हनी ट्रैप पर सुनवाई- पूर्व सीएम कमलनाथ के मामले में आना है जवाब

सीएम कमलनाथ ने 21 मई 2021 को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस मे दावा किया कि हनी ट्रैप कांड की सीडी पैनड्राइव मेरे पास मौजूद है। इस मामले में एसआईटी द्वारा उन्हें नोटिस दिया गया।

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Pooja Kumari
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संजय गुप्ता, INDORE. मध्यप्रदेश में चार साल बाद एक बार फिर हनी ट्रैप कांड चर्चा में हैं और इसमें कोर्ट में सुनवाई तेज हो गई है। पूर्व सीएम कमलनाथ द्वारा सीडी-पैन ड्राइव होने संबंधी दिए गए बयान के बाद इस पर एसआईटी ने क्या किया? इसका जवाब कोर्ट में पेश होना है, जिसके लिए 10 फरवरी यानि शनिवार को सुनवाई की तारीख लगी है। उधर आरोपी महिलाओं की ओर से भी कोर्ट में एक आवेदन लगा है, जिस पर सुनवाई होना है।

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यह है पूर्व सीएम कमलनाथ का मामला


सीएम कमलनाथ ने 21 मई 2021 को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस मे दावा किया कि हनी ट्रैप कांड की सीडी पैनड्राइव मेरे पास मौजूद है। इस मामले में एसआईटी द्वारा उन्हें नोटिस दिया गया और कहा गया कि दो जून 2021 को दोपहर साढ़े बारह बजे श्यामला हिल्स भोपाल निवास पर उपस्थित रहकर कथन व साक्ष्य सीडी-पैनड्राइ एसआईटी को देने का कष्ट करें। लेकिन इसके बाद इस मामले में कुछ नहीं हुआ। इस मामले में एसआईटी को कोर्ट में जवाब पेश किया है।

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आरोपियों ने भी लगाया आवेदन कि बेवजह इसे हनी ट्रैप नाम दिया


इसे लेकर आरोपियों ने कोर्ट में आवेदन लगाया है कि एसआईटी ने इस मामले में यदि सीडी-पैनड्राइव जब्त की है तो उसे कोर्ट में प्रस्तुत करवाया जाना चाहिए, क्योंकि पुलिस द्वारा इस केस को अनावश्यक फर्जी व कूटरचित सीडी पैनड्राइव के आधार पर बनाया गया है। बदनाम करने, आरोपियों को झूठा फंसाने के लिए इस केस को हनी ट्रैप नाम दिया गया है। इस कारण से पूर्व सीएम से जब्त सामग्री व उसकी जांच रिपोर्ट बुलाया जाना आवश्यक है। इसलिए कोर्ट एसआईटी को आदेशित करें कि पूर्व सीएम कमलनाथ से जब्त सीडी पैनड्राइव व जांच संबंधी दस्तावेज को कोर्ट में पेश करें।

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अभी तक जांच गलत, एक माह में पूरी करें


आरोपियों ने एक और आवेदन कोर्ट में लगाया है जिसमें कहा गया है कि इस मामले में चालान दिसंबर 2019 में पेश हुआ और इसके बाद से ही प्रकरण में जांच ही चल रही है। कोई पूरक चालान तक पेश नहीं हुआ। इतनी लंबी जांच नहीं हो सकती है। इसलिए माननीय कोर्ट एसआईटी को आदेशित करे कि इस केस को एक माह के भीतर उचित निष्कर्ष निकालकर जांच समाप्त करें तथा अंतिम प्रतिवेदन या पूरक चालान जो भी हो इस कोर्ट को प्रस्तुत करें।

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