ग्वालियर एमपी-एमएलए कोर्ट से मानहानि केस में Digvijay Singh बरी

मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय ने कहा था कि एक बात मत भूलिए कि जितने भी पाकिस्तान के लिए जासूसी करते पाए गए हैं, वह बीजेपी-आरएसएस व बजरंग दल से पैसे ले रहे हैं। पाकिस्तान की ISI के लिए जासूसी मुसलमान कम, गैर मुसलमान ज्यादा कर रहे हैं।

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Jitendra Shrivastava
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संजय शर्मा, BHOPAL. साढ़े तीन साल पुराने मानहानि केस ( defamation case ) में पूर्व सीएम दिग्विजय (Digvijay Singh) सिंह हो ग्वालियर के एमपी-एमएलए कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। कोर्ट ने तथ्यों के अभाव में केस चलने योग्य नहीं माना और दिग्विजय को दोषमुक्त कर दिया है। दिग्विजय ने साल 2019 में पार्टी के एक कार्यक्रम के दौरान आरएसएस और बजरंग दल और BJP पर कमेंट किया था जिसके बाद यह केस दर्ज कराया गया था। 

पाकिस्तान का जासूस बताकर किया था कमेंट

मानहानि के जिस केस से दिग्विजय (Digvijay Singh) सिंह हो राहत मिली है वह चंबल अंचल से जुड़ा है। साढ़े तीन साल पहले यानी कि 31 अगस्त 2019 में दिग्विजय भिंड में एक राजनीतिक कार्यक्रम में शामिल हुए थे। इस दौरान लोगों को सम्बोधित करते हुए उन्होंने बीजेपी के साथ ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और बजरंग दल का नाम लेकर टिप्पणी की थी। दिग्विजय ने कहा था कि एक बात मत भूलिए कि जितने भी पाकिस्तान के लिए जासूसी करते पाए गए हैं, वह बीजेपी-आरएसएस व बजरंग दल से पैसे ले रहे हैं। एक बात और बताता हूं कि पाकिस्तान की ISI के लिए जासूसी मुसलमान कम, गैर मुसलमान ज्यादा कर रहे हैं। बीजेपी और पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई में आपसी संबंध हैं। दिग्विजय ने यह भी कहा था की बीजेपी आईटी सेल का कार्यकर्त्ता ध्रुव सक्सेना आईएसआई के लिए काम कर रहा था। वह जासूसी करने के लिए आईएसआई से पैसा लेता था। बजरंग दल का नेता बलराम सिंह और कई कार्यकर्ता पैसा लेकर गुप्त सूचनाएं आईएसआई को भेज रहे थे।

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वकील अवधेश सिंह भदौरिया दर्ज कराया था केस  

राजनीतिक कार्यक्रम में संघ-बीजेपी को लेकर पाकिस्तान के लिए जासूसी करने और कार्यकर्ताओं के रुपए लेने से सम्बंधित दिग्विजय के इस बयान के चर्चा में आने के बाद तब खूब हंगामा खड़ा हुआ था। उनके इस बयान के बाद वकील अवधेश सिंह भदौरिया इस पर आपत्ति जताते हुए मानहानि केस दर्ज कराया था। जिसकी सुनवाई ग्वालियर के एमपी- एमएलए कोर्ट में चल रही थी। सुनवाई के दौरान शिकायतकर्ता द्वारा दिए गए तथ्य और तर्कों के बाद कोर्ट ने इस केस को चलने योग्य नहीं मानते हुए दिग्विजय को दोषमुक्त कर दिया है।

मानहानि केस Digvijay Singh