नील तिवारी, Jabalpur. Illegal Tax Collection : बीते दिनों जबलपुर के पुलिस अधीक्षक कार्यालय में पंचायत जिला समन्वय अधिकारी राजेश झरिया शिकायत लेकर पहुंचे थे। शिकायत में उन्होंने बताया था कि कुछ तथाकथित आरोपियों के द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में अवैध वसूली की जाती है जिन्होंने उनकी कार उनसे खरीदी पर उसका भुगतान नहीं किया। जब इस मामले में 'द सूत्र' की टीम ने पड़ताल की तो भ्रष्टाचार की परतें खुलीं।
ठेके पर रखे थे कर्मी
दरअसल वर्ष 2023 में जबलपुर जिला पंचायत समन्वय अधिकारी को ग्रामीण कर (tax) वसूली के लिए अधिकृत किया गया था पर यह समन्वय अधिकारी आदेश आने के पहले से ही 4 से 5 निजी कर्मचारियों को वेतन का झांसा देकर गांव से टैक्स वसूली के काम में लगा चुका था। इस काम के लिए उन्हें बाकायदा ट्रेनिंग भी दी गई थी। राजेश झरिया ने इन निजी कर्मियों को आश्वस्त किया कि उसके पास राजपत्र और आदेश है जिसके तहत वह सभी वसूली करने के लिए अधिकृत है। पर अप्रैल 2022 से चल रही वसूली के लिए इस समन्वय अधिकारी को नवंबर 2023 में अधिकृत किया गया था।
ये खबर भी पढ़ें...
Indore Acid Case : बच्चे ने नींद में पानी समझकर पीया एसिड, मौत
जल और संपत्ति कर सहित निर्माण के पहले जमा करना होता है टैक्स
दरअसल मध्य प्रदेश के भोपाल पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग मंत्रालय वल्लभ भवन भोपाल द्वारा 12 अक्टूबर 2022 राजपत्र प्रकाशित किया गया था जिसके अनुसार ग्राम पंचायत में किसी भी भवन के परि निर्माण, पुनर्निर्माण या निर्माण का कार्य करने से पहले उस व्यक्ति को ग्राम पंचायत द्वारा लागू की गई प्रवृत्त फीस (टैक्स) को जमा कर उसकी रसीद आवेदन के साथ लगानी होगी तभी वह निर्माण वैद्य माना जाएगा। इसके लिए प्रति वर्ग मीटर के हिसाब से फीस की राशि भी तय की गई थी जो 200 रु से 25 हजार तक थी।
मार्च में शुरू की वसूली, नवंबर में मिला प्रभार
जबलपुर जिला जनपद पंचायत के कार्यालय से 27 सितंबर 2023 को जारी आदेश के अनुसार जबलपुर जिला पंचायत के पंचायत समन्वय अधिकारी राजेश झरिया को संपत्ति कर, जल कर और स्वच्छता करों को अधिरोपित कर वसूली करने का प्रभारी अधिकारी नियुक्त किया गया। पर राजेश झरिया ने मार्च अप्रैल माह से पहले ही चार से पांच निजी कर्मचारी बिना किसी लिखित आदेश के नियुक्त किए। इन कर्मचारियों को बाकायदा जनपद पंचायत के कार्यालय में काम करने की ट्रेनिंग दी गई। इसके बाद राजेश झरिया के द्वारा व्हाट्सएप और फोन के जरिए इन निजी कर्मियों को आदेशित किया जाता था कि किस पंचायत में जाकर नोटिस देना है और कहां से वसूली की रकम उठानी है। कर्मचारियों के द्वारा दिए गए साक्ष्यों के अनुसार नवंबर के बाद राजेश झरिया ने कर वसूली का प्रभार मिलने का आदेश भी इन कर्मचारियों को दिया था। साथ ही एक लिस्ट इन कर्मचारियों को दी गई थी जिसमें पंचायत के सरपंच और सचिवों के फोन नंबर थे।
कर्मचारियों के पास प्रभारी की सील लगे कोरे नोटिस
हैरानी की बात यह है की समन्वय अधिकारी राजेश झरिया आरोप लगा रहे हैं कि राहुल पटेल सहित अन्य लोगों के द्वारा ग्राम पंचायत में अवैध वसूली की जा रही है। इन निजी कर्मचारियों के पास जिला पंचायत की सील लगे कोरे नोटिस और कर वसूली की रसीदें भी हैं जो राजेश झरिया के द्वारा ही ट्रेनिंग के बाद इन कर्मचारियों को दी गई थी।
सरपंच से कहना मैंने भेजा है
