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JABALPUR. सिवनी मर्डर केस और हिंसा मामले में कोर्ट ने पुलिस प्रशासन और एडवोकेट जनरल कार्यालय की कार्यप्रणाली पर असंतोष जताया है। दरअसल पिछले आदेश में मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने डीजीपी को स्पष्ट निर्देश दिए थे। हाईकोर्ट ने कहा था कि अदालत के समक्ष पूरी केस डायरी प्रस्तुत की जाए। लेकिन शुक्रवार, 31 अक्टूबर की सुनवाई में भी पूरी केस डायरी पेश नहीं की जा सकी।
विवेचना अधिकारी व्यक्तिगत रूप से हुए पेश
मामले में संतोष पेंद्रे विवेचना अधिकारी के रूप में स्वयं न्यायालय के समक्ष उपस्थित हुए। वहीं, आवेदक की ओर से उपस्थित वरिष्ठ अधिवक्ता ने अपनी बहस पूरी कर ली। हालांकि, विवेचना अधिकारी ने अदालत के समक्ष यह स्पष्ट किया कि उन्होंने संबंधित प्रतिलेख (ट्रांसक्रिप्ट) प्रस्तुत करने का प्रयास किया। लेकिन वे ऐसा करने में असफल रहे। उन्होंने इस संबंध में अतिरिक्त समय मांगा, जिसे अदालत ने स्वीकार कर लिया।
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हाईकोर्ट का रुख सख्त, पर पुलिस सुस्त
जस्टिस देवनारायण मिश्रा की एकलपीठ ने इससे पहले 30 अक्टूबर को दिए आदेश में डीजीपी को निर्देशित किया था कि राज्य के सभी पुलिस थाने हाईकोर्ट में केवल मूल केस डायरी ही प्रस्तुत करें, ताकि किसी भी आरोपी या पीड़ित के साथ न्याय में चूक न हो। कोर्ट ने यह भी कहा था कि एडवोकेट जनरल कार्यालय यह सुनिश्चित करे कि केस डायरी की पूरी प्रति सत्यापन सहित कोर्ट में दाखिल की जाए।
इन निर्देशों के बावजूद 31 अक्टूबर की सुनवाई में आवश्यक दस्तावेज प्रस्तुत न हो पाने पर अदालत ने मामले की अगली सुनवाई की तारीख 3 नवंबर 2025 तय की है।
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सिवनी हिंसा प्रकरण की गंभीरता पर सवाल
मामला इमरात जंघेला बनाम राज्य शासन से संबंधित है। इसमें आरोपी बनाए गए पक्ष का कहना है कि पुलिस द्वारा तैयार की गई तीनों सूचियों दुकानों, मकानों और वाहनों को जलाने वालों में इमरात जंघेला का नाम नहीं है। कोर्ट ने पहले ही कहा था कि अधूरी केस डायरी प्रस्तुत किए जाने से न्याय की प्रक्रिया प्रभावित होती है, और यह एक अलार्मिंग स्थिति है। लेकिन डीजीपी को दिए गए निर्देश के बाद भी विवेचना अधिकारी पूरी केस डायरी कोर्ट में पेश नहीं कर पाए।
क्या था पूरा मामला
सिवनी जिले के केवलारी क्षेत्र के परासपानी गांव में इसी साल मई महीने में शुक्रवार रात अमन और रूपक बघेल की हत्या ने पूरे इलाके में सनसनी फैला दी। बताया गया है कि दोनों युवकों को खेरमाई मंदिर के पास किसी ने फोन करके बुलाया था। वहां धारदार हथियार से उन पर हमला कर दिया गया। गंभीर हालत में उन्हें केवलारी अस्पताल लाया गया, फिर जिला अस्पताल सिवनी रेफर किया गया, लेकिन दोनों को बचाया नहीं जा सका था।
वारदात के बाद इलाके में आक्रोशित भीड़ ने मंडला रोड पर चक्काजाम कर दिया और शराब की दुकानों सहित रास्ते में खड़ी गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया था। मृतकों के परिजन और ग्रामीण सड़क पर कार्रवाई की मांग लेकर उतर आए थे। घटना के बाद पुलिस अधीक्षक ने केवलारी थाना प्रभारी ब्रजेश उइके को लाइन ​अटैच कर नए थाना प्रभारी के रूप में शिवशंकर रामटेकर की नियुक्ति की थी। पुलिस ने 2 नामजद समेत 5 आरोपियों के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज किया था।
अब देखने वाली बात यह होगी कि 3 नवंबर की सुनवाई तक पुलिस और एडवोकेट जनरल कार्यालय हाईकोर्ट के निर्देशों का पालन करते हुए पूरी केस डायरी प्रस्तुत कर पाते हैं या नहीं।
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