हाईकोर्ट में त्वरित प्रोजेक्ट लांच, अब वाट्सएप पर ही मिल जाएगा वारंट
मध्यप्रदेश हाईकोर्ट में प्रोजेक्ट 'त्वरित' लॉन्च, अब समन और वारंट 48 घंटे में ई-मेल, वॉट्सएप, और मैसेज से तामील होंगे। इस प्रोजेक्ट का उद्देश्य आपराधिक मामलों में तेजी लाना है।
मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने शनिवार को प्रोजेक्ट 'त्वरित' ( TWARIT ) लॉन्च किया है। यह पहल सुप्रीम कोर्ट के जज न्यायमूर्ति अभय ओका और मप्र हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस सुरेश कैत द्वारा जबलपुर में शुरू की गई। इस प्रोजेक्ट का उद्देश्य आपराधिक मामलों में तेजी लाना है।
नेशनल ज्यूडिशियल डेटा ग्रिड (एनजेडीजी) के अनुसार, मप्र में 44% आपराधिक मामले अभियुक्तों की अनुपलब्धता या समन तामील न होने के कारण लंबित हैं। 'त्वरित' के तहत अब यह प्रक्रिया इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से 48 घंटे में पूरी होगी।
ऑनलाइन समन-वारंट: समन-वारंट अब केस इंफॉर्मेशन सिस्टम (CIS) पर तैयार होगा।
डिजिटल हस्ताक्षर: समन और वारंट पर डिजिटल हस्ताक्षर होंगे।
सीसीटीएनएस का उपयोग: क्राइम एंड क्रिमिनल ट्रैकिंग नेटवर्क एंड सिस्टम (CCTNS) के माध्यम से इसे संबंधित पुलिस स्टेशन भेजा जाएगा।
ई-रक्षक ऐप: पुलिस समन को ई-मेल, वॉट्सएप, या मैसेज के जरिए भेजेगी।
तुरंत एक्नॉलेजमेंट: समन पर क्लिक करते ही एक्नॉलेजमेंट जनरेट होगा, जो कोर्ट और पुलिस के रिकॉर्ड में दर्ज होगा।
समय और संसाधन की बचत
इस प्रणाली से न केवल समय बचेगा, बल्कि मैन्युअल प्रक्रिया की तुलना में संसाधनों का उपयोग भी कम होगा। मप्र इस तरह की डिजिटल प्रक्रिया शुरू करने वाला पहला राज्य है।