पढ़ाई का महत्व समझिए, क्रांति गौड़ के उदाहरण से, खेल की चैंपियन, पर पढ़ाई ने DSP बनने से रोका

विमेंस वर्ल्ड कप 2025 जीतने वाली भारतीय टीम की स्टार खिलाड़ी और एमपी की बेटी क्रांति गौड़ पर उनकी एक चूक भारी पड़ गई है। अब सवाल ये उठ रहा है कि आखिर ये चूक क्या थी? तो चलिए, हम आपको बताते हैं।

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Sourabh Bhatnagar
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मध्य प्रदेश की बेटी और इंटरनेशनल चैंपियन खिलाड़ी क्रांति गौड़ आज पूरे प्रदेश के लिए प्रेरणा बन गई हैं। हालांकि, उनकी कहानी यह भी बताती है कि पढ़ाई-लिखाई जिंदगी में कितनी जरूरी है। हम ऐसा क्यों कह रहे हैं...चलिए आपको बताते हैं।

DSP बन सकती थीं क्रांति, पढ़ाई ने रोका रास्ता

आईटीआई एक्टिविस्ट आनंद राय ने इसको लेकर अपने फेसबुक पर एक पोस्ट किया है। राय लिखते हैं, अगर क्रांति  गौड़ स्नातक (ग्रेजुएट) होतीं, तो सरकार उन्हें स्पोर्ट्स कोटे से DSP बना सकती थी। चूंकि वह अभी सिर्फ आठवीं पास हैं, इसलिए सरकार उन्हें रानी दुर्गावती सशस्त्र महिला बटालियन में फिलहाल सूबेदार या सब-इंस्पेक्टर के पद पर ही नियुक्त कर सकती है।

हालांकि, क्रांति की उम्र अभी मात्र 23 साल है। अगर वह अगले कुछ सालों में पढ़ाई जारी रखते हुए स्नातक की डिग्री हासिल कर लेती हैं, तो भविष्य में DSP बनना उनके लिए पूरी तरह संभव है।

पिता पिछले 13 साल से निलंबित, बहाल करने की उठी मांग

आनंद राय एमपी सरकार से मांग की है कि क्रांति के पिता मुन्नालाल  गौड़ पिछले 13 सालों से निलंबित हैं। उन्हें हेड कॉन्स्टेबल पद पर तुरंत बहाल किया जाए।

राय कहते है कि उनके परिवार का सम्मान लौटाना सरकार की नैतिक जिम्मेदारी है। आदिवासी समाज खुद्दार होता है, और मान-सम्मान के साथ कोई समझौता नहीं करता।

राय ने आगे लिखा कि शिवराज सरकार के समय जो अन्याय हुआ, उसे अब मोहन यादव सरकार सुधार सकती है।

उदाहरण के तौर पर उन्होंने यह भी याद दिलाया कि सचिन तेंदुलकर, जो मात्र 10वीं पास हैं, उन्हें भारतीय सेना ने मानद ग्रुप कैप्टन की उपाधि दी थी।

जातिवाद और भेदभाव का आरोप

आनंद राय ने अपने एक और फेसबुक पोस्ट पर लिखा कि उत्तर प्रदेश में एक पंडिताइन को DSP का पद मिल गया है। वहीं मध्य प्रदेश में क्रांति गौड़ को अपनी मेहनत और संघर्ष के बावजूद अभी तक अपने पिता को आरक्षक पद पर बहाल करवाने के लिए SP दफ्तर के चक्कर काटने पड़ रहे हैं।

2012 से उनके पिता मुन्नालाल गौड़ को निलंबित किया गया है और तब से वह अपनी नौकरी से दूर हैं। राय लिखते हैं कि क्रांति ने खुद अपने मां के गहने बेचकर अपनी स्पोर्ट्स ट्रेनिंग की थी। जब वह अपनी मेहनत और संघर्ष से आगे बढ़ने की कोशिश कर रही थी, तो इस सिस्टम ने उसे हर कदम पर प्रताड़ित किया।

