देशभर में नौतपा का समय चल रहा है। मध्य प्रदेश में भी अधिकतम तापमान 46 डिग्री के पार पहुंच गया है। इस भारी गर्मी की मार पटरियों पर चलने वाली रेलगाड़ियों पर भी पड़ रही है। ज्यादा गर्मी की वजह से रेलवे पटरियां क्षतिग्रस्त हो जाती हैं। ऐसे में पश्चिम मध्य रेलवे ( West Central Railway Zone ) ट्रेन से सफर करने वाले यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने कई इंतजाम कर रहा है। रेलवे के अफसर भी पटरियों की जांच में लगे हुए हैं।
रेलवे ट्रैक की पेट्रोलिंग
गर्मी के दिनों में लॉन्ग वेल्डेड रेल ट्रैक का तापमान काफी बढ़ जाता है। इससे रेल दुर्घटना का खतरा भी पैदा हो सकता है। ऐसे हालात में रेलवे के पेट्रोलमैन द्वारा पश्चिम मध्य रेलवे (पमरे) के सभी ट्रैक्स पर पेट्रोलिंग सुनिश्चित करायी जा रही है। पमरे के जनसंपर्क अधिकारी द्वारा यह जानकारी साझा की गई है।
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सुरक्षा के लिए उठाए ये कदम
रेलवे पटरियों पर गर्मी का असर देखते हुए पश्चिम मध्य रेलवे ने सुरक्षा के लिए कई कदम उठाने शुरु कर दिए हैं। रेलवे के जनसंपर्क विभाग द्वारा इन सुरक्षा इंतजामों की जानकारी साझा की गई है।
- रेलवे ट्रैक की मॉनिटरिंग और पेट्रोलिंग शुरु कर दी गई है।
- पश्चिम मध्य रेल के अंतर्गत आने वाले सभी गर्डर पुलों एवं शार्प कर्व पर विशेष निगरानी रखी जा रही है ।
- सभी रुट्स एवं खण्डों पर ट्रैक की गतिविधियां एवं बर्ताव के अनुसार ट्रैक की डि-स्ट्रेसिंग के कार्य किए जा रहा हैं ।
- जिन स्थानों पर गिट्टी कम है उन स्थानों पर तत्परता के साथ गिट्टी की आपूर्ति की जा रही है।
- फील्ड अधिकारियों एवं सुपरवाइजरों द्वारा ट्रैक का सतत निरीक्षण किया जा रहा है ।
- इंजीनियरिंग, टी.आर.डी. एवं सिग्नल विभाग के कर्मचारियों के लिए ग्रीष्म ऋतु मैनेजमेंट के संबंध में वर्कशॉप और सेमिनार किए जा रहे हैं।
- ग्रीष्म ऋतु में ट्रैक की सुरक्षा एवं संरक्षा को सुनिश्चित करने हेतु समय समय पर संरक्षा अभियान चलाये जा रहे हैं ।ॉ
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