॉल के जरिए ठगों ने उन्हें 3.5 घंटे तक मानसिक रूप से परेशान किया और झूठे आरोपों में फंसाने की धमकी दी। हालांकि, IPS अधिकारी की मदद से ठगी का प्रयास नाकाम हो गया।

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ठगों ने बनाई झूठी कहानी

ठगों ने डॉ. दोनेरिया को यह विश्वास दिलाया कि उनका मोबाइल नंबर मनी लॉन्ड्रिंग, यौन चैट और पोर्नोग्राफी जैसे गंभीर मामलों में ट्रेस हुआ है। इसके बाद उन्होंने उनसे आधार कार्ड और परिवार से जुड़ी जानकारी मांगी और 50,000 रुपये की मांग की। ठगों ने दावा किया कि यह राशि जांच के लिए है और यदि उनका बैंक खाता निर्दोष पाया गया तो पैसा वापस कर दिया जाएगा।

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ठगों की चाल का खुलासा

डॉ. दोनेरिया ने बताया कि लंच के दौरान घर लौटते वक्त उन्हें 8707261198 नंबर से कॉल आई। कॉलर ने खुद को टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (TRAI) का अधिकारी बताया और सिम कार्ड ब्लॉक होने की धमकी दी। इसके बाद उन्हें वीडियो कॉल पर एक फर्जी पुलिस अधिकारी से बात कराई गई, जिसने मुंबई पुलिस का बोर्ड दिखाकर मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप लगाया।

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डॉ. दोनेरिया की चतुराई

जब डॉ. दोनेरिया को शक हुआ, तो उन्होंने तुरंत ग्वालियर के सीनियर आईपीएस अधिकारी राकेश सगर से संपर्क किया। राकेश सगर ने उन्हें ठगों के नंबर को ब्लॉक करने की सलाह दी और सतर्क रहने के लिए कहा। इसके बाद ठगों की चाल पूरी तरह से विफल हो गई।

पुलिस की प्रतिक्रिया

डॉ. दोनेरिया ने ठगी की शिकायत थाटीपुर थाने में दर्ज कराई, लेकिन पुलिस ने यह कहते हुए कार्रवाई की संभावना को नकार दिया कि ठगी करने वाले दूर बैठे थे। हालांकि, उन्होंने यह मामला आगे बढ़ाने का प्रयास नहीं किया।

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