खुशखबरी…एमपी में सरोगेसी की प्रक्रिया आसान, 10 दिन में मिलेगी मंजूरी
मध्यप्रदेश में सरोगेसी की प्रक्रिया को आसान बनाते हुए सरकार ने आवेदन समय सीमा 4 महीने से घटाकर 10 दिन कर दी है। अब दंपतियों को लंबा इंतजार नहीं करना पड़ेगा।
मध्यप्रदेश सरकार ने सरोगेसी प्रक्रिया को तेज और पारदर्शी बनाने के लिए बड़े बदलाव किए हैं। पहले जहां आवेदन प्रक्रिया में चार महीने का समय लगता था, अब इसे घटाकर 10 दिन कर दिया गया है।
सरोगेसी एक ऐसी चिकित्सा प्रक्रिया है, जिसमें सरोगेट मां दंपति के बच्चे को अपनी कोख में पालती है। जन्म के बाद बच्चे पर उसका कोई कानूनी अधिकार नहीं रहता।
राज्य सरोगेसी बोर्ड की जगह अब स्टेट एप्रोप्रियेट अथॉरिटी फॉर एआरटी एंड सरोगेसी (SAA) आवेदन पर निर्णय लेगी। आवेदन डिजिटल होंगे और प्रक्रिया पारदर्शी होगी।
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FAQ
सरोगेसी क्या है?
सरोगेसी एक चिकित्सा प्रक्रिया है, जिसमें सरोगेट मां किसी अन्य दंपति के बच्चे को जन्म देती है।
मध्यप्रदेश में सरोगेसी प्रक्रिया में कितना समय लगता है?
अब यह प्रक्रिया केवल 10 दिन में पूरी हो जाती है।
सरोगेट मां बनने के लिए क्या शर्तें हैं?
सरोगेट मां का दंपति की निकट संबंधी होना और 25-35 वर्ष के बीच उम्र होना जरूरी है।
सरोगेसी के लिए आवेदन प्रक्रिया में क्या बदलाव किए गए हैं?
आवेदन प्रक्रिया को डिजिटल और पारदर्शी बनाया गया है, जिससे समय सीमा 4 महीने से घटकर 10 दिन हो गई है।
सरोगेट मां को क्या सुविधाएं दी जाती हैं?
मध्यप्रदेश में सरोगेट मां के लिए इंश्योरेंस राशि को बढ़ाकर ₹10 लाख कर दिया गया है।