ग्वालियर व्यापार मेले का आयोजन इस बार राजनीतिक खींचतान का शिकार हो गया है। मेले की शुरुआत के 20 दिन बीत जाने के बाद भी उद्घाटन नहीं हो सका है। उद्घाटन की तारीख तय नहीं होने के कारण व्यापारियों और दर्शकों में असंतोष बढ़ रहा है। ऑटोमोबाइल सेक्टर में रोड टैक्स (Road Tax) की छूट की घोषणा भी देरी से की गई, जिससे व्यापारियों को काफी परेशानी हुई।
व्यापारियों की नाराजगी और प्रशासन की उदासीनता
व्यापारियों का कहना है कि पहले मेले में राज्य के मंत्री उद्घाटन से लेकर समापन तक उपस्थित रहते थे। लेकिन इस बार प्रशासन और नेताओं की उदासीनता साफ दिखाई दे रही है। ग्वालियर संभाग के आयुक्त मनोज खत्री ने उद्घाटन की तारीख को लेकर कोई स्पष्ट जानकारी नहीं दी।
ऑटोमोबाइल सेक्टर का प्रदर्शन
मेले के दूसरे दिन 573 कार और 141 दोपहिया वाहन बिके। हालांकि, ऑटोमोबाइल डीलर्स अब भी अपने शोरूम तैयार कर रहे हैं। शोरूम के पूरा होने के बाद ही ट्रेड लाइसेंस (Trade License) जारी किए जाएंगे।
पशु मेले और दंगल की परंपरा हुई कमजोर
ग्वालियर मेला कभी पशु मेले और दंगल के लिए प्रसिद्ध था। पशु मेले की परंपरा दो साल पहले समाप्त कर दी गई है। इस बार दंगल की भी कोई सूचना जारी नहीं की गई, जिससे मेले का आकर्षण कम हो गया है।
व्यापारियों का अनुभव
45 साल से मेले में दुकान लगाने वाले महेंद्र भदकारिया का कहना है कि ऐसा पहली बार हुआ है जब उद्घाटन नहीं हुआ और तारीख तय नहीं हुई।
सरकार का पक्ष
प्रभारी मंत्री तुलसीराम सिलावट ने कहा कि रोड टैक्स में छूट की घोषणा के बाद मेला अपने रंग में आता है। जल्द ही उद्घाटन की तारीख तय की जाएगी।
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