प्रतिबंधित दवाई बनाने और बेचने पर इंडियामार्ट और अन्य पर होगी कार्रवाई

मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार और संबंधित एजेंसियों को प्रतिबंधित दवाओं के अवैध निर्माण और बिक्री पर कार्रवाई के निर्देश दिए है। हाईकोर्ट ने जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए कार्रवाई के आदेश जारी किए हैं।

Advertisment
author-image
Neel Tiwari
New Update
High Court orders action against Indiamart selling banned medicines

मध्य प्रदेश हाईकोर्ट।

Listen to this article
0.75x 1x 1.5x
00:00 / 00:00

JABALPUR. मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए केंद्र सरकार, पुलिस और अन्य संबंधित एजेंसियों को निर्देश दिए हैं कि वे उन कंपनियों के खिलाफ तुरंत कार्रवाई करें जो प्रतिबंध दवाइयों के निर्माण और इंडियामार्ट और अन्य ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से उनकी बिक्री कर रही हैं।

हाईकोर्ट में दाखिल की गई थी जनहित याचिका

जबलपुर हाईकोर्ट में अधिवक्ता अमिताभ गुप्ता के द्वारा जनहित याचिका दायर की गई थी जिसमें केंद्र सरकार के प्रतिबंध लगाने के बाद भी कुछ कंपोजिशन से बनी दवाएं बाजार में बिना डॉक्टर के प्रिस्क्रिप्शन के आसानी से मिल रही है। इन दवाओं के निर्माण में उपयोग किए जाने वाले मिश्रण में अफीम की मात्रा युवाओं में मादक पदार्थ के रूप में नशे के तौर पर उपयोग की जा रही है। साथ ही उन्होंने कोर्ट में अपना पक्ष रखते हुए बताया कि 2 जून, 2023 को औषधि एवं प्रसाधन अधिनियम, 1940 की धारा 26A के तहत केंद्र सरकार द्वारा इस सिरप के संयोजन पर प्रतिबंध लगाया गया था, लेकिन इसके बावजूद कई कंपनियां इन दवाओं का निर्माण कर रही हैं और ऑनलाइन बाजारों के माध्यम से उन्हें बेच रही हैं।

MCI ने किए 15 डॉक्टरों के लाइसेंस निलंबित, कंपनी के खर्च पर विदेश यात्रा करने वालों पर कार्रवाई

NDPS ACT का हो रहा उल्लंघन

एनडीपीएस अधिनियम की धारा 2 (xi) निर्मित औषधीय को परिभाषित करती है जिसमें अफीम से उत्पन्न होने वाली दवाइयां शामिल है। एनडीपीएस अधिनियम की धारा 2(xvi) अफीम व्युत्पन्न को परिभाषित करती है, परिभाषा खंड 2(xvi) (c) के अनुसार कोडीन भी अफीम व्युत्पन्न है। एनडीपीएस अधिनियम का उल्लंघन करते हुए कोडीन जैसी निर्मित दवाओं का निर्माण और बिक्री करना कठोर दंड के साथ दंडनीय है। उदाहरण में इन दवाओं के कंपोजिशन जैसे कि क्लोरोफेनिरामिन मैलिएट + कोडीन + मेन्थॉल सिरप का थोक आधार पर इंडियामार्ट और अन्य ऑनलाइन पोर्टल पर मिलना NDPS ACT का उल्लंघन है।

दुनिया भर की 35 हजार ऑनलाइन फार्मेसी अवैध, इस रिपोर्ट में दावा

प्रतिबंध का सख्ती से हो पालन

अधिवक्ता अमिताभ गुप्ता ने कोर्ट को बताया  कि याचिका किसी आदेश के विरुद्ध दायर नहीं की गई है बल्कि इसका उद्देश्य केंद्र सरकार द्वारा लगाए गए प्रतिबंध का सख्त, सार्थक और नियमित रूप से निगरानी वाला अनुपालन सुनिश्चित करना है। साथ ही उन्होंने दलील दी कि उन्होंने कोर्ट में यह भी बताया कि इन दवाओं का निर्माण और बिक्री खुलेआम किया जा रहा है जबकि पुलिस और अन्य एजेंसियां कोई प्रभावी कार्रवाई नहीं कर रही हैं। उन्होंने इस मामले में पूर्व में हुई सुनवाई के दौरान ड्रग कंट्रोलर और दवा निर्माता कंपनियों के बीच साठ गांठ होने के भी आरोप लगाए थे।

नशे का शिकार हो रहे युवा 

याचिका में यह भी बताया गया कि प्रतिबंधित दवाओं की इस अवैध बिक्री से बेरोजगार युवाओं को प्रभावित किया जा रहा है, जो इन दवाओं को बेचकर मुनाफा कमाने के लिए आकर्षित हो रहे हैं। हालांकि पुलिस ने कई मामलों में इन बेचने वालों के खिलाफ कार्रवाई की है, लेकिन जब्त अवैध वस्तुओं के निर्माता या आपूर्तिकर्ताओं के खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई नहीं की जा रही है जैसा कि एफआईआर के दस्तावेजों से स्पष्ट है।

बाबा रामदेव, आचार्य बालकृष्ण और दिव्य फार्मेसी पर कोर्ट का बड़ा आदेश, वारंट जारी

हाईकोर्ट ने जारी किए कार्रवाई के आदेश

इस याचिका पर सुनवाई चीफ जस्टिस सुरेश कुमार कैत (Justice Suresh Kumar Kait) और जस्टिस विवेक जैन (Justice Vivek Jain) की डिवीजन बेंच में हुई जिसमें उन्होंने केंद्र सरकार और अन्य संबंधित एजेंसियों को निर्देश देते हुए उन कंपनियों के खिलाफ तुरंत कार्रवाई करने के आदेश दिए हैं जो इंडियामार्ट और अन्य ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के माध्यम से प्रतिबंधित दवाओं का थोक आधार पर निर्माण और बिक्री कर रही हैं। साथ ही न्यायालय ने मामले की गंभीरता को देखते हुए संबंधित अधिकारियों को आदेश दिया कि वे तत्काल कार्रवाई करते हुए अगले आदेश तक मामले की रिपोर्ट पेश करें। इसके अलावा अगली सुनवाई तक पुलिस और नारकोटिक्स ब्यूरो सहित औषधि नियंत्रक से रिपोर्ट प्राप्त करने के भी निर्देश जारी किया है। इस मामले में अगली सुनवाई 13 फरवरी 2025 को है।

DJ को लेकर हाईकोर्ट ने एमपी सरकार को लगाई फटकार, कहा-नियमों का पालन जरूरी

एमपी न्यूज Jabalpur High Court Jabalpur News जबलपुर हाईकोर्ट जबलपुर न्यूज ऑनलाइन बिक रहीं प्रतिबंधित दवाएं मध्य प्रदेश इंडियामार्ट जस्टिस सुरेश कुमार कैत