मंदसौर गोलीकांड पर पूर्व विधायक पारस सकलेचा की याचिका HC ने की खारिज

मंदसौर गोलीकांड मामले में पूर्व विधायक द्वारा दायर की गई याचिका को हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया है। रतलाम के पूर्व विधायक पारस सकलेचा ने जैन आयोग की रिपोर्ट को विधानसभा पटल पर रखने की मांग की थी।

Advertisment
author-image
Madhav Singh
New Update
poorv vidhayak saklecha
Listen to this article
0.75x 1x 1.5x
00:00 / 00:00

आमीन हुसैन @ रतलाम

मंदसौर गोलीकांड की जांच के लिए गठित जैन आयोग की रिपोर्ट को विधानसभा पटल पर रखने की मांग को लेकर दायर की गई पिटीशन को उच्च न्यायालय ने खारिज कर दिया है। रतलाम के पूर्व विधायक पारस सकलेचा ने उच्च न्यायालय इंदौर में पिटीशन दायर की थी। कोर्ट ने किसानों पर फायरिंग की घटना को 6 से 7 वर्ष का समय हो जाने पर इसे खारिज किया है।  

क्या था मामला?

बताया गया कि पूर्व विधायक पारस सकलेचा ने 6 जून 2017 को किसान आंदोलन मंदसौर में पुलिस फायरिंग में पांच किसानों की मौत हो गई थी। इस मामले की जांच के लिए गठित जैन आयोग की रिपोर्ट को सदन के पटल पर रखने के लिए मई 2022 में पिटीशन क्रमांक 10626/2022 दाखिल की थी।

मंदसौर जेल में 62% कैदी ड्रग्स तस्करी के, क्षमता से ज्यादा कैदी बंद

क्या कहा था सकलेचा ने

सकलेचा ने कहा कि किसान आंदोलन के दौरान जिला तथा पुलिस प्रशासन ने स्थिति तथा घटना के पूर्व समय से कदम उठाए थे या नहीं। पुलिस द्वारा की गई कार्रवाई उचित है या नहीं, यदि नहीं तो उसके लिए कौन दोषी है। इस जांच के लिए 12 जून 2017 को गठित जैन आयोग‌ ने 13 जून 2018 को रिपोर्ट शासन को सौंप दी थी।

बलौदा बाजार केस में कांग्रेस विधायक देवेंद्र यादव को मिल सकता है तीसरा नोटिस, पहुंचे हाईकोर्ट

यह थी मांग

सकलेचा ने माननीय उच्च न्यायालय से मांग की थी कि जांच आयोग अधिनियम 1952 की धारा 3/4 के अनुसार रिपोर्ट पर कार्रवाई कर उसे 6 माह में विधानसभा के पटल पर रखना आवश्यक है। अतः शासन को निर्देश दिए जाएं। अधिवक्ता प्रत्यूष मिश्रा ने उच्चतम न्यायालय के आदेशों का उल्लेख भी किया।

क्या कहा शासन ने?

इस मामले में  शासन ने न्यायालय के सामने अपना पक्ष रखते हुए कहा की रिपोर्ट को सदन के पटल पर रखना बंधनकारी नहीं है। उन्होंने इस संदर्भ में उच्च न्यायालय उड़ीसा, आंध्रप्रदेश तथा गुजरात के आदेशों का उल्लेख किया।

सड़कों पर मवेशियों की मौत... HC नाराज, अधिकारियों से मांगा जवाब

क्या कहा कोर्ट ने

न्यायाधीश विवेक रूसिया तथा न्यायाधीश बिनोद कुमार द्विवेदी की खंडपीठ ने पिटीशन खारिज‌ करते हुए कहा कि इस मामले में 6 से 7 वर्ष का समय गुजर चुका है, अब रिपोर्ट को विधानसभा के पटल पर रखने का आधार नजर नहीं आ रहा है।

thesootr links

द सूत्र की खबरें आपको कैसी लगती हैं? Google my Business पर हमें कमेंट के साथ रिव्यू दें। कमेंट करने के लिए इसी लिंक पर क्लिक करें

MP News इंदौर हाईकोर्ट मंदसौर न्यूज मध्य प्रदेश पारस सकलेचा Mandsaur इंदौर हाईकोर्ट का आदेश हाईकोर्ट न्यूज MP हाईकोर्ट न्यूज एमपी हाईकोर्ट न्यूज पूर्व विधायक MP HIGHCOURT mp highcourt judge