INDORE. इंदौर विकास प्राधिकरण यानी IDA की स्कीम 114 पार्ट टू निरंजनपुर की 200 करोड़ से अधिक कीमत की 3.318 हेक्टेयर जमीन पर गुपचुप होने वाला खेल रूक गया। इस जमीन पर लिटिगेशन के बाद भी कुछ लोगों द्वारा निर्माण काम की तैयारी शुरू हो गई थी। आईडीए सीईओ आरपी अहिरवार को जब इसकी जानकारी मिली तो उन्होंने तत्काल अधिकारियों की टीम को मौके पर भेजा और कार्रवाई रूकवाई। मशीनों को भी जब्त कर लिया गया और कानूनी कार्रवाई की भी बात कही गई है।
जमीन पर यह हो रहा था
आईडीए सीईओ अहिरवार के आदेश पर मौके पर सुदीप मीणा और मनीष श्रीवास्तव पहुंचे। यहां जेसीबी चल रही थी और निर्माण काम के लिए तैयारी चल रही थी। यह जेसीबी कई दिनों चल रही थी। इसके लिए जिम्मेदारों की जानकारी निकाली जा रही है और मशीन चलाने वालों से भी डिटेल निकाल जा रही है।
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यह है वह जमीन और विवाद
योजना क्रमांक 114 भाग टू निरंजनपुर सर्वे नंबर 416/4, 416/4, 417/2, 417/3 के कुल एरिया 3.318 हेक्टेयर जमीन है। इसकी मौजूदा कीमत 200 करोड़ रुपए से भी ज्यादा है। आईडीए ने यहां पर स्कीम लॉन्च की थी, लेकिन तब इस जमीन के स्वामी देव श्री सिनेमा के मालिक मनोहर देव ने धारा 50(3) के तहत छूट ली और कहा कि उन्होंने यहां पर ड्राइव इन सिनेमा खोलने की मंजूरी ले रखी है। आईडीए ने संकल्प 221 से 30 नवंबहर 1992 द्वारा निजी विकास की सशर्त मंजूरी दे दी। शर्त थी कि यहां ड्राइव इन सिनेमा ही बनेगा और इसके सिवा अन्य कोई काम नहीं होगा और ना ही भूमि का हस्तांतरण होगा। लेकिन, सिनेमा नहीं बना और यह जमीन भी रेवाचंद तख्तानी परिवार को बेच दी गई। इस पर आईडीए ने संकल्प 105 जो दो जून 2014 को पास किया उसके तहत जमीन को अपनी स्कीम में ले लिया और निजी विकास मंजूरी संबंधी करार को रद्द कर दिया। उधर निजी भूमिस्वामी ने इस पर आवासीय/व्यावसायिक नक्शा पास करने की पहल टीएंसपी में की जिस पर आईडीए ने आपत्ति लगाई। यह पूरा विवाद अब हाईकोर्ट में चल रह है और निजी भूस्वामी को कोई स्टे प्राप्त नहीं है। औपचारिक तौर पर यह जमीन आईडीए की स्कीम में हैं।
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