मजाक में साला कहने पर नेवी जवान को सरेआम मारी गोली

ग्वालियर में 'साला' कहने पर विवाद इतना बढ़ा कि नेवी जवान को गोली मार दी गई। पुलिस ने मुख्य आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। पढ़िए पूरी खबर सिर्फ द सूत्र पर...

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Sourabh Bhatnagar
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ग्वालियर के गोला का मंदिर थाना क्षेत्र में एक नेवी जवान को 'साला' कहने पर गोली मारने की घटना सामने आई है। पुलिस ने मुख्य आरोपी वशिष्ठ शर्मा को गिरफ्तार कर लिया है, जिसके पास से वारदात में इस्तेमाल पिस्टल भी बरामद की गई है।  

अचानक मार दी गोली

नेवी जवान नितिन उर्फ मौसम (32) अपने दोस्तों रोहित उर्फ हनी, राहुल शर्मा और अनिल उर्फ अभिषेक राजावत के साथ समर्थ नगर आंगनबाड़ी के बाहर बैठा था। इसी दौरान स्कूटी पर सवार दो युवक आए, जिनमें से पीछे बैठे युवक ने अचानक पिस्टल निकालकर फायर कर दिया, जिससे गोली नितिन के कूल्हे में लगी। इसके बाद आरोपी मौके से फरार हो गए।  

गुस्से में आकर मार दी गोली

पुलिस को सूचना मिली कि आरोपी वशिष्ठ शर्मा आदित्यपुरम के पास देखा गया है। एसआई अनुराग सिंह तोमर और उनकी टीम ने मौके पर पहुंचकर आरोपी को गिरफ्तार किया। पूछताछ में वशिष्ठ ने बताया कि नितिन उसे बार-बार 'साला' कहकर चिढ़ा रहा था, जिससे गुस्से में आकर उसने गोली मार दी।  

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अनाज के ड्रम में छिपाई थी पिस्टल

आरोपी ने वारदात के बाद पिस्टल को अपने घर में अनाज के ड्रम में छिपा दिया था। पुलिस ने जब उसके घर पर छापा मारा, तो ड्रम से पिस्टल एक राउंड के साथ बरामद हुई, जिसे जब्त कर लिया गया है।  

घायल नेवी जवान की स्थिति

घायल नितिन को उसके साथियों ने तुरंत निजी अस्पताल में भर्ती कराया। पुलिस ने घटना की सूचना मिलते ही हत्या के प्रयास का मामला दर्ज कर जांच शुरू की।  

घटना के पीछे निकली ये वजह…

जानकारी के मुताबिक, नितिन की दोस्ती सिल्लो घुरैया नामक युवक से थी। दो दिन पहले वशिष्ठ, सिल्लो और नितिन साथ बैठे थे, तब वशिष्ठ ने सिल्लो को 'साला' कहा, जिससे विवाद हुआ। उस समय लोगों ने झगड़ा शांत करा दिया, लेकिन वशिष्ठ ने बदला लेने के लिए सिल्लो के साथ मिलकर नितिन पर हमला किया।  

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आरोपी से पूछताछ जारी

फिलहाल, पुलिस मामले की गहराई से जांच कर रही है और आरोपी से पूछताछ जारी है। पुलिस यह भी जांच कर रही है कि कहीं विवाद की कोई अन्य वजह तो नहीं थी। 

जानें साला शब्द इतना अपमानजनक क्यों है? 

साला शब्द संस्कृत मूल से आया हुआ है। संस्कृत में ‘शालक’ (शालकः) शब्द का प्रयोग पत्नी के भाई के लिए किया जाता था, जो कालांतर में प्राकृत और फिर हिंदी में ‘साला’ बन गया। यह शब्द दक्षिण एशियाई भाषाओं, विशेष रूप से हिंदी, मराठी, और पंजाबी में भी इसका उपयोग होता है। 

साला शब्द की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि

प्राचीन भारत में, विवाह संबंधों को अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता था, और परिवार के सदस्यों के लिए विशिष्ट संबोधनों का प्रचलन था। साला शब्द विशेष रूप से पत्नी के भाई के लिए इस्तेमाल किया जाता था, और यह सम्मानजनक था, लेकिन समय के साथ, यह शब्द कई संदर्भों में नकारात्मक अर्थों में भी इस्तेमाल होने लगा। कुछ प्रमुख कारणों में शामिल हैं:

  • परंपरागत पारिवारिक संबंधों में हास्य और व्यंग्य– भारतीय समाज में ससुराल पक्ष और दामाद के बीच मजाकिया संबंध होते हैं। चूंकि पत्नी का भाई अक्सर दामाद से छोटा होता था, तो दामाद उनसे मज़ाक करने या तंग करने का अधिकार रखते थे। इस वजह से, ‘साला’ शब्द मजाकिया या व्यंग्यात्मक रूप से इस्तेमाल होने लगा।
  • मुगल और ब्रिटिश काल के प्रभाव– भारत में विभिन्न राजवंशों के शासनकाल में कई भाषाओं और संस्कृतियों का मेल हुआ। मुगलों के दौर में, दरबारी भाषा में कई शब्दों ने नया रूप लिया। कुछ ऐतिहासिक स्रोतों के अनुसार, साला शब्द को कुछ संदर्भों में अपमानजनक रूप में भी इस्तेमाल किया जाने लगा।
  • लोकप्रिय साहित्य और फिल्मों का प्रभाव– हिंदी सिनेमा और लोकगीतों में ‘साला’ शब्द को नकारात्मक या अपमानजनक तरीके से इस्तेमाल किया गया, जिससे यह एक गाली के रूप में प्रचलित हो गया।

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साला शब्द का आधुनिक उपयोग

आजकल साला शब्द कई तरह से उपयोग होता है:

  • मजाकिया रूप में – दोस्तों के बीच एक हल्के-फुल्के मज़ाक के तौर पर।
  • अपमानजनक रूप में – जब किसी को नीचा दिखाने या गाली के रूप में प्रयोग किया जाता है।
  • फिल्मों और गानों में – बॉलीवुड फिल्मों में कई बार इसका उपयोग गुस्से, दोस्ती या व्यंग्यात्मक संदर्भों में किया जाता है।

निष्कर्ष

हालांकि साला शब्द का मूल अर्थ सम्मानजनक था, लेकिन सामाजिक और भाषायी विकास के कारण यह कई संदर्भों में अपमानजनक बन गया। हालांकि, आज भी पारिवारिक संदर्भ में यह एक सामान्य शब्द है, लेकिन बातचीत के संदर्भ और बोलने के लहजे पर निर्भर करता है कि इसे सम्मानजनक माना जाए या अपमानजनक।

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