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ग्वालियर स्थित राजा मानसिंह तोमर संगीत एवं कला विश्वविद्यालय में बड़ी गड़बड़ी मिली है। यहां परीक्षा में नहीं बैठने वाले छात्रों को भी पास कर दिया गया। रिपोर्ट के मुताबिक, इस फर्जीवाड़े की पोल खुल गई है। जांच में पाया गया कि यूनिवर्सिटी के कर्मचारियों ने डेटा के साथ बड़ी छेड़छाड़ की है।
यूनिवर्सिटी प्रशासन ने सबूत सामने आने के बाद चुपचाप अपने नतीजे बदल दिए। यह घोटाला कई अलग-अलग कॉलेजों और कोर्स में एक साथ देखने को मिला है।
अनुपस्थित छात्रों को मार्कशीट में दिए मनचाहे नंबर
रिपोर्ट के मुताबिक, यूनिवर्सिटी के एग्जामिनेशन सिस्टम में ब्रीच लगाकर डेटा के साथ बड़ी छेड़छाड़ की गई। जैसे कि बीपीए फर्स्ट ईयर के छात्र हिमांशु भदौरिया परीक्षा में नहीं आया था। इसके बावजूद उसे साइंस ऑफ म्यूजिक विषय में 36 नंबर देकर पास कर दिया गया। जब शिकायत हुई, तो यूनिवर्सिटी ने उसे चुपके से फेल कर दिया।
इसी तरह मैहर के सरकारी म्यूजिक कॉलेज के छात्र अतुल पटेल के साथ हुआ। वह तबला थ्योरी की परीक्षा में शामिल नहीं हुआ, पर 64 नंबर मिल गए। यूनिवर्सिटी ने अपनी गलती छुपाने के लिए पुराने रिजल्ट वेबसाइट से हटा दिए हैं। अब छात्र और अभिभावक इस पूरी गड़बड़ी की हाई लेवल जांच की मांग कर रहे हैं।
यूनिवर्सिटी मैनेजमेंट की ढीली कार्रवाई
फर्जीवाड़ा खुलने के बाद यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार अरुण चौहान ने चुप्पी साध ली है। उन्होंने मीडिया को कहा कि वे इस मामले में कल ही जानकारी दे पाएंगे। वहीं कुलगुरु प्रो. स्मिता सहस्त्रबुद्धे ने इसे आशंका मानकर कुछ कदम उठाए हैं।
उन्होंने कॉन्फिडेंशियल डिपार्टमेंट के तीन कर्मचारियों को वहां से हटाकर दूसरी शाखा में भेज दिया है। हालांकि, अभी तक किसी भी दोषी कर्मचारी के खिलाफ कड़ी विभागीय जांच नहीं हुई है।
गड़बड़ी के डॉक्यूमेंट बताते हैं कि ये सब जानबूझकर छात्रों को फायदा पहुंचाने के लिए हुआ है। कई छात्र संगठन अब इस मुद्दे को लेकर विरोध प्रदर्शन करने की तैयारी में हैं।
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प्रदेश में म्यूजिक की एकमात्र यूनिवर्सिटी
बता दें कि, ये यूनिवर्सिटी मध्यप्रदेश की एकमात्र म्यूजिक और आर्ट्स की डेडिकेटेड गवर्नमेंटल यूनिवर्सिटी (University) है। यहां देशभर से छात्र अपना टैलेंट निखारने के लिए आते हैं।
परीक्षा में ऐसी गड़बड़ी से डिग्री की वैल्यू पर भी बुरा असर पड़ (Education Department Rule) सकता है। ग्वालियर म्यूजिक यूनिवर्सिटी को अब अपनी पूरी सॉफ्टवेयर सिस्टम और सर्वर की जांच करानी चाहिए।
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