मध्य प्रदेश में फेल दर बढ़ी, लड़कियों ने साइंस में किया कमाल, जानिए अन्य राज्यों का हाल
भारत में 2024 के 10वीं और 12वीं बोर्ड परीक्षा परिणामों ने कई महत्वपूर्ण आंकड़े उजागर किए हैं। खासकर, मध्य प्रदेश में सबसे अधिक फेल होने की दर दर्ज की गई, जहां 10वीं में 373 और 12वीं में 317 छात्र असफल हुए। यह आंकड़े राष्ट्रीय औसत से दोगुने से भी अधिक हैं।
MP News : भारत में शिक्षा का स्तर और परिणाम हमेशा चर्चा का विषय रहे हैं, खासकर बोर्ड परीक्षाओं के परिणामों के दौरान। इस वर्ष, 2024 के 10वीं और 12वीं के बोर्ड परीक्षा परिणामों के राष्ट्रीय विश्लेषण से कुछ महत्वपूर्ण तथ्यों का खुलासा हुआ है। विशेष रूप से, मध्य प्रदेश ने अपनी उच्च फेल दर के साथ कई राज्य रिकॉर्ड किए हैं। वहीं, साइंस स्ट्रीम में लड़कियों की सफलता दर ने नया कीर्तिमान स्थापित किया है।
मध्य प्रदेश में फेल होने की दर में इजाफा
भारत में 10वीं और 12वीं के बोर्ड परीक्षाओं में सबसे अधिक फेल होने की दर मध्य प्रदेश में पाई गई है। 2024 के परिणामों के मुताबिक, प्रति हजार छात्रों में से 373 छात्र 10वीं की परीक्षा में और 317 छात्र 12वीं की परीक्षा में फेल हुए। यह राष्ट्रीय औसत से दोगुना से भी अधिक है, जो यह दर्शाता है कि मध्य प्रदेश में शिक्षा प्रणाली में सुधार की आवश्यकता है।
2024 के परिणामों के अनुसार, साइंस स्ट्रीम में लड़कियों का पास प्रतिशत पिछले वर्षों की तुलना में अधिक बढ़ा है। खासकर, साइंस स्ट्रीम में इस वर्ष 28.1 लाख लड़कियों ने सफलता प्राप्त की, जबकि आर्ट्स में केवल 27.2 लाख लड़कियां ही पास हो पाई। इस आंकड़े ने यह स्पष्ट कर दिया कि साइंस में लड़कियों की सफलता दर में अभूतपूर्व वृद्धि हुई है।
नया रुझान - आर्ट्स और कॉमर्स में लड़कियों की सफलता दर में गिरावट
पिछले दो वर्षों की तुलना में 2024 में आर्ट्स और कॉमर्स स्ट्रीम में लड़कियों का पास प्रतिशत कम हुआ है। विशेष रूप से, आर्ट्स में 2023 के मुकाबले 2024 में 2.4% की कमी आई है, जबकि कॉमर्स में यह प्रतिशत 0.1% कम हुआ है।
शिक्षा मंत्रालय की परफॉर्मेंस ग्रेडिंग इंडेक्स फॉर डिस्ट्रिक्ट्स रिपोर्ट 2023-24 के अनुसार, चंडीगढ़, पंजाब और दिल्ली ने स्कूल शिक्षा में सबसे बेहतर प्रदर्शन किया। इन राज्यों में शिक्षा की गुणवत्ता और छात्रों का सफलता प्रतिशत अन्य राज्यों की तुलना में बेहतर रहा। वहीं, गुजरात और ओडिशा ने भी शानदार प्रदर्शन किया।
साइंस में लड़कियों की बढ़ती सफलता को देखते हुए, शिक्षा मंत्रालय ने उच्च शिक्षा मंत्रालय से सिफारिश की है कि साइंस स्ट्रीम में प्रवेश की सीटों की संख्या बढ़ाई जाए। इसके अलावा, उन सात राज्यों में 10वीं और 12वीं के बोर्ड परिणामों में अंतर को खत्म करने की दिशा में भी कदम उठाने की आवश्यकता है, जहां दोनों कक्षाओं के परिणाम अलग-अलग बोर्डों से होते हैं।