प्रदेश की राजनीति को हिला देने वाले हनी ट्रैप कांड ( honey trap scandal ) में दो मामले एक साथ चल रहे हैं। जिला कोर्ट से पूर्व सीएम कमलनाथ से पैन ड्राइव जब्त करने संबंधी अपील खारिज होने के बाद आरोपी पक्ष ने हाईकोर्ट में याचिका लगाई थी। इसमें हाईकोर्ट ने कहा है कि अभी पैन ड्राइव जब्ती का आदेश नहीं दिया जा सकता है। अब जिला कोर्ट में 14 सितंबर को चार्ज फ्रेम को लेकर बहस होगी।
कमलनाथ को लेकर यह हुआ
पूर्व सीएम कमलनाथ ने कहा था कि हनी ट्रैप को लेकर मेरे पास सीडी, पैनड्राइव है। इसे लेकर आरोपी पक्षों ने इसे जब्त कर कोर्ट में पेश करने का आवेदन दिया था, एसआईटी ने इसे लेकर पूर्व सीएम को नोटिस भी दिया था, लेकिन कोई जब्ती नहीं हुई।
आरोपियों के अधिवक्ता यावर खान ने कहा कि हाईकोर्ट में अपील की थी, लेकिन कहा गया है कि अभी अन्य लोगों की जांच चल रही है, इसलिए अभी जब्ती के आदेश नहीं दे सकते हैं। जस्टिस सुबोध अभ्यंकर की कोर्ट में सुनवाई हुई थी। इसमें सामने आया कि अभी पुलिस ने धारा 173 (8) के तहत अन्य लोगों के संबंध में विवेचना पूरी नहीं की है। इस वजह से कमलनाथ के पास मौजूद DVR को जब्त करने के संबंध में अभी निर्देश नहीं दिए जा सकते हैं।
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जिला कोर्ट में यह हुआ हनी ट्रैप को लेकर
जिला कोर्ट में आरोपी आरती दयाल और बरखा सोनी की ओर से याचिका लगाई गई है कि उन्हें आरोप मुक्त किया जाए, उनपर लगे आरोप गलत है। इस पर अब 14 सितंबर को अहम सुनवाई होगी। विशेष लोक अभियोजक अभिजीत सिंह राठौर ने कहा कि अगली सुनवाई अहम हो सकती है, इसमें आरोपियों पर चार्ज फ्रेम होने को लेकर बहस होगी।
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साल 2019 में आया था हनी ट्रैप केस
17 सितंबर 2019 में हनी ट्रैप मामला सामने आया था। नगर निगम इंदौर के तत्कालीन चीफ इंजीनियर हरभजन सिंह ने पलासिया थाने में शिकायत की थी कि कुछ युवतियों ने अश्लील वीडियो के नाम पर ब्लैकमेल किया। 3 करोड़ रुपए की मांग की गई थी।
पुलिस ने 6 महिलाओं समेत आठ को आरोपी बनाया। आरती, मोनिका, श्वेता (पति विजय), श्वेता (पति स्वप्निल), बरखा को गिरफ्तार कर कोर्ट ने जेल भेज दिया था। इनके अलावा गाड़ी ड्राइवर ओमप्रकाश कोरी को भी गिरफ्तार किया गया था। बाद में सभी की जमानत हो गई थी। अभिषेक ठाकुर, रूपा भी आरोपी हैं। सिटी इंजीनियर हरभजन सिंह द्वारा दर्ज कराई गई एफआईआर में कई खुलासे हुए थे।
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