ठेके पर वसूली कर रहे इन निजी कर्मचारियों को राजेश झरिया ने आदेशित किया था कि दी गई लिस्ट में से सरपंच या सचिव को फोन कर यह बताएं कि उन्हें राजेश झरिया ने भेजा है। इसके बाद सरपंच और सचिव भी इन निजी कर्मियों की कर वसूली में सहायता करते थे। हालांकि, यह वसूली की रकम ज्यादातर या तो नगद ली जाती थी या इन कर्मचारियों के खातों में, जिसे वह बाद में राजेश के पास जमा करते थे। राजेश झरिया या शासन के किसी खाते में यह टैक्स की रकम नहीं ली जाती थी।
अवैध वसूली के मामले सामने आने पर भी नहीं हुई कोई कार्रवाई
दिसंबर 2023 में जबलपुर जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी विनोद कुमार पांडे ने एक आदेश जारी किया। इस आदेश के अनुसार ग्राम पंचायत में अनाधिकृत व्यक्तियों के द्वारा टैक्स वसूली के मामले सामने आए जो नियम विरुद्ध थे। इसके बाद इस नियम विरुद्ध वसूली के खिलाफ कोई कार्यवाही ना करते हुए आदेश में मात्र सचिवों को निर्देशित किया गया कि ग्राम पंचायत के द्वारा जिस व्यक्ति को अधिकृत किया जाता है वही व्यक्ति ग्राम पंचायतों में टैक्स की वसूली करेंगे। हालांकि, इसके बाद राजेश झरिया के द्वारा नियुक्त किए गए निजी कर्मचारियों को अधिकृत करने का कोई आदेश तो नहीं मिला पर राजेश झरिया इसे पीछा छुड़ाने में जुट गया।
महीनों बाद आरोपों के साथ सामने आए समन्वय अधिकारी
नियम विरुद्ध वसूली में लगाए गए इन कर्मचारियों को राजेश झरिया ने 12 हजार रुपए प्रति माह देने का वादा किया था। जब यह रकम कर्मचारियों को नहीं मिली तो उन्होंने राजेश के ऊपर दबाव बनाया जिसके बाद समन्वय अधिकारी राजेश झरिया ने जबलपुर पुलिस अधीक्षक कार्यालय में एक शिकायत सौपीं। शिकायत में उन्होंने राहुल पटेल और रिशु ठाकुर पर यह आरोप लगाए कि उनके द्वारा उनकी एक कार अपने पास रख ली गई है जिसका भुगतान वह नहीं कर रहे हैं। इसी दौरान राजेश झरिया ने यह भी आरोप लगाए कि राहुल पटेल सहित अन्य व्यक्ति गांव में जाकर अवैध वसूली करते हैं और सरपंच और सचिवों को धमकाते हैं। सामने आए तथ्यों और दस्तावेजों के बाद अब यह आरोपी राजेश झरिया के आदेश पर अवैध वसूली करते थे या उन पर लगे आरोप झूठे हैं यह बात तो जांच के बाद ही सामने आ सकती है। लेकिन अब इस मामले में जिला समन्वय अधिकारी की भूमिका भी संदिग्ध नजर आ रही है।
जिस कार की हुई शिकायत वह चुनाव में थी टोल मुक्त
पंचायत समन्वय अधिकारी द्वारा नियुक्त किए गए निजी कर्मचारियों में से एक राहुल पटेल ने जो दस्तावेज सामने लाए हैं उसके अनुसार दिसंबर 2023 में चुनाव के दौरान अल्टो कार क्रमांक एमपी 20 सीजी 8616 को चुनाव ड्यूटी पर बताकर टोल मुक्त करने का आदेश जारी किया गया था। यह कार उन्हें ग्रामीण क्षेत्रों में टैक्स वसूली के लिए राजेश झारिया ने ही दी थी। अब यह आदेश किसी निजी कर्मचारियों के द्वारा जारी करवा पाना तो मुमकिन नहीं लगता है। यह वही आल्टो कार है जिसको समन्वय अधिकारी विवादित बता रहे हैं। हालांकि, समन्वय अधिकारी ने अपनी शिकायत में बताया है कि इस कार का नंबर अभी तक नहीं आया है क्योंकि यह मामला उपभोक्ता फोरम में विचाराधीन है पर असलियत में इस कार में वही नंबर लिखा हुआ है जो टोल मुक्त करने के आदेश में दिखाई दे रहा है।
समन्वय अधिकारी ने आरोपों को सिरे से नकारा
जिला जनपद पंचायत समन्वय अधिकारी राजेश झरिया से जब 'द सूत्र' ने बात की तो उन्होंने आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया उनका यह कहना था कि इन व्यक्तियों को नियुक्त करने के लिए कोई भी लिखित आदेश नहीं दिए गए हैं। हालांकि, तथाकथित आरोपियों पास मौजूद सील लगे नोटिस और रसीद बुक पर वह कुछ भी जवाब नहीं दे सके और फील्ड में व्यस्त होने का कारण बताते हुए बाद में बात करने को कहा।
जबलपुर न्यूज Jabalpur News