BHOPAL. मध्य प्रदेश के एक मंत्री के बेटे के खिलाफ रेस्तरां मालिक और उसकी पत्नी से मारपीट करने के आरोप में मामला दर्ज किया गया है। दंपती की शिकायत पर पुलिस ने जो FIR दर्ज की है, उसने पुलिस की कार्यशैली पर सवाल खड़े कर दिए हैं। पुलिस की FIR में आरोपी का नाम अभिज्ञान पटेल तो दर्ज किया गया है, लेकिन इतनी बड़ी घटना में पुलिस को आरोपी के पिता का नाम तक नहीं पता है और ना ही पुलिस को आरोपी के घर का पता। अमूमन पुलिस छोटे-छोटे से केस में आरोपियों का पूरा रिकार्ड तलाश लेती है, लेकिन आरोपी के पिता प्रदेश के स्वास्थ्य राज्य मंत्री नरेंद्र शिवाजी पटेल का नाम तक पुलिस को पता नहीं हैं । आपको बताते चलें कि दंपती की शिकायत पर पुलिस जो FIR दर्ज की उसकी एक प्रति सामने आ रही है । जिसमें आप खुद देख लीजिए शाहपुरा पुलिस की करतूत....
ये है पूरा मामला
भोपाल में स्वास्थ्य राज्य मंत्री नरेंद्र शिवाजी पटेल ( Minister Narendra Shivaji Patel ) के बेटे अभिज्ञान पटेल ने शाहपुरा पुलिस थाना इलाके में शनिवार को रेस्टोरेंट ( restaurant ) संचालक दंपती से मारपीट और थाने में हंगामे के दौरान जो उत्पात मचाया था, वह मामला रविवार को भी छाया रहा। शनिवार देर रात मंत्री पुत्र पर गाली-गलौज, मारपीट, जान से मारने की धमकी देने का केस दर्ज कर लिया गया, वहीं मंत्री पुत्र अभिज्ञान के दोस्त की शिकायत पर रेस्टोरेंट संचालक दंपती ( restaurateur couple ) और कुक के खिलाफ साधारण मारपीट का मुकदमा दर्ज किया गया है। इससे पहले बेटे को हिरासत में लेने की जानकारी मिलते ही थाने पहुंचे मंत्री पटेल भी आपा खो बैठे और अभद्र व्यवहार करते हुए पुलिसकर्मियों की वर्दी उतरवाने की धमकी तक दे डाली थी। दो घंटे बाद ही 4 पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया गया।
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सीएम मोहन ने मंत्री को लगाई फटकार
इधर, बेटे की गुंडागर्दी पर सीएम डॉ. मोहन यादव ( Dr. Mohan Yadav ), बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष वीडी शर्मा ( BJP state president VD Sharma ) और संगठन महामंत्री हितानंद शर्मा ( Hitanand Sharma ) ने मंत्री नरेंद्र शिवाजी पटेल को फटकार लगाई है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ( jeetu patwari ) ने धारा 307 में केस दर्ज करने की मांग की।
पटवारी पहुंचे होटल संचालक से मिलने
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी पीड़ित होटल संचालक दंपती और मीडियाकर्मी को अपने साथ लेकर शाहपुरा थाने पहुंचे। जीतू पटवारी ने एसीपी मयंक खंडेलवाल से कहा कि होटल संचालक के सिर में सात टांके आए हैं। 307 का मुकदमा क्यों दर्ज नहीं हुआ। मीडियाकर्मी की FIR क्यों नहीं लिखी गई। पुलिसकर्मियों को सस्पेंड क्यों किया गया। उन्होंने बताया कि इसके जवाब में थाना प्रभारी ने कहा कि पुलिसकर्मियों को सस्पेंड करने की हमें जानकारी नहीं है। जांच के बाद धाराएं बढ़ाई जाएगी।
एएसआई समेत चार सस्पेंड
इधर, थाने में मंत्री पुत्र के साथ अभद्रता करने के आरोप वाले एएसआई सहित चारों पुलिसकर्मियों के खिलाफ जांच शुरू हो गई। जांच का जिम्मा हबीबगंज एसीपी को सौंपा गया है। पहले चारों को लाइन अटैच किया गया इसके बाद रविवार को उन्हें सस्पेंड कर दिया गया। एसआई जय कुमार, आरक्षक नरेश गुर्जर सहित दो अन्य पुलिसकर्मियों को थाने के सीसीटीवी फुटेज और बयानों के आधार पर सस्पेंड किया गया है।
थाना प्रभारी की बात तक नहीं सुनी मंत्री ने
थाना प्रभारी रघुनाथ सिंह उन्हें समझा रहे थे कि आप कमरे में अंदर तो आएं, लेकिन मंत्री ने कहा कि सीनियर अफसरों से ही बात करूंगा। मेरे बेटे को मारने की हिम्मत कैसे हुई? कुछ देर बाद एसीपी मयूर खंडेलवाल, एडि. डीसीपी रश्मि अग्रवाल दुबे, डीसीपी प्रियंका शुक्ला भी पहुंची तो मंत्री पटेल का गुस्सा शांत हुआ।
रात 12 बजे तक थाने में बैठे रहे मंत्री पटेल
विवाद के बाद मौके पर पुलिस पहुंची और मामला शांत कराया। इसके बाद अलीसा सक्सेना पति के साथ थाने में मामला दर्ज कराने पहुंची तो मंत्री पुत्र अभिज्ञान भी अपने दोस्तों के साथ थाने पहुंचकर धमकी देने लगा। पुलिसकर्मियों से भी बहस करने लगा। इसके बाद पुलिसकर्मियों ने उसे धक्कर देकर थाने से बाहर निकाल दिया। यह जानकारी जैसे ही मंत्री पटेल को मिली, वे समर्थकों के साथ शाहपुरा थाने पहुंच गए।