Regularization of Daily Wage Employees : दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को नियमित करने के मामले में एक बड़ा मोड़ आया है। एडिशनल एडवोकेट जनरल (AAG) ने सामान्य प्रशासन विभाग, पीडब्ल्यूडी और जल संसाधन विभाग सहित विभिन्न विभागों के अधिकारियों को पत्र भेजा है, जिसमें यह सुनिश्चित करने के लिए कहा गया है कि हाईकोर्ट को समय पर सभी जरूरी दस्तावेज और जानकारी उपलब्ध कराई जाए। उन्होंने स्पष्ट किया है कि यदि फैसला सरकार के खिलाफ जाता है, तो उनका दफ्तर इसके लिए जिम्मेदार नहीं होगा। यह पत्र अपर मुख्य सचिवों, प्रमुख सचिवों और प्रमुख अभियंताओं को भेजा गया है।
अवमानना याचिका दायर होने के बाद सामने आया मामला
यह मामला तब सामने आया जब दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी महासंघ ने हाई कोर्ट में अवमानना याचिका दायर की। महासंघ का दावा है कि फरवरी में हाई कोर्ट ने सरकार को आदेश दिया था कि इन कर्मचारियों को वित्तीय लाभ देते हुए नियमित किया जाए। यह आदेश 11 दिसंबर 2017 को महासंघ के प्रांतीय अध्यक्ष गोकुल राय द्वारा दायर याचिका के बाद आया था।
हाईकोर्ट ने सरकार से मांगा जवाब
हाईकोर्ट ने हाल ही में इस अवमानना याचिका पर सुनवाई करते हुए सरकार से जवाब तलब किया है और 4 हफ्तों के भीतर जवाब देने को कहा है। महासंघ द्वारा इस आदेश की सर्टिफाइड कॉपी मंत्रालय में पहुंचाई गई थी, जिसमें मुख्य सचिव, सामान्य प्रशासन विभाग और अन्य संबंधित विभागों के अधिकारियों को भी इस बारे में सूचित किया गया था।
अब यह देखना बाकी है कि विभाग समय पर हाई कोर्ट को सभी दस्तावेज उपलब्ध कराते हैं या नहीं, क्योंकि यदि देरी होती है, तो इसका असर सरकार के पक्ष पर पड़ सकता है।
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