Bilaspur High Court : छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने सड़कों पर मवेशियों की मौत और उनसे हो रहे हादसों को लेकर गहरी चिंता जताई है। सड़कों पर घूमते मवेशियों की वजह से हो रहे दुर्घटनाओं पर प्रशासनिक अफसरों की नाकामी पर चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा और जस्टिस रवींद्र अग्रवाल की डिवीजन बेंच ने नाराजगी व्यक्त की। चीफ जस्टिस ने प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते हुए कहा कि अगर समस्या का समाधान नहीं हो पा रहा है, तो दिक्कत क्या आ रही है।
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बच्चों को पढ़ने दें - हाईकोर्ट
सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने इस बात पर हैरानी जताई कि प्रशासन बच्चों से आइडिया लेकर समाधान निकालने की कोशिश कर रहा है। बेंच ने कहा कि अगर प्रशासन खुद से कुछ नहीं कर पा रहा है तो बच्चों से समाधान निकालने की कोशिश कर रहा है, जो गलत है। बता दें कि, आईआईटी-भिलाई के विद्यार्थियों द्वारा प्रोजेक्ट का निरामन किया जाता है जिसकी मवेशियों की सुरक्षा करने में मदद मिलती है। इस मामले में है कोर्ट ने कहा कि - बच्चों को पढ़ने पर ध्यान देने देना चाहिए, न कि इन मुद्दों में शामिल किया जाना चाहिए।
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गौशाला संचालकों का हस्तक्षेप
सुनवाई के दौरान गौशाला संचालकों ने मवेशियों की सुरक्षा को लेकर बिंदुवार सुझाव दिए, जिसे अदालत ने स्वीकार किया। चीफ जस्टिस ने व्यंग्य करते हुए कहा कि जब प्रशासन बच्चों से सुझाव मांग रहा है, तो गौशाला संचालक भी अपने सुझाव दे सकते हैं। अदालत ने राज्य शासन के मुख्य सचिव से अब तक की गई कार्रवाई पर हलफनामा प्रस्तुत करने को कहा है, और अगली सुनवाई की तारीख 25 नवंबर तय की है।
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