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Photograph: (The Sootr)
BHOPAL.
पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने एक बार फिर चुनाव लड़ने की इच्छा जताई है। उन्होंने कहा कि यदि पार्टी कहेगी, तो वह साल 2029 का लोकसभा चुनाव झांसी से लड़ना पसंद करेंगी और इंकार नहीं करेंगी। झांसी के चयन पर उन्होंने कहा कि यह उनकी जन्मभूमि के नजदीक है।
उमा भारती ने बुधवार को प्रेस से चर्चा की। उन्होंने कहा - “राजनीति में ,मैं हाशिए पर नहीं हूं। सहज और सरल रहते हुए भी इस क्षेत्र में स्थायित्व पाया जा सकता है। चापलूसों की राजनीति ‘गणेश परिक्रमा’ तक सीमित रहती है।”
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पॉलिटिक्स में मेरी कोई और रुचि नहीं
उन्होंने कहा कि गाय और गंगा - इन दोनों विषयों पर वह राजनीति से इतर, दिल से कार्य कर रही हैं। इसके अलावा पॉलिटिक्स में उनकी कोई और रुचि नहीं है। उमा भारती ने बताया कि गोपाष्टमी यानी 29 अक्टूबर से वह जन सहयोग से ‘गो-संवर्धन अभियान’ की शुरुआत करेंगी, जो डेढ़ साल तक चलेगा। इसके लिए ग्रामीणों और पंचायतों से सहयोग लिया जाएगा तथा किसानों को अभियान से जोड़ा जाएगा।
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लाड़ली बहनों को मिलें दो-दो गायें
उमा भारती ने कहा - “मैं चाहती हूं कि लाड़ली बहनों को दो-दो गाय दी जाएं। वे गौपालन का कार्य बेहतर तरीके से कर सकती हैं।”
इस बारे में उन्होंने प्रदेश के पशुपालन मंत्री लखन पटेल से भी चर्चा की। उमा भारती ने कहा कि गाय तभी बचेगी जब किसान चाहेगा। गो और गंगा आत्मनिर्भर भारत की धुरी हैं।
उन्होंने बताया कि खाड़ी देशों में भी अब गौशाला कोष बनाए जा रहे हैं। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि 4 नवंबर को गंगा सफाई अभियान चलाया जाएगा, जिसमें सभी प्रदेशों के प्रमुख लोग प्रयागराज पहुंचेंगे।
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राजनेता धर्मशास्त्र मर्मज्ञ न बनें
भगवान कृष्ण के ‘गोपाल व माखन चोर’ स्वरूप को लेकर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के हालिया बयान पर उमा भारती ने कहा - “यह विषय संतों पर छोड़ देना चाहिए। राजनेता को शास्त्र मर्मज्ञ नहीं बनना चाहिए।” उन्होंने कहा कि डॉ. यादव सहज और सरल राजनेता हैं, संभवतः उनके मुंह से यह शब्द अनजाने में निकल गए होंगे।