न्यायपालिका ही बची थी ...अब उसके नाम पर भी इस राज्य में चल रही ठगी

Fraud in the name of High Court : कोर्ट के पास मौखिक संज्ञान में कुछ केस पहुंचे थे। इसमें कम समय में ही रकम दोगुनी करने की बात कही जा रही थी। हाईकोर्ट के नाम पर इस प्रकार के दावे किए जा रहे हैं।

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Marut raj
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Fraud in the name of Judiciary High Court the sootr
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Fraud in the name of High Court : देश में न्यायापालिका यानी Judiciary ही बची थी, लेकिन अब उसके नाम पर भी ठगी होने लगी है। कोर्ट के नाम पर नौकरी का झांसा देना, पैसे डबल करने की स्कीम भी चलाई जा रही हैं। ऐसे ही कुछ मामले छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट के मौखिक संज्ञान में आए हैं। यही वजह है कि बिलासपुर हाईकोर्ट को सर्कुलर जारी करना पड़ा है। इसमें बताया गया है कि कोर्ट के नाम पर यदि कोई नौकरी लगवाने की बात कहता है तो उसके झांसे में न आएं।

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इसलिए पड़ी सर्कुलर जारी करने की जरूरत

दरअसल, छत्तीसगढ़ में ठगी के मामले लगातार सामने आ रहे हैं। बताया जा रहा है कि कोर्ट के पास मौखिक संज्ञान में कुछ केस पहुंचे थे। इसमें कुछ लोगों की ओर से रकम दोगुनी करने की बात कही जा रही थी। हाईकोर्ट के नाम पर इस प्रकार के दावे किए जा रहे हैं। इसमें कहा जा रहा है कि हाईकोर्ट ने अपने कर्मचारियों के लिए एक स्कीम चलाई है। इसमें कम समय में ही रकम को दोगुना करने का झांसा दिया जा रहा है।

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इसलिए जारी किया गया है सर्कुलर 

छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट, बिलासपुर के रजिस्ट्रार जनरल की ओर से जारी सर्कुलर में कहा गया है कि कुछ धोखेबाज व्यक्तियों/संस्थाओं की ओर से कम समय में रकम डबल करने अथवा अधिक लाभ देने का लालच देकर लोगों को गुमराह करने की खबरें लगातार सामने आ रही हैं।

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इस तरह का कोई निवेश अथवा कृत्य छत्तीसगढ़ जिला न्यायपालिका स्थापना (भर्ती एवं सेवा शर्तें) कर्मचारी नियम, 2023″ के नियम-46” सहपठित “छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (आचरण) नियम, 1965 के नियम-17” के अंतर्गत निषेध है एवं कदाचरण की श्रेणी में आता है। ऐसा कृत्य छत्तीसगढ़ सिविल सेवा ( वर्गीकरण, नियंत्रण तथा अपील ) नियम, 1966” में निहित प्रावधानों के अंतर्गत दंडनीय है। ऐसा कृत्य करने वालों के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी।

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सरकारी कर्मचारियों को बना रहे निशाना

छत्तीसगढ़ में पिछले कुछ महीनों में ठगी की घटनाएं तेजी से बढ़ गई हैं। इनमें सबसे खास बात ये है कि आम लोगों के साथ ही सरकारी कर्मचारियों को सबसे ज्यादा निशाना बनाया जा रहा है। सरकारी कर्मचारियों को कम समय में रकम दोगुनी करने का झांसा देकर फंसाया जा रहा है।

गुजरात में पकड़ा गया था नकली जज

मॉरिस शहर के इंदिरा नगर आवासीय योजना के मकान में रहता था, यहीं उसने ऑफिस बनाया था।

गुजारात में पिछले दिनों एक फर्जी जज के पकड़े जाने का मामला सामने आया था। दरअसल, गुजरात में एक शख्स ने फर्जी ट्रिब्यूनल बनाया। खुद को उसका जज बताया और गांधीनगर में बने अपने ऑफिस में असली अदालत जैसा माहौल बनाते हुए फैसले भी सुनाए। इस फर्जी जज का नाम मॉरिस सैमुअल है।

इस फर्जी जज ने अरबों रुपए की करीब 100 एकड़ सरकारी जमीन अपने नाम करने के ऑर्डर पारित किए। बड़ी बात यह है कि मॉरिस पिछले पांच साल से फर्जी कोर्ट चल रहा था।अहमदाबाद पुलिस ने मॉरिस को नकली जज बनकर लोगों को धोखा देने के आरोप में गिरफ्तार किया है।

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