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Bhopal:मध्यप्रदेश में वोटर लिस्ट को दुरुस्त करने के लिए चलाया गया स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (एसआईआर) का पहला चरण पूरा हो गया है। निर्वाचन आयोग ने प्रदेश के सभी 65 हजार 014 मतदान केंद्रों पर वोटर लिस्ट का फॉर्मेट प्रकाशित कर दिया है। इसके साथ ही यह भी साफ हो गया है कि बड़ी संख्या में ऐसे नाम सामने आए हैं, जो अब वोटर लिस्ट से हटाए जाएंगे।
चुनाव आयोग के आंकड़ों के मुताबिक, प्रदेश में कुल वोटर्स की संख्या करीब 5 करोड़ 74 लाख है। एसआईआर प्रक्रिया के बाद इनमें से 42 लाख 74 हजार मतदाताओं के नाम काटे जाने की स्थिति बनी है। ये वे वोटर हैं जिनकी मृत्यु हो चुकी है, जो स्थायी रूप से दूसरी जगह शिफ्ट हो गए हैं या लंबे समय से अनुपस्थित पाए गए या जिनके नाम एक से ज्यादा जगह दर्ज थे।
मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी संजीव कुमार झा ने बताया कि इस बार एसआईआर के तहत प्रदेशभर में 5 करोड़ 74 लाख एन्यूमरेशन फॉर्म यानी गणना पत्रक बांटे गए थे। इनमें से 5 करोड़ 31 लाख पत्रक वापस निर्वाचन आयोग को मिले हैं।
शुरुआती जांच में सामने आया है कि 8 लाख 46 हजार मतदाताओं की मृत्यु हो चुकी है। 2 लाख 76 हजार मतदाताओं के नाम एक से ज्यादा जगह दर्ज थे। इन श्रेणियों में आने वाले वोटर्स के नाम मतदाता सूची से हटाए जा रहे हैं।
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दिग्गज नेताओं के क्षेत्रों में कितना बदला आंकड़ा
एसआईआर के बाद सबसे ज्यादा चर्चा उन विधानसभा क्षेत्रों की हो रही है, जहां से प्रदेश के बड़े और प्रभावशाली नेता चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचे हैं। इन सीटों पर भी हजारों वोटर लिस्ट से बाहर हुए हैं।
उज्जैन दक्षिण: मुख्यमंत्री की सीट पर बड़ा असर
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उज्जैन दक्षिण विधानसभा सीट से मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचे हैं। वर्ष 2023 के विधानसभा चुनाव के समय यहां कुल 2 लाख 73 हजार 894 मतदाता दर्ज थे। एसआईआर के बाद यहां 37 हजार 7 सौ 28 मतदाताओं के नाम कटे हैं।
अब इस सीट पर 2 लाख 36 हजार 166 मतदाता शेष हैं। इसके अलावा 26 हजार 66 मतदाताओं की मैपिंग नहीं हो सकी है जिनकी जांच अभी बाकी है।
रीवा: डिप्टी सीएम राजेंद्र शुक्ल की सीट
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रीवा विधानसभा से जीतकर उप मुख्यमंत्री बने राजेंद्र शुक्ल के क्षेत्र में भी बड़ा बदलाव हुआ है। 2023 में यहां 2 लाख 26 हजार 991 मतदाता थे।
एसआईआर के दौरान 32 हजार 404 नाम मतदाता सूची से हटाए गए। यहां कुल 1 लाख 94 हजार 587 गणना पत्रक वापस मिले हैं। जबकि 1 हजार 5 सौ 27 मतदाताओं की मैपिंग नहीं हो सकी।
मल्हारगढ़: डिप्टी सीएम जगदीश देवड़ा का क्षेत्र
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मल्हारगढ़ विधानसभा सीट से लगातार जीतते आ रहे उपमुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा के क्षेत्र में 2023 में 2 लाख 50 हजार 3 सौ 33 मतदाता थे। एसआईआर (special intensive revision 2025) के बाद यह संख्या घटकर 2 हजार 41 हजार 6 सौ 41 रह गई है। यहां 8 हजार 7 सौ 45 मतदाताओं के नाम काटे गए हैं।
बैतूल: भाजपा प्रदेश अध्यक्ष की सीट
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भाजपा प्रदेश अध्यक्ष हेमंत खंडेलवाल बैतूल विधानसभा सीट से विधायक हैं। 2023 में यहां 2 लाख 62 हजार 61 मतदाता थे। एसआईआर के बाद 13 हजार 6 सौ 74 मतदाताओं के नाम हटाए गए हैं और अब यहां 2 लाख 48 हजार 3 सौ 87 मतदाता बचे हैं। इसके अलावा 2,129 मतदाताओं की मैपिंग नहीं हो सकी है।
गंधवानी: नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार का क्षेत्र
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धार जिले की गंधवानी विधानसभा सीट से कांग्रेस के नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार जीतकर आए हैं। 2023 में इस सीट पर 2 लाख 56 हजार 8 सौ 45 मतदाता थे। एसआईआर प्रक्रिया में 14 हजार 7 सौ 12 नाम हटाए गए। अब यहां कुल 2 लाख 42 हजार 1 सौ 27 मतदाता दर्ज हैं।
छिंदवाड़ा: कमलनाथ का विधानसभा क्षेत्र
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छिंदवाड़ा विधानसभा क्षेत्र लंबे समय से कांग्रेस नेता कमलनाथ का मजबूत इलाका माना जाता है। 2023 के चुनाव में यहां 2 लाख 88 हजार 6 सौ 68 मतदाता थे। एसआईआर के बाद 21 हजार 9 सौ 81 नाम मतदाता सूची से हटाए गए हैं। अब इस सीट पर 2 लाख 66 हजार 6 सौ 87 मतदाता बचे हैं।
चार बड़े जिलों में सबसे ज्यादा नाम कटे
प्रदेश के चार बड़े जिलों भोपाल, इंदौर, ग्वालियर और जबलपुर में सबसे ज्यादा मतदाताओं के नाम हटाए गए हैं। इन चार जिलों में कुल 13 लाख 69 हजार 881 मतदाताओं के नाम कटे हैं।
इंदौर में 4,39,871
भोपाल में 4,38,875
ग्वालियर में 2,46,538
जबलपुर में 2,47,341
इन चारों जिलों में 3 लाख 88 हजार मतदाताओं की मैपिंग नहीं हो सकी है।
नो मैपिंग वाले मतदाता क्यों अहम
पूरे प्रदेश में ऐसे वोटर्स की संख्या 8 लाख 65 हजार है, जिनकी मैपिंग नहीं हो पाई है। ये वे नाम हैं, जो 2023 की मतदाता सूची में तो दर्ज हैं, लेकिन 2003 की सूची में नहीं मिल रहे हैं। इनके माता-पिता या करीबी रिश्तेदारों के नाम भी पुराने रिकॉर्ड में दर्ज नहीं पाए गए हैं।
मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी संजीव झा के अनुसार, ऐसे सभी 8 लाख 65 हजार वोटर्स को संबंधित ईआरओ की ओर से नोटिस जारी किए जाएंगे। इन नोटिसों की तामिली बीएलओ के जरिए कराई जाएगी। मतदाताओं को एक हफ्ते के भीतर दस्तावेज पेश करने होंगे। दस्तावेज सही पाए जाने पर उन्हें वोटिंग का अधिकार मिल सकेगा। उप मुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ल
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