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मध्यप्रदेश सरकार ने सरोगेसी प्रक्रिया को तेज और पारदर्शी बनाने के लिए बड़े बदलाव किए हैं। पहले जहां आवेदन प्रक्रिया में चार महीने का समय लगता था, अब इसे घटाकर 10 दिन कर दिया गया है।
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सरोगेसी के नियम और वैज्ञानिक पहलू
सरोगेसी एक ऐसी चिकित्सा प्रक्रिया है, जिसमें सरोगेट मां दंपति के बच्चे को अपनी कोख में पालती है। जन्म के बाद बच्चे पर उसका कोई कानूनी अधिकार नहीं रहता।
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कौन बन सकता है सरोगेट मां?
सरोगेट मां बनने के लिए कुछ मानदंड तय किए गए हैं:
सरोगेट मां दंपति की निकट संबंधी हो।
उसकी उम्र 25-35 वर्ष के बीच हो।
वह केवल एक बार सरोगेट बनी हो।
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आवेदन प्रक्रिया और बदलाव
राज्य सरोगेसी बोर्ड की जगह अब स्टेट एप्रोप्रियेट अथॉरिटी फॉर एआरटी एंड सरोगेसी (SAA) आवेदन पर निर्णय लेगी। आवेदन डिजिटल होंगे और प्रक्रिया पारदर्शी होगी।
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