यह सच में एक उदाहरण है कि आग में तपकर कुंदन बनना क्या होता है। क्रांति की कहानी यह दिखाती है कि यह सब कुछ जातिवाद और भेदभाव का ही परिणाम है। उन्होंने अंग्रेजी में लिखा- This is the caste based discrimnation

क्रांति को एक करोड़ देगी एमपी सरकार

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने सोमवार को क्रांति गौड़ को एक करोड़ रुपए देने का ऐलान किया था। अगर क्रांति  गौड़ ग्रेजुएट होतीं, तो सरकार उन्हें स्पोर्ट्स कोटे से DSP बना सकती थी।

पाकिस्तान के खिलाफ की थी क्रांति

विमेंस वर्ल्ड कप 2025 जीतने से पहले भारतीय तेज गेंदबाजक्रांति गौड़ ने पाकिस्तान के खिलाफ भारत की जीत में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। क्रांति ने विश्व कप जैसे बड़े मंच पर पाकिस्तान के खिलाफ 5 अक्टूबर को शानदार गेंदबाजी करते हुए 3 विकेट चटकाए थे।

उनके इस शानदार प्रदर्शन के लिए उन्हें प्लेयर ऑफ द मैच का पुरस्कार भी मिला। क्रांति का यह सफर आसान नहीं रहा।

मध्यप्रदेश के एक छोटे से गांव से आने वाली क्रांति गौड़ ने अपनी मेहनत और संघर्ष के दम पर पहली बार वर्ल्ड कप में जगह बनाई है। दाएं हाथ की तेज गेंदबाज ने पाकिस्तान के खिलाफ मुकाबले में दबाव के बावजूद बहुत ही संयमित गेंदबाजी की।

उन्होंने अपने 10 ओवरों में 18 डॉट गेंदें फेंकी और सिर्फ 20 रन देकर 3 विकेट झटके थे। 

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फाइनल में देश की बेटियों ने ऐसे रचा इतिहास

भारतीय महिला क्रिकेट टीम (इंडिया बनाम साउथ अफ्रीका) ने 47 वर्षों के लंबे इंतजार के बाद पहली बार महिला वनडे वर्ल्ड कप (Women's ODI World Cup) जीता। नवी मुंबई के DY पाटील स्टेडियम (DY Patil Stadium) में खेले गए फाइनल मुकाबले में भारत ने साउथ अफ्रीका को 52 रन से हराया।

World Cup Final Highlights: विमेंस वर्ल्ड कप जीत गईं बेटियां! साउथ अफ्रीका  को हराकर टीम इंडिया बनी विश्व चैम्पियन - india vs south africa live score  women world cup 2025 final ind

पहले बल्लेबाजी करते हुए, भारत ने 7 विकेट पर 298 रन बनाए। इसमें शेफाली वर्मा के 87 रन और दीप्ति शर्मा के 58 रन अहम थे। स्मृति मंधाना ने 45 और ऋचा घोष ने 34 रन बनाए।

वहीं, साउथ अफ्रीका ने केवल 246 रन ही बनाए और ऑलआउट हो गई। हालांकि, कप्तान लौरा वोल्वार्ट ने शानदार शतक लगाया, लेकिन वह अपनी टीम को जीत दिलाने में सफल नहीं हो पाईं। भारत की दीप्ति शर्मा ने पांच विकेट लेकर भारत की जीत में अहम योगदान दिया।

मैच के दौरान क्रांति का शानदार प्रदर्शन

फाइनल मैच से पहले घुवारा गांव में जबर्दस्त उत्साह था। गांव वालों ने बड़े एलईडी स्क्रीन पर मैच देखा और क्रांति के पोस्टर लगाए थे। सभी की उम्मीद थी कि क्रांति इस मुकाबले में शानदार प्रदर्शन करेंगी, और उन्होंने ऐसा किया भी।

क्रांति ने साउथ अफ्रीका के बल्लेबाजों को अपनी शानदार गेंदबाजी से बांधे रखा। उन्होंने महज 16 रन देकर तीन ओवर का स्पेल डाला और टीम इंडिया की जीत में अहम भूमिका निभाई।

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