INDORE. नियम-कायदे तो वैसे सभी के लिए समान होते हैं, लेकिन नगर निगम इंदौर का मामला अलग है। यो-यो हनी सिंह के कंसर्ट पर मनोरंजन कर को लेकर त्यौरियां चढ़ाने वाली निगम की टीम और खासकर महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने जिस तरह से मोर्चा खोला, उसके बाद लगा कि आगे सभी के लिए यह होगा। लेकिन, कुमार विश्वास की कमर्शियल रामकथा जिसमें टिकट बेचे गए, उसके मनोरंजन कर को लेकर सभी ने चुप्पी साध ली।
इन्होंने कराया आयोजन, लगना था 10 फीसदी टैक्स
गुजराती स्कूल सत्यसांई चौराहे पर 16 व 17 मार्च को रामकथा का आयोजन हुआ। इसमें दो हजार से लेकर पांच हजार की टिकट बेची गई। यह टिकट ऑनलाइन बिकी। इसमें नेतानगरी भी खूब उमड़ी। आयोजक रेंजल डेंजल की टीम थी। इसके लिए बकायदा एड दिए गए और ऑनलाइन टिकट बुकिंग हुई। इसमें कई तो स्पांसर ग्रुप भी थे, यानी टिकट के साथ ही स्पांसरशिप से भी लंबी-चौड़ी कमाई हुई है। मनोरंजन कर के अनुसार टिकट आय के साथ ही अन्य स्त्रोत से हुई आय पर भी कुल 10 फीसदी का टैक्स लिया जाता है। यानी लाखों रुपए की टैक्स चोरी नाक के नीचे हो गई।
क्यों चुप है महापौर और निगम
इस मामले में अब सवाल उठ रहे हैं कि दिलजीत शो के समय और फिर अब हनी सिंह के समय जमकर हल्ला मचाने वाले जिम्मेदार चुप क्यों हैं। महापौर पुष्यमित्र भार्गव के कहने पर निगम की टीम ने हनी सिंह शो को लेकर लगातार नोटिस जारी किए, अंतिम दिन 50 लाख का नोटिस थमाया, फिर शो खत्म होने के बाद राशि नहीं मिलने पर साउंड सिस्टम जब्त किया। फिर हाईकोर्ट के फैसले के बाद इसे अपनी जीत भी बताया लेकिन अब इस मामले में सभी चुप है।
मंत्री, विधायक, सभी पहुंचे थे आयोजन में
इस आयोजन में मंत्री कैलाश विजयवर्गीय दोनों ही दिन रामकथा में पहुंचे थे और कुमार विश्वास के साथ परिवार के साथ मुलाकात की थी। विधायक रमेश मेंदोला व अन्य नेता भी आयोजन में गए थे। लेकिन किसी ने भी टैक्स के मामले में कोई बात नहीं की।